साइखोम मीराबाई चानू का जीवन परिचय

मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) ने 24 जुलाई 2021 को टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत भारत का टोक्यो ओलंपिक में खाता खोला था। वह गोल्ड मेडल जीतने से बस थोड़ा ही चूक गईं थी। खेल मंत्रालय ने विराट कोहली और वर्ल्ड चैंपियन वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू के इस साल का खेल रत्न देने का फैसला किया है। ये स्पोर्ट्स का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। 22 जनवरी आईएएनएस भारोत्तोलन में भारत के पहले द्रोणाचार्य अवार्डी विजेता पाल सिंह संधू को उम्मीद थी कि अनुभवी महिला वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू आगामी टोक्यो ओलंपिक में देश को पदक ज़रूर दिलाएंगी।

Mirabai Chanu Biograpy Biography
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Saikhom Mirabai Chanu Biograpy -

साइखोम मीराबाई चानू एक भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी हैं। 2021 के टोक्यो ओलंपिक खेलों में इन्होंने 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता। भारत के लिये भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने वाली वे प्रथम महिला हैं। वह 2014 से नियमित रूप से 48 किग्रा श्रेणी की अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहीं हैं।

चानू ने विश्व चैम्पियनशिप तथा राष्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीते हैं। उन्हें खेल के क्षेत्र में योगदान के लिये भारत सरकार से पद्म श्री एवं राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिल चुका है।

साइखोम मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को भारत के एक उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल में हुई थी। इनकी माता का नाम साइकोहं ऊँगबी तोम्बी लीमा है जो पेशे से एक दुकानदार हैं वहीँ इनके पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई है जो PWD डिपार्टमेंट में नौकरी करते हैं।

मीराबाई चानू अपने बचपन के दिनों से ही भारत्तोलक में रूचि रखती थी क्योंकि केवल 12 वर्ष की उम्र में ही लकड़ियों के बंडल उठाकर अभ्यास किया करती थी। मीराबाई चानू ने यहाँ तक पहुँचने के लिए कड़ा संघर्ष किया है। आज भले ही पूरा देश मीराबाई चानू का नाम जानता है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब मीराबाई चानू लकड़ी बीनने का काम करती थी।

मीराबाई चानू के परिवार में उनके माता-पिता और छह भाई-बहन है। मीराबाई चानू अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी है. मीराबाई चानू के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। यही कारण है कि वह अपने परिवार की मदद करने के लिए अपने भाई के साथ पहाड़ों पर लकड़ी बीनने के लिए जाती थी।

चानू ने 2014 राष्ट्रमण्डल खेल में 48 किग्रा श्रेणी में रजत पदक जीता तथा गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 संस्करण में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीता। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में अनाहाइम, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हुई विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना था।

चानू ने 24 जुलाई 2021 को ओलम्पिक में 49 किग्रा भारोत्तोलन मेंं भारत के लिए पहला रजत पदक जीता। उन्होंने स्नैच में 87 kg भार उठाते हुए,क्लीन एंड जर्क में 115 kg सहित कुल 202 किलोग्राम वजन उठा कर रजत पदक पर कब्ज़ा किया। चानू ने टोक्यो ओलम्पिक 2020 में भारत को पहला पदक दिलाकर पदक तालिका में खाता खोला।

गौरतलब है कि सुश्री कर्णम मल्लेश्वरी (कांस्य पदक सिडनी ओलंपिक 2000) के बाद चानू वेटलिफ्टिंग मे पदक जीतने वाली दूसरी व भारत की ओर से रजत पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय वैटलिफ्टर बन गई है। चानू ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वयं के 186 kg रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान 202 kg स्थापित किया। इन्होंने ग्लासगो में हुए 2014 राष्ट्रमण्डल खेलों में भारोत्तोलन स्पर्धा के 48 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया।

उन्होंने कुल 170 किलो वजन उठाया, जिसमें 75 स्नैच में और 95 क्लीन एण्ड जर्क में था। इन्होंने ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में आयोजित 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया, किंतु क्लीन एण्ड जर्क में तीनों प्रयास असफल रहने के बाद वह पदक जीतने में असफल रहीं।

2017 में उन्होंने महिला महिला 48 किग्रा श्रेणी में 194 किग्रा (85 किग्रा स्नैच तथा 109 किग्रा क्लीन एण्ड जर्क) का भार उठाकर 2017 विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप, अनाहाइम, कैलीफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वर्ण पदक जीता। वह भारत में मणिपुर राज्य से हैं।

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