मेघालय

भारतीय राज्य मेघालय (Meghalaya) यानि ‘बादलों का घर’ पर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 22,429 वर्ग किमी. है और राज्य का एक तिहाई हिस्सा पहाड़ी जंगल से घिरा है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार मेघालय की कुल आबादी 29,66,889 है। मेघालय की राजधानी शिलांग है। यह राज्य, उत्तर की ओर से असम और दक्षिण में बांग्लादेश से घिरा है। संस्कृत और अन्य भारतीय बोलियों में मेघालय शब्द का अर्थ ‘बादलों का घर’ है। इस राज्य में कई पर्वत श्रृंखलाएं होने के कारण यह नाम सबसे उपयुक्त है।

Meghalaya Indian States
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मेघालय (Meghalaya) भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से में स्थित है। राज्य की सीमा का एक प्रमुख हिस्सा असम के उत्तर और पूर्वी भाग में स्थित है। दक्षिण और पश्चिमी भाग बांग्लादेश के साथ है। हर साल 1200 सेमी. वर्षा होने के कारण मेघालय को सबसे नम राज्य कहा जा सकता है। यहां कई नदियां हैं जिनमें गनोल, उमियाम, मिनगोत, मिखेम और दारेंग शामिल हैं। इन नदियों के अलावा आपको यहां और भी ढेरों नदियां जैसे उमियाम, मावपा और खरी मिल सकती हैं।

मेघालय का इतिहास (History of Meghalaya):-

असम के दो जिलों को अलग कर मेघालय (Meghalaya) राज्य का गठन किया गया था। 21 जनवरी 1972 को जयंतिया हिल्स और यूनाइटेड खासी हिल्स को मिला कर मेघालय राज्य बनाया गया था। पूर्ण राज्य का दर्जा पाने के पहले मेघालय को सन् 1970 में अर्ध-स्वायत्त राज्य का दर्जा दिया गया था। सन् 1905 में बंगाल के बंटवारे के दौरान मेघालय को असम और पूर्वी बंगाल के एक नए हिस्से के रुप में मान्यता मिली। बंगाल के बंटवारे के लिए लार्ड कर्जन जिम्मेदार थे। सन् 1912 में जब विभाजन रद्द हुआ तब मेघालय असम राज्य का एक अभिन्न हिस्सा बन गया। सन् 1947 में भारत की आजादी के समय दो जिलों वाले मेघालय को असम के अंदर ही सही मायनों में स्वायत्ता का आनंद मिला। सन् 1971 में उत्तर-पूर्व अधिनियम क्षेत्र की मंजूरी के बाद मेघालय को राज्य के रुप में मान्यता मिली। इसके बाद राज्य को अपनी विधान सभा भी मिली।

मेघालय का भूगोल और मौसम (Meghalaya geography and weather) :-

मेघालय (Meghalaya) का कुल क्षेत्रफल लगभग 22,429 वर्ग किलोमीटर है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार मेघालय की कुल आबादी 29,66,889 है। इस राज्य का सबसे खास पहलू इसकी नदियां हंै। गारो हिल्स में मिलने वाली प्रमुख नदियां कालू, रिंग्गी, दारिंग, सांदा और सिमसांग हैं। राज्य के मध्य और पूर्वी भाग में इंतदु, दिगारु, उमखरी और किनचियांग हैं। राज्य के भूगोल पर अगर नज़र डालें तो आप जान सकते हैं कि मेघालय में प्राकृतिक वनस्पतियों की विविधता का भंडार है। हालांकि लापरवाह और अनियोजित पेड़ों की कटाई के चलते प्राकृतिक वनस्पति का खात्मा हो रहा है।

मेघालय की अर्थव्यवस्था (Meghalaya's economy) :-

मेघालय की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि प्रधान है। राज्य की कुल आबादी की दो-तिहाई आबादी कृषि या कृषि संबद्ध कामों में लगी है। हालांकि राज्य की ज्यादातर आबादी कृषि का व्यवसाय करती है लेकिन इस क्षेत्र का राज्य की जीडीपी में योगदान बहुत कम है। मेघालय की जलवायु परिस्थितियों के कारण बागवानी की फसलों जैसे सब्जियां, फल, मसाले, फूल आदि को अच्छा प्रोत्साहन मिलता है। राज्य में प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है और ढेरों खनिज जैसे सिलिमेनाइट, चूना, कोयला, ग्रेनाइट आदि भरपूर मात्रा में मौजूद हैं।

