पूजा घर का वास्तु
Pooja Ghar Ka Vastu Shastra In Hindi, यहाँ हम पूजा घर के कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स के बारे में जानेगें। वास्तुशास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है, जिससे हमें पता चलता है कि घर, ऑफिस, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी और कौन सी नहीं, साथ ही हमें बताता है कि वास्तु दोषों का निवारण कैसे किया जा सकता है। यह मिथक या अन्धविश्वास पर आधारित बातें नहीं बताता है। घर के अन्दर कौन-सा कमरा किस दिशा में ज्यादा अच्छा रहेगा, कौन से पौधे आपको घर में लगाने चाहिए और कौन से नहीं इत्यादि।
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पूजा घर के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स (Pooja Ghar Vastu Tips) :-
- पूजा का कमरा उत्तर - पूर्व में होना चाहिए।
- पूजा घर (Pooja Ghar) उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा होता है।
- किसी कारन वश यदि उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा घर बनाना सम्भव नहीं है तो उत्तर दिशा में भी पूजा घर बनाया जा सकता है।
- मंदिर की सभी मूर्तियों और तस्वीरों का मूख पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- पूजा घर