बेमौत हिंदी कविता, Bemaut Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
रहने दे मत जन्म दे मुझको, तू इतनी क्यों डर गई,
तेरे कोख कि जनी हूँ माँ, मैं बेमौत ही मर गई।
जन्म दिया तुमने मुझको तो छिप छिप करके रोयी,
बाबुल ने फेरी आखें, मैंने भी ममता खोई,
उम्र बढ़ी जैसे जैसे, यह दुश्मन बन गई चोटी,
लाज छुपाने को सारी दुनिया सिमट हुई छोटी,
माँ का दामन थामे फिर भी, कितनी बार सिंहर गई,
तेरे कोख की जनी हूँ माँ, मैं बेमौत ही मर गई।
पहले पंखुड़ियाँ नोची, पैरों से कुचला मुझको,
अपनी माँ कि प्यारी फिर, अजगर सा निगला मुझको,
चीखी चिल्लाई तडपती, मछली-सा फिर छोड़ दिया,
यमदूतों ने आकर फिर, कफ़न मौत का ओढ़ दिया,
माँ बोलो! मेरी किस्मत, लिखी तक़दीर किधर गई,
तेरे कोख की जनी हूँ माँ, मैं बेमौत ही मर गई।
आँसू का सैलाब उठा, फिर मैं बनी बहादुर बेटी,
ना हुई विदाई मेरी, न ही डोली पर बैठी,
मेरे बाबुलदुःख मत करना, अब उनके घर जन्मुंगी,
बेटी बनकर दर्द उन्ही के, आखों में भी देखूँगी।
देख तमाशा घर लौटे, माँ की आँख भर गई,
तेरे कोख की जनी हूँ माँ, मैं बेमौत ही मर गई।