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बृहस्पति देव जी की आरती

बृहस्पति देव जी की आरती (Brihaspati Dev Aarti in Hindi) गुरूवार या बृहस्पतिवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य का जीवन सुखी होता है। भारत में वीरवार के दिन व्रत रखने का विधान है। इस व्रत में मुख्य रूप से बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपडे तथा पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए।

Brihaspati Dev Religious Aarti
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"आरती"

जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा।
छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी॥

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे॥

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