हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा धार्मिक स्थल, Hemkund Sahib Religious Places in hindi, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा उत्तराखंड में गढ़वाल के चमोली जिले में हैं। हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों के बीच 15,200 फुट की ऊंचाई पर सात पहाड़ियों के बीच एक बर्फीली झील किनारे स्थापित है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों का एक पवित्र स्थानों में से एक है। हेमकुंड साहिब जो सिख धर्मावलम्बियों की अनन्य आस्था का केंद्र है।
ऐसा माना जाता है कि गुरू गोविन्द सिंह जी, जो सिखों के दसवें गुरू थे। उन्होंने यहां कालिका माता की कठिन तपस्या की थी। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे का उल्लेख गुरु गोविंद सिंह द्वारा लिखे गये दशम ग्रंथ में किया गया है। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त गण हेमकुंड साहिब तीर्थ यात्रा के लिए आते है। हेमकुंड साहिब की बहुत अधिक मान्यता है। यहाँ पर हर रोज लंगर चलता है देसी घी में लंगर बनाया जाता है और लंगर में कितने ही लोग क्यों ना आ जाएँ बिना खाए नहीं जाते है कभी भी हेमकुंड की रसोई में राशन काम नहीं पड़ता है।
हेमकुंड में जाकर लोग समाज सेवा भी करते है गुरूद्वारे में सेवा करने से अदभुत फल की प्राप्ति होती है। बड़े बड़े उद्योगपति, बिजनिस मेन गुरूद्वारे में सेवा करते है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा पर्यटन के लिये बहुत ही उपयुक्त जगह है,हर समय मौसम ठंडा रहता है ऊँची ऊँची पहाड़ों की चोटियाँ बर्फ से ढकी हुई होती है। हेमकुंड में तापमान बहुत कम रहता है और वहां ठण्ड ज्यादा पड़ती है।
पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर के बीच है। इस बीच यहाँ ठण्ड थोडा कम होती है। हेमकुंड साहिब की यात्रा जीवन में एक बार जरूर करनी चाहिए। हर धर्म के लोगों के लिए हेमकुंड साहिब के दरवाजे खुले रहते है कोई भी यहाँ आ सकता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ सिख ही हेमकुंड आ सकते है। हेमकुंड साहिब धार्मिक स्थल आस्था का केंद्र है यहाँ जरूर आना चाहिए।
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