धरती की रक्षा के खातिर, चलो आज कुछ करते है। पर्यावरण की सुरक्षा खातिर, चलो आज कुछ करते है।। पालीथीन और शीतलक गैसों को त्याग कर के हम। मिलकर इस परीक्षा खातिर, चलो आज कुछ करते है।। पेड़ लगा के धरती का,चलो आज श्रृंगार करें। इसके बिना नही जीवन है, बात ये स्वीकार करे।। प्राण वायु का सृजन करते है पेड़ और पौधे। आओ हम सब मिलकर के, इनका आभार करे।। . . . Read More . . .
Chanda Maama Gol Matol Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं। कविता चंदा मामा चंदा मामा गोल मटोल, कुछ तो बोल, कुछ तो बोल, कल थे आधे, आज हो गोल, खोल भी दो अब अपनी पोल, रात होते ही तुम आ जाते, संग . . . Read More . . .
Machili Jal Ki Rani Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं। कविता मछ्ली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है। हाथ लगाओ तो डर जाएगी, बाहर निकालो तो मर जाएगी। पानी मे डालो तो तैर जाएगी, पानी मे डालो तो तैर जाएगी। . . . Read More . . .
Aaloo Kachaloo Beta Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं। आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे, बन्दर की टोकरी में सो रहे थे, बन्दर ने लात मारी रो रहे थे, मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे, पापा ने पैसे दिए नाच रहे थे, . . . Read More . . .
Dadi Amma Dadi Amma Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं। दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ, नन्हे-मुन्ने बच्चों को न इतना सताओ। गुस्सा होके हमसे इतना दूर न जाओ कान पकड़ते हैं! ज़रा मुस्कुराओ। गुस्सा थूको, हमे गले से लगाओ, हसोगी तो तुम्हे . . . Read More . . .