भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, Indian National Flag in Hindi, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज एक क्षैतिज तिरंगा है, जिसमें बराबर अनुपात में गहरा भगवा रंग सबसे उपर, मध्य में सफेद और गहरा हरा रंग नीचे है। ध्वज की लंबाई चैड़ाई का अनुपात 2:3 है। सफेद पट्टी के बीच में एक गहरे नीले रंग का चक्र है जो धर्म चक्र का प्रतीक है। इस चक्र में 24 तीलियां हैं।
ध्वज में भगवा रंग साहस, बलिदान और त्याग का प्रदर्शन करता है। इसका सफेद रंग पवित्रता और सच्चाई तथा हरा रंग विश्वास और उर्वरता का प्रतीक है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को स्वतंत्रता के प्रतीक के तौर पर डिजाइन किया गया था। स्वर्गीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने इसके लिए कहा था ‘यह ना सिर्फ हमारी स्वतंत्रता का ध्वज हैै बल्कि सबकी आजादी का प्रतीक है’।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वैंकया ने डिजाइन किया और इसमें भगवा, सफेद और हरे रंगों की समान पट्टियां हैं। इसकी चैड़ाई का अनुपात इसकी लंबाई के मुकाबले 2:3 है। यह भारत के एक स्वतंत्र गणतंत्र होने का प्रतीक है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के वर्तमान स्वरुप का अस्तित्व 22 जुलाई 1947 को हुई संवैधानिक सभा की बैठक मेें आया। इस ध्वज ने 15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक डोमिनीयन आॅफ इंडिया और उसके बाद से भारत गणराज्य के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व किया।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (Indian National Flag) में सफेद पट्टी के बीच स्थित चक्र को अशोक चक्र कहा जाता है और इसमें 24 तीलियां होती हैं। भारतीय मानक संस्थान यानि आईएसआई के द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार चक्र सफेद पट्टी के 75 प्रतिशत भाग पर फैला होना चाहिये। राष्ट्रीय ध्वज हमारे सबसे सम्मानजनक राष्ट्रीय चिन्हों में से एक है। इसके निर्माण और इसे फहराने को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं। आधिकारिक ध्वज ब्यौरे के अनुसार ध्वज का कपास, सिल्क और वूल को हाथ से कात कर बनाई खादी से बना होना आवश्यक है।
ध्वज के उत्पादन के मानक तय करने के लिए एक कमेटी है। कमेटी ने इसे फहराने के लिए भी नियम बनाए हैं। इस कमेटी का नाम भारतीय मानक ब्यूरो है। इसने ध्वज संबंधी सभी बातों जैसे कपड़ा, डाई, रंग, धागों की गिनती और सभी बातों का विस्तृत विवरण दिया है। भारतीय ध्वज केवल खादी से बनाया जा सकता है। यह दो प्रकार की खादी से बनाया जाता है, एक प्रकार मुख्य हिस्से के काम आता है और दूसरा प्रकार जो ध्वज को डंडे से बांधे रखता है।
राष्ट्रीय प्रतीक होने के नाते हर भारतीय इसका सम्मान करता है। आम लोगों के लिए भारतीय ध्वज संबंधी कुछ नियम बनाए गए हैं।
ध्वज संहिता के अनुसार भारत के नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज को कुछ महत्वपूर्ण दिन, जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और महात्मा गांधी के जन्मदिन के अलावा फहराने का अधिकार नहीं है। प्रसिद्ध उद्योगपति नवीन जिंदल ने अपने कार्यालय के भवन पर झंडा फहराने पर दी गई चेतावनी को कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने इसके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की जो कि अभी विचाराधीन है, लेकिन फैसला आने तक कोर्ट ने आम लोगों को सम्मानजनक तरीके से ध्वज फहराने की अस्थाई अनुमति दी है।
विश्व की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 29 मई 1953 में भारतीय झंडा फहराया गया। विदेशी धरती पर पहली बार भारतीय झंडा मैडम भीकाजी कामा ने फहराया। उन्होंने इसेे जर्मनी में स्टूटग्राट में 22 अगस्त 1907 को फहराया।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पहली बार अंतरिक्ष में विंग कमांडर राकेश शर्मा के साथ 1984 में गया। राकेश शर्मा के स्पेस सूट पर वह एक पदक की तरह जोड़ा गया था।