मनोज सिन्हा का जीवन परिचय

मनोज सिन्हा का जीवन परिचय, Manoj Sinha Biography In Hindi, मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई, 1959 को मोहनपुरा, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU), वाराणसी से बी.टेक और एम.टेक की उपाधियां प्राप्त कीं। श्री मनोज सिन्हा ने रेलवे के नए राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है।

Manoj Sinha Biography
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मनोज सिन्हा उत्तर प्रदेश से संसद (लोक सभा) के सदस्य हैं। सिन्हा ने वर्ष 1982 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU), वाराणसी से सिविल इंजीनियरिंग में एम.टेक किया है। वे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष थे। वर्ष 1989-96 के मध्य में वे राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे। वर्ष 1996 में वे 11वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए तथा वर्ष 1999 में उन्हें पुन: 13वीं लोक सभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। 1999 से 2000 के मध्य वे योजना तथा वास्तुशिल्प विद्यापीठ की महापरिषद के सदस्य रहे तथा शासकीय आश्वासन समिति तथा ऊर्जा समिति के सदस्य भी रहे। वर्ष 2014 में वे 16 वीं लोक सभा (तीसरा सत्र) के लिए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।

बचपन खेत-खलिहान के बीच में गुजरने की वजह से ये अपने ह्रदय से एक किसान है। इस वजह से सिन्हा का झुकाव सदा पिछड़े गाँव की तरफ रहा। ये सदा ऎसी जगहों पर जाते और वहाँ के लोगों से उनकी समस्याओं को जानने में लगे रहते। ये ह्रदय से एक पर्यटक भी हैं, भ्रमण में रूचि होने की वजह से अक्सर ये अलग-अलग जगहों पर जाया करते हैं, न सिर्फ घूमने के लिए बल्कि नयी जगहों पर जाकर वजह की परेशानियों को और राजनैतिक गतिविधियों को भी समझने में लगे रहते हैं।

इनका विवाह 8 मई 1977 ई में नीलम सिन्हा से हुआ। इनकी पत्नी बिहार के नालंदा ज़िले में आने वाले बिहार शरीफ़ की रहने वाली हैं। संतानों में इनका एक बेटा और एक बेटी है।

अपने छात्र जीवन से राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) के सक्रीय राजनैतिक कैरियर की शुरुआत तब हुई, जब वे सन 1982 में आइआइटी-बीएचयु के छात्र संघ का चुनाव जीतकर वहाँ के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्हें अपने राजनैतिक सफ़र में पीछे मुड़ कर नहीं देखना पडा। सन 1996 में वे पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बने इसके बाद पुनः 1999 में उन्होंने इसी जगह से फिर चुनाव जीता। सन 1989 से सन 1996 के बीच वे तात्कालिक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेशनल कौंसिल के सदस्य भी बने। कई लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी घरेलु ज़मीन ग़ाज़ीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। ये इनका तीसरी बार लोकसभा सांसद बनना हुआ। मनोज सिन्हा को भारत की तेरहवीं लोकसभा से अब तक बहुत अच्छा काम करते पाया गया है। उन्होंने लोकसभा में कई ऐसे सवाल उठाये जो आम ज़िन्दगी से जुड़े थे। लोकसभा में उनकी इस तरह की सक्रीय गतिविधियों को देखते हुए सभी ने उनकी खूब प्रशंसा की।

मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) रेल राज्य मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने रेल के लिए काम करते हुए 250 करोड़ के पैकेज की घोषणा की, ताकि नागरिकों के लिए रेल में सुविधाएँ बधाई जा सकें, तथा पुरानी सुविधाओं को और बेहतर की जा सके। पुराने रेल मंत्रियों से अलग उन्होंने नये प्लान की घोषणा करने के बजाये पुराने अपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने पर जोर दिया। हाल ही में एक सभा में उन्होंने कहा है कि वे भारतीय रेलवे के विकास के लिए बाध्य हैं, और इस वजह से यदि उन्हें कोई कड़े क़दम उठाने पड़े तो वो ज़रूर उठाएंगे।

इसके साथ ही वे हर वर्ष नए ट्रेनों को लोगों के लिए शुरू करने की योजना पर ध्यान दे रहे है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में लगभग सवा दो लाख कर्मचारियों का पद खाली है, जिसे जल्द से जल्द भरने की कोशिश की जायेगी। इस क़दम से कई युवाओं को रोज़गार मिलेगा। मनोज सिन्हा की कोशिश है कि भारतीय रेल में नए टेक्नोलॉजी का प्रयोग अधिक से अधिक हो, इससे भारतीय रेल की क्षमता में वृद्धि होगी और यात्रियों को सफ़र करने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि रेलवे का बजट प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ से 1.21 लाख करोड़ कर दिया गया है। तात्कालिक समय में प्रतिदिन सात किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जा रही है, जिसे जल्द से जल्द तेरह किलोमीटर करने की कोशिश है। साथ ही जीरो एक्सीडेंट और बेहतर रिजर्वेशन सिस्टम का टारगेट भी सन 2020 तक पूरा किया जाएगा। इसके साथ की भारत सरकार इसरो से भी बात कर रही है कि किस तरह रेलवे में स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो।

पिछले साल सन 2016 में रेल राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे मनोज सिन्हा को टेलिकॉम मिनिस्ट्री भी मिली। इन्हें रविशंकर प्रसाद की जगह पर रखा गया, जब रविशंकर प्रसाद को आईटी विभाग का कार्यभार सौंपा गया था। टेलिकॉम मिनिस्ट्री में भी वे बहुत अच्छा काम करते हुए नज़र आ रहे हैं। ये भारत संचार निगम लिमिटेड को आगे बढ़ने और उसकी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
इनकी कर्मठता और इनके साफ़ छवि को देखते हुए, इस साल हुए उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी द्वारा जीत लेने के बाद, इनका नाम उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर भी लिया जा रहा है।

किसी नेता के लिए सबसे बड़ा अवार्ड उसे ईमानदार कहलाना होता है। तात्कालिक समय में भारत के लीडिंग मैगज़ीन में एक इंडिया टुडे ने मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) को लोकसभा के साथ सबसे अधिक ईमानदार सदस्यों में सम्मिलित किया है। इस मैगज़ीन के अनुसार मनोज सिन्हा जैसे कुछ ही नेता हैं, जिन्होंने एमपी के फंड में आने वाले पैसों का अधिक से अधिक इस्तेमाल आम लोगों के लिए किया है। मनोज सिन्हा जी भारत के एक राजनेता हैं जो वर्तमान में रेलवे के राज्यमंत्री और संचार राज्यमंत्री (स्तंत्र प्रभार) तथा 16वीं लोक सभा के सदस्य हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और गाजीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) - बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।

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