मेघालय में सरकार और राजनीति (Meghalaya Government and Politics) :-

मेघालय की सरकार सारे संसदीय नियमों और मानकों के निर्वहन के लिए जिम्मेदार होती है। एडवोकेट जनरल, गवर्नर और मंत्रियों की परिषद सरकार की आधारभूत संरचना बनाती है। राज्य में कई राजनीतिक पार्टियां हैं जो स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती हैं। मेघालय की अनूठी विशेषता इसकी जिला परिषद है। यह मेघालय की न्यायपालिका की एक विशिष्ट विशेषता है। विभिन्न देशी जनजातियों के रिवाजों और अधिकारों की सुरक्षा जिला परिषद की एकमात्र जिम्मेदारी है। जिला परिषद विभिन्न आदिवासी जनजातियों के हितों और अधिकारों की रक्षा करने में भी खास भूमिका अदा करती है।

मेघालय की जनसांख्यिकी (Demographics of Meghalaya) :-

मेघालय (Meghalaya) की ज्यादातर आबादी आदिवासी लोगों की है। राज्य में सबसे ज्यादा संख्या में खासी समूह के लोग हैं। खासी के बाद दूसरा सबसे बड़ा समूह गारो है। मेघालय में मिलने वाले अन्य समूहों में मिकिर, महार, बोरो, जयंतिया और लखर शामिल हैं। हाल ही में संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई जनगणना सेे पता चला कि लगभग 40,000-50,000 नेपाली भी मेघालय में रह रहे हैं। शिलांग में वहां रह रहे सेवानिवृत्त भारतीय सैनिकों का एक मजबूत आधार देखा जा सकता है। यह एक रोचक तथ्य है कि मेघालय भारत के उन तीन राज्यों में शामिल है जिसमें ईसाई समुदाय की आबादी लगभग 70.3 प्रतिशत है।

मेघालय का समाज और संस्कृति (Society and culture of Meghalaya) :-

मेघालय की संस्कृति के बारे में यह कहा जा सकता है कि इस पठार में मुख्य रुप से तीन प्रमुख जनजातियों का दबदबा है। इस पठार पर रहने वाली तीन प्रमुख जनजातियों में गारो, जयंतिया और खासी शामिल हैं। कुछ ऐसे नृत्य रुप हैं जो मेघालय की संस्कृति का अभिन्न अंग हैं जैसे लाहो, शाद नोंगक्रेम, डोरेराता, शाद सुकमिनसीम और डोकरुसुआ। बड़ी संख्या में लोग मानते हैं कि शाद सुकमिनसिम ‘सुखी दिल’ का नृत्य है। नृत्य के रुप में शाद वाइकिंग का भी उल्लेख किया जा सकता है। शाद वाइकिंग उस जमीन का नाम है जहां हर साल यह नृत्य किया जाता है। लोग लगातार तीन दिन तक इस नृत्य में हिस्सा लेते हैं। यहां यह जानना ज़रुरी है कि सिर्फ अविवाहित पुरुष और महिलाएं ही इस नृत्य के लिए योग्य माने जाते हैं।

मेघालय में शिक्षा (Education in Meghalaya) :-

मेघालय धीरे धीरे लेकिन तकनीकी रुप से लगातार उन्नत होते राज्य के तौर पर पहचान बनाता जा रहा है। जबकि यह राज्य भारत देश का बहुत बड़ा हिस्सा भी नहीं है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार इस राज्य में रहने वाले कुल साक्षर लोगों की संख्या 75.48 प्रतिशत है। मेघालय राज्य में कई जूनियर और प्राथमिक बुनियादी स्कूल हैं। यहां दो शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय भी हैं। राज्य में एक पाॅलिटेक्निक और यूनिवर्सिटी भी है। यहां कई माध्यमिक और उच्च स्तर के शैक्षिक स्कूल भी हैं।

