मिजोरम

भारतीय राज्य मिज़ोरम (Mizoram) भारत के सात उत्तर-पूर्वी राज्यों में से एक है। इसकी सीमाएं पूर्व और दक्षिण से म्यांमार, पश्चिम में बांग्लादेश, उत्तर में मणिपुर, असम और त्रिपुरा के राज्यों से घिरी हैं। मिज़ोरम का मतलब होता है ‘पहाड़ों की भूमि’ और यहां की स्थानीय भाषा ‘मिज़ो’ है। राज्य की टोपोग्राफी पर हावी रहने वाला मिज़ो पर्वत 2000 मीटर से भी ज्यादा उंचा है और म्यांमार की सीमा के पास स्थित है। राज्य की राजधानी आइजोल समुद्र तल से 1220 मीटर की उंचाई पर है। मिज़ोरम पुराने उत्तर और दक्षिण लुशाई पर्वतों का मेल है। मिज़ोरम की धरती में अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, कई प्रकार के लैंडस्केप, समृद्ध वनस्पति और जीव, पाईन के समूह और बांस के घरों वाले अनूठे गांव हैं।

Mizoram Indian States
Advertisement

कर्क रेखा मिज़ोरम (Mizoram) के मध्य से गुजरती है और इसलिए यहां साल भर मौसम सुहाना बना रहता है। खड़ी पहाडि़यों और गहरी घाटियों वाले मिज़ोरम की सबसे उंची चोटी ‘द ब्लू माउंटेन’ 2165 मीटर से ज्यादा उंची है। इस राज्य में बहने वाली प्रमुख नदियां तवांग, सोनाई, तुईवल, कोलोडाइन और कामाफुली हैं। मिज़ोरम में एकल कक्ष विधान सभा है, जिसमें 40 सीटें हैं। राज्य से दो सदस्य भारतीय संसद जाते हैं, एक राज्य सभा यानि उपरी सदन और एक लोक सभा यानि निचले सदन में। राज्य में आठ जिले हैं। मिज़ोरम की राजधानी आइजोल है और यह राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है।

मिज़ोरम का पर्यटन (Mizoram Tourism) :-

पहाड़ों का शहर आइजोल समुद्र तट से लगभग 4000 फीट उपर स्थित है। आइजोल मिज़ोरम (Mizoram) का धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है जहां स्वदेशी हस्तशिल्प उपलब्ध हैं। चम्फाई म्यांमार की सीमा पर स्थित एक खूबसूरत रिसोर्ट है। तमदिल वर्जिन जंगल वाली एक प्राकृतिक झील है जो कि आइजोल से 60 किमी. और सैतुअल से 10 किमी. दूर स्थित है। वानतांग फाॅल थेनजोल के हिल स्टेशन से पांच किमी. दूर स्थित मिज़ोरम का सबसे खूबसूरत और उंचा झरना है। पर्यटन विभाग ने आइजोल, लुंगलेइ चंफेई में टूरिस्ट लाॅज और हन्हथाइल, थेनजोल में वेसाइड रेस्तरां, बेरौ त्लांग में मनोरंजन केंद्र और जोबौक के पास जिला पार्क में अल्पाइल हट खोल रखा है।

मिज़ोरम का भूगोल और मौसम (Mizoram geography and weather) :-

मिज़ोरम (Mizoram) के शुरुआती इतिहास के बारे में बहुत कम ही जाना जाता है। सन् 1750 से 1850 के बीच मिज़ो जनजाति के लोग पास के चिन हिल्स से आकर यहां बस गए और यहां के स्थानीय लोगों को अपने अधीन कर लिया और समान जनजातियों ने एकजुट होकर अपना एक समाज बना लिया। मिज़ो ने 300 वंशानुगत मुखियाओं के आधार पर एक स्वेच्छाचारी राजनीतिक प्रणाली विकसित की। किसी भी विदेशी राजनीतिक प्रभाव से मिज़ो जनजातियां अप्रभावित रहीं, लेकिन ऐसा सिर्फ सन् 1826 की यानदाबो संधि के तहत ब्रिटिशों के असम हड़पने तक ही रहा। अगले दशकों में ब्रिटिश क्षेत्रों में मिज़ो के धावों के कारण ब्रिटिश भी मिज़ो पर दंडात्मक हमले करते रहे। हालांकि आधिकारिक रुप से सन् 1890 की शुरुआत तक मिज़ोरम अंग्रेजों के कब्जे में नहीं रहा, लेकिन यह दो दशक पहले ही उनके अधिकार में आ गया था।

