कभी जीत कभी हार कविता, Kabhi Jeet Kabhi Har Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
जब रिक्त होता हूँ, तो आकाश होता हूँ,
जब मरुस्थल होता हूँ, तो एक प्यास होता हूँ।
धरती सद्रश भारी - एक प्यास होता हूँ
निर्मल वायु सी प्रवाह, एक साँस होता हूँ।
मैं अर्ध खिला फूल, एक आकाश होता हूँ,
बहता शीतल जल, एक विश्वास होता हूँ।
अमावस में दिये सा आभास होता हूँ,
दिनकर की किरणों का उल्लास होता हूँ।
सच मेरी आखों में, कब निराश होता हूँ,
मैं तो प्रिय बस, प्रक्रति के पास होता हूँ।
हसूँ टो बूदों की, बौछार बन जाता हूँ,
अर्चना के फूलों का, श्रंगार बन जाता हूँ।
प्रेम में गंगाजल कि धार बन जाता हूँ,
मिटता हूँ तो धुएँ-सा छार बन जाता हूँ।
कपकपाती शीत, मधुर अंगार बन जाता हूँ,
गीतों में वीणा के तार बन जाता हूँ।
उपेक्षतों में करुणा-द्वार बन जाता हूँ,
गुरूद्वारे, मंदिर में, कतार बन जाता हूँ।
सच मेरी आँखों में, दुलार बन जाता हूँ,
मैं तो कभी जीत, कभी हार बन जाता हूँ।
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