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सर्दी का सूरज - हिंदी कविता

सुबह सुबह आ जाता सूरज,
दंगा नहीं मचाता सूरज।

सर्दी में मन भाता सूरज,
छतरी लगा बाग में बैठो,

पिकनिक रोज़ मनाता सूरज।
बर्गर हो या पिज़ा पेस्ट्री,

Sardi Ka Sooraj Hindi Poem Hindi Rhymes
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सबके मज़े बढ़ाता सूरज।
नरम धूप पर छाया रहता,

यहाँ वहाँ इतराता सूरज।
दिन भर मेरे साथ खेलता,

शाम ढले घर जाता सूरज।
सुबह सुबह आ जाता सूरज।

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