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जीवन नहीं मरा करता - कविता

जीवन नहीं मरा करता कविता, Jivan Nahi Mara Karta Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।

Jivan Nahi Mara Karta Hindi Rhymes
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"कविता"

छुप छुप अश्रु बहाने वालो, मोती व्यर्थ बहाने वालो,
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है।

सपना क्या है? नयन सेज पर, सोया हुआ आंख का पानी,
और टूटना है उसका ज्यों, जागे कच्ची नींद जवानी,

गीली उमर बनाने वालो, डूबे बिना नहाने वालो,
कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है।

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर, केवल जिल्द बदलती पोथी,
जैसे रात उतार चांदनी, पहने सुबह धूप की धोती,

वस्त्र बदल कर आने वालो, चाल बदल कर जाने वालो,
चन्द खिलौनों के खोने से, बचपन नहीं मरा करता है।

लाख बार गगरियां फूटीं, शिकन न आई पनघट पर,
लाखों बार किस्तियां डूबीं, चहल पहल वो ही है तट पर,

तम की उम्र बढ़ाने वालो, लौ की आयु घटाने वालो,
लाख करे पतझड़ भी कोशिश, पर उपवन नहीं मरा करता है।

लूट लिया माली ने उपवन, लुटी न लेकिन गंध फूल की,
तूफानों तक ने छेड़ा पर, खिड़की बन्द न हुई धूल की,

नफरत गले लगाने वालो, सब पर धूल उड़ाने वालो,
कुछ मुखड़ों की नाराजी से, दर्पण नहीं मरा करता है।

कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है।
जीवन नहीं मरा करता है।

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