मिज़ोरम का समाज और संस्कृति (Society and culture of Mizoram) :-

मिज़ो कई जनजातियों में बंट गए जैसे लुशाई, पोई, पवाई, राल्ते, पांग, म्हार, कुकी आदि। यहां का समाज मोटे तौर पर आदिवासी गांवों के आसपास आधारित है। मुखिया का घर और ज़ोलबक यानि वह सामुदायिक भवन जहां युवा और अविवाहित पुरुष रहते हैं गांव का केंद्र बिंदु रहता है। यहां की आधिकारिक भाषा मिज़ो और अंग्रेजी है। मिज़ोरम की साक्षरता दर 92 प्रतिशत है, जो कि भारत में सबसे अधिक है। यहां की 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ईसाई है जिसमें 19वीं सदी में मिशनरियों द्वारा परिवर्तित किए गए प्रोटेस्टेंट की संख्या ज्यादा है। मुस्लिम, बौद्ध और हिंदू यहां कम संख्या में हैं। चकमा बंजारे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जीववाद के मिश्रण की प्रथा को मानते हैं।

मिज़ोरम में सरकार और राजनीति (Mizoram Government and Politics) :-

राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए मिज़ोरम (Mizoram) की सरकार का संक्षिप्त अध्ययन काफी रुचिकर हो सकता है। भारत के अन्य राज्यों की तरह मिज़ोरम की सरकार का मुखिया भी मुख्यमंत्री होता है। यह मंत्रियों की परिषद का मुखिया होता है जो कि निर्वाचित विधायिका के लिए जिम्मेदार होते हैं। राज्यपाल मिज़ोरम की सरकार का प्रमुख होता है। मिज़ोरम की विधान सभा में 40 सदस्य हैं। इन्हें राज्य के लोग हर पांच साल में चुनते हैं। मिज़ोरम का हाई कोर्ट गुवाहाटी में स्थित है। राज्य की राजधानी आइजोल में मिज़ोरम की हाई कोर्ट की एक बेंच मौजूद है।

मिज़ोरम की अर्थव्यवस्था (Mizoram's economy) :-

मिज़ोरम (Mizoram) की तीन-चैथाई आबादी अपनी रोज़ी खेती से कमाती है। यहां सीढ़ीदार खेती और झूम खेती दोनों ही की जाती है। खेती करने वालों की बढ़ती संख्या के कारण आठ साल का पारंपरिक झूम चक्र बहुत कम हो गया है। इस कारण ही फसलों की पैदावार में भी कमी आई है। मिज़ोरम अपनी रेशाहीन अदरक के लिए मशहूर है। धान, मक्का, सरसों, गन्ना, तिल और आलू इस इलाके की प्रमुख फसलें हैं। फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए छोटे पैमाने की सिंचाई परियोजनाओं का भी विकास किया गया है। राज्य में कोई बड़ा उद्योग नहीं है। लघु उद्योगों में रेशम उद्योग, हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग, आराघर और फर्नीचर के कारखाने, तेल शोधन, अनाज पिसाई और अदरक प्रोसेसिंग शामिल हैं।

मिज़ोरम में होटल (Hotels in Mizoram) :-

राज्य में पर्यटकों की जरुरतों के मुताबिक स्टार और नाॅन स्टार दोनों श्रेणी के होटल मौजूद हैं। इसके अलावा हर वर्ग के सैलानियों के हिसाब से रिसाॅर्ट, रेस्त्रां और कैफे भी हैं। मिज़ोरम पूर्वोत्तर भारत के ‘सेवन सिस्टर’ राज्यों में से एक है। राज्य को मिज़ो समुदाय के क्षेत्र के रुप में जाना जाता है जिसमें लुशाई, हमर, लाई, पैते, गंग्ते, मारा और अन्य छोटे कबीले शामिल हैं। मिज़ोरम राज्य की सीमाएं भारत के अन्य राज्यों असम, त्रिपुरा और मणिपुर से लगी हैं। इसकी अंतर्राष्ट्रीय सीमा म्यांमार और बांग्लादेश से लगी है। यह भारत का 23वां राज्य है और इसे राज्य का दर्जा 20 फरवरी 1987 में मिला था।

