राधे राधे बोल श्याम, Radhe Radhe Bol Shyam Radha Krishna Bhajan, राधा जी श्री कृष्ण की प्राणसखी, ब्रज धाम की रानी और वृषभानु की पुत्री है। राधा कृष्ण शाश्वत प्रेम का प्रतीक हैं। राधा की माता कीर्ति के लिए 'वृषभानु पत्नी' शब्द का प्रयोग किया जाता है। राधा को कृष्ण की प्रेमिका और कहीं-कहीं पत्नी के रूप में माना जाता हैं।
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे॥
सात स्वर्ग पांच अपवर्ग ठुकरायेंगे।
बैकुंठ की भी कम्मना ना उर लायेंगे॥
राधे राधे गायेंगे॥
प्रियतम के सुख में ही सुख पायेंगे।
बृज रस में ही नित्त मन को डूबायेंगे॥
पिय ठुकरावे हम प्यार किये जाएंगे।
पिय कहु जनि आवे हम रोय जाएंगे॥
पिय नहीं आयेंगे तो प्यारी को बुलायेंगे।
प्यारी जब आएँगी तो प्यारे भाजे आएंगे॥
राधे जू के गुण गण मुरली में गाएंगे।
राधे जू की छबी लखि बलि बलि जायेंगे॥
राधे जू की छबी लखि बलि बलि जायेंगे।
जय हो जय हो कहि कहि बुजन उठाएंगे॥
राधा भाव गहि श्याम, श्याम श्याम गायेंगे।
हम तो ʻकृपालुʼ राधे श्याम नाम गायेंगे॥
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