धौलीगंगा नदी, जो अलकनंदा की सहायक नदी है, गढ़वाल और तिब्बत के बीच नीति दर्रे से निकली है। धौली गंगा गंगा नदी की पांच आरंभिक सहायक नदियों में से एक है। यह नदी अलकनंदा नदी से विष्णु प्रयाग में संगम करती है। इसमें कई अन्य छोटी नदियॉं मिलती है जैसे - पर्ला, कामत, जैन्ती, अमृतगंगा तथा गिर्थी नदियॉ।
धौलीगंगा नदी पर बना धौलीगंगा पावर स्टेशन (4X70 मेगावाट) लघु जल संचय वाली बहते पानी (रन-ऑफ-दि-रीवर) की परियोजना है, जो धौलीगंगा नदी की विद्युत क्षमता का दोहन करती है। यह उत्तराखण्ड के जिला पिथौरागढ़ में स्थित है। परियोजना में 56 मी. ऊंचा, 270 मी. लंबा कंक्रीट फेस्ड रॉक फिल डैम और 6.5 मी. व्यास की 5.4 कि.मी. लंबी हेड रेस टनल है। भूमिगत पावर हाऊस इलागड़ के नजदीक स्थित है, जिसकी संस्थापित क्षमता 280 मेगावाट है।
इस पावर स्टेशन में 297 मी. निर्धारित हेड से संचालित करने के लिए 70 मेगावाट (प्रत्येक) की 04 यूनिटें हैं। पावर हाऊस को 95% मशीन उपलब्धता एवं 90% निर्भरता वर्ष में 1134.69 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन करने के लिए डिजाइन किया गया है। पावर स्टेशन की यूनिट-। और यूनिट-।। क्रमश: अक्टूबर, 2005, व सितबंर, 2005 में कमीशन की गई थीं और यूनिट-।।। व यूनिट-IV जुलाई, 2005 में कमीशन की गई थीं। परियोजना के निर्माण से क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, चिकित्सा सुविधाओं और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है।