मिज़ोरम का मौसम (Mizoram Weather) :-

मिज़ोरम का मौसम सुहावना ही रहता है। यहां का तापमान गर्मियों में आराम भरा और 20 डिग्री से 29 डिग्री तक रहता है। सर्दियों में भी यह ज्यादा ठंडा नहीं रहता और तापमान 11 डिग्री से 21 डिग्री के बीच रहता है। राज्य की जलवायु में मूसलाधार बारिश की अधिकता रहती है और इलाके में मई से सितंबर के दौरान बहुत ज्यादा बारिश होती है। सर्दियों के महीनों में बहुत कम बरसात होती है। मिज़ोरम में साल भर में कुल 100 इंच या 254 सेमी. बारिश होती है। आइजोल शहर में बारिश की मात्रा लगभग 82 इंच या 208 सेमी. होती है। राज्य की एक और खास जगह लुंगलेई में बारिश की मात्रा 139 इंच या 350 सेमी. होती है।

मिज़ोरम में नदियां (Rivers in Mizoram) :-

राज्य की सबसे लंबी नदी छिमतुईपुई है और इसका दूसरा नाम कलादान है। नदी का स्रोत म्यांमार के चिन राज्य में स्थित है और यह नदी राज्य के दक्षिणी छोर लवंगत्लई और सइहा जिलों में बहती है। बाद में यह धारा म्यांमार के रखीन प्रांत में जाकर अंत में म्यांमार के महत्वपूर्ण बंदरगाह अक्यब के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में कई प्रकार की नदियां और धाराएं होने के बाद भी मिज़ोरम की सबसे प्रमुख और उपयोगी नदियां इस प्रकार हैं:

♦ तुत ♦ त्ल्वंग ♦ तुईव्वल ♦ तुईरिल

यह नदियां राज्य के उत्तरी भाग से बहती हुई अंत में बराक नदी में मिलती हैं, जो कि कछार जिले की महत्वपूर्ण नदी है। छिमत्युपुई नदी का स्रोत म्यांमार में है और यह राज्य के दक्षिण हिस्से की एक प्रमुख नदी है। इस नदी की चार शाखाएं हैं जो कि अनियमित रुप से बहती हैं। राज्य का पश्चिमी भाग खथलांग तुइपुई नदी और उसकी शाखाओं से सिंचित होता है। कई मुख्य शहर और समुदाय, जैसे बांग्लादेश का चिट्टागांग, नदी के मुहाने पर स्थित है। आजादी के पहले भारत के अन्य क्षेत्रों में केवल नदी या इसकी सहायक नदियों के माध्यम से दक्षिण में चिट्टागांग या उत्तर में कछार से होकर ही जाया जा सकता था। बाद में उपमहाद्वीप के बंटवारे और बांग्लादेश के बनने के बाद यह रास्ता भी बंद हो गया।

मिज़ोरम में झीलें (Lakes in Mizoram) :-

राज्य की सबसे बड़ी झील पाला झील है और यह राज्य के सइहा जिले में स्थित है। सइहा जिला मिज़ोरम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पाला झील का क्षेत्र लगभग 74 एकड़ या 30 हेक्टेयर का है। राज्य की एक दूसरी लोकप्रिय झील तामदिल झील है, जो कि एक प्राकृतिक झील है। यह आइजोल से लगभग 53 मील या 85 किमी. पर स्थित है। दुर्भाग्यवश मिज़ोरम राज्य एक भूकंप प्रवृत्त राज्य है और यह ज़ोन 5 के तहत आता है। इस इलाके में पाए जाने वाले खनिजों में यह सब शामिल हैं:-

बलुआ और चिकनी मिट्टी के बलुआ पत्थर :-

♦ सिल्टस्टोन ♦ शेल ♦ ग्रेवेक ♦ मडस्टोन

राज्य में पेट्रोलियम और गैस की खोज का कार्य लगातार जारी है।

मिज़ोरम की जनसांख्यिकी (Demographics of Mizoram) :-

राज्य के ज्यादातर लोग विभिन्न वंशों और समुदायों से जुड़े हैं जो कि जातीय या भाषायी तौर पर एक दूसरे से संबंध रखते हैं। इन वंशों या जनजातियों को सामूहिक तौर पर ‘मिज़ो’ कहा जाता है जिसमें ‘मि’ का मतलब ‘लोग’ और ‘जो’ का मतलब ‘पहाड़’ है। मिज़ोरम के अलावा ये लोग अन्य जगहों जैसे बांग्लादेश, म्यांमार और भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी बसे हैं। मिज़ो जनजाति में लुशाई, हमार, लाई, पैते और मारा शामिल हैं। हमार लोग कई समूहों में उपविभाजित हो गए, जैसे लुंगताउ, थैक, खाॅबंग, दमगाॅन और ज़ोते।