मेघालय की भाषाएं (Languages of Meghalaya) :-

मेघालय (Meghalaya) में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं। मेघालय के लोगों द्वारा बोले जाने वाली भाषा में गारो, खासी और नार शामिल हैं। मेघालय के लोगों द्वारा मुख्य रुप से बोली जाने वाली भाषा ‘खासी’ को आॅस्ट्रो-एशियाई भाषा माना जा सकता है। खासी आॅस्ट्रो-एशियाई परिवार का अभिन्न अंग है। यह परिवार की मुंडा शाखा से भी मिलती जुलती है। मेघालय में आपको लगभग 8,65,000 लोग खासी भाषा बोलने वाले मिलेंगे। असम के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग भी खासी भाषा बोलते हैं। बांग्लादेश के रहने वाले भी इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं। खासी में कुछ कुछ बोलियों का अंतर भी है। कुछ ऐसी खास बोलियां हैं जिनमें आंशिक तौर पर समानताएं हैं और थोड़ी थोड़ी समझी जा सकती हैं। कुछ अन्य बोलियां वार, चेरापूंजी और हिन्रिआम है।

मेघालय में परिवहन (Meghalaya transport) :-

राज्य की अच्छी परिवहन व्यवस्था के चलते टूरिस्ट हमेशा मेघालय आने के लिए प्रेरित होते रहते हंै। ज्यादातर लोगों की चिंता यहां आने पर परिवहन को लेकर होती हैं लेकिन मेघालय की अच्छी परिवहन व्यवस्था उनकी सभी चिंताओं का समाधान कर देती है। यहां सड़क और हवाई कनेक्टिविटी बहुत मजबूत है और राज्य के सभी प्रमुख शहरों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। हालांकि यहां यह बताना जरुरी होगा कि राज्य में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां उचित परिवहन व्यवस्था मौजूद नहीं है। मेघालय राज्य में करीब 7,633 किमी. लंबा सड़क नेटवर्क है। त्रिपुरा के अगरतला, असम के सिलचर और मिज़ोरम के आइजोल तक बहुत बेहतरीन सड़क संपर्क का आनंद लिया जा सकता है। इस बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी का श्रेय राष्ट्रीय राजमार्गों को दिया जा सकता है जो कि पर्यटकों को एक अच्छा अनुभव देते हैं।

मेघालय का पर्यटन (Meghalaya Tourism) :-

पर्यटन मेघालय की अर्थव्यवस्था का बहुत अहम हिस्सा है। पिछले कुछ सालों में इस राज्य ने खुद को बहुत विकसित किया है। मेघालय की सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों ने राज्य को नए आयाम दिए हैं। राज्य से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में शिलांग, मौसिनराम और चेरापूंजी शामिल हैं। इसके अलावा भी कई स्थान हैं जो किसी भी टूरिस्ट के लिए रुचिकर हो सकते हैं उनमें खासी हिल्स का मोनोटिथ, जाकरेम, जोवाइ और बलपकरम राष्ट्रीय पार्क शामिल हैं। इन पर्यटन स्थलों के अलावा नातियांग, नोकरे बायोस्फीयर, तुरा और सीजु गुफाएं देखने लायक स्थान हैं।

मेघालय के होटल (Meghalaya Hotels) :-

मेघालय (Meghalaya) में महंगी से लेकर बजट होटल तक हर रेंज की होटल उपलब्ध हैं जो यहां आने वाले सभी पर्यटकों की जरुरत को पूरा करती हैं। इनके अलावा यहां रिसोर्ट, रेस्त्रां और कैफे हैं जो विभिन्न यात्रियों की आवश्यकता को पूरा करते हैं। शिलांग की कुछ होटल इस प्रकार हैं लखोता लाॅज, री इनजाई, पाइनवुड होटल, होटल सेंटर पाइंट, होटल अल्पाइन काॅन्टीनेंटल, एशियन काॅन्फ्लूएंस, ब्लूबैरी इन, द ई सी होटल, कैफे शिलांग बैड एंड ब्रेकफास्ट और एरोडिन काॅटेज आदि।

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