लोकप्रिय सांस्कृतिक त्यौहार (Popular cultural festival) :-

मिज़ोरम के लोकप्रिय सांस्कृतिक त्यौहार इस प्रकार हैं:-

मिम कुट - मिम कुट त्यौहार आम तौर पर मक्का की खेती के बाद अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता है। लोग इस त्यौहार को नाचकर, गाकर और खाने और पीने के साथ मनाते हैं।

पाॅल कुट - पाॅल कुट त्यौहार भूसे की कटाई से जुड़ा त्यौहार है। ‘पाॅल’ शब्द का अर्थ ‘भूसा’ होता है। यह त्यौहार आम तौर पर हर साल दिसंबर के महीने में मनाया जाता है।

चपचार कुट - चपचार कुट एक बहुत ही खास त्यौहार है जिसे मार्च के महीने में मनाते हैं। इसे ‘झूम’ यानि ‘जंगल’ की सफाई के बाद मनाया जाता है।

मिज़ोरम के लोकप्रिय नृत्य रुप राज्य के लोकप्रिय नृत्य इस प्रकार हैं:-

♦ चैरो - यह नृत्य राज्य का सबसे अनूठा और जीवंत नृत्य रुप है। ♦ छेह लाम ♦खुल्लम

मिज़ोरम में बोली जाने वाली भाषाएं (Languages of Mizoram ) :-

राज्य की आधिकारिक भाषा ‘मिज़ो’ है। हालांकि पढ़ाई और प्रशासनिक कार्यों में महत्व के कारण अंग्रेजी भी खूब इस्तेमाल की जाती है। मिज़ो भाषा लाई, मारा और म्हार भाषा से मिली हुई है।

मिज़ोरम में शिक्षा (Education in Mizoram) :-

मिज़ोरम की औपचारिक शिक्षा प्रणाली में प्राथमिक शिक्षा से यूनिवर्सिटी तक और तकनीकी कोर्स भी शामिल हैं। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की साक्षरता दर जो कि 91.58 प्रतिशत है, भारत में तीसरी सबसे अधिक साक्षरता दर है। राज्य में लगभग 3900 स्कूल हैं जो कि या तो निजी या आंशिक या पूरे तौर पर सरकार के द्वारा प्रबंधित हैं। शिक्षा मंत्रालय काॅलेज, यूनिवर्सिटी और अन्य शिक्षा संस्थानों को संचालित करता है। राज्य की यूनिवर्सिटी, जिसका नाम मिज़ोरम यूनिवर्सिटी है, उसमें कई विभाग और दो पेशेवर संस्थान हैं। राज्य के कुछ लोकप्रिय उच्च शिक्षा संस्थानों में आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मिज़ोरम और पैरामेडिकल और नर्सिंग क्षेत्रीय संस्थान आइजोल शामिल हैं।

मिज़ोरम में परिवहन (Mizoram transport) :-

अपर्याप्त परिवहन सुविधा के कारण राज्य में पहुंच आसान नहीं है। राज्य का 90 प्रतिशत इलाका संकरी पहाडि़यों से घिरा है, इसलिए प्रशासन के लिए सड़कें बनाना आसान काम नहीं है। राज्य में लगभग 8,500 किमी. का सड़क नेटवर्क है जो राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। राज्य का ज्यादातर इलाका राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और जिला सड़कों से घिरा है। राज्य की राजधानी आइजोल के पास लेंगपुई हवाई अड्डा है जो कि कोलकाता हवाई अड्डे से जुड़ा है। यह असम के सिलचर हवाई अड्डे से भी जुड़ा है जो आइजोल से 200 किमी. दूर है। असम के सिलचर का रेलवे स्टेशन मिज़ोरम का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो राजधानी से 180 किमी. दूर है। राजधानी आइजोल से राज्य के अन्य शहरों जैसे लुंगलेई, सेरछिप, कोलासिब, च्वांगते आदि के लिए एक हेलिकाॅप्टर सेवा भी है।

नोट :- आपको ये पोस्ट कैसी लगी, कमेंट्स बॉक्स में जरूर लिखे और शेयर करें, धन्यवाद।

Advertisement
Advertisement

Related Post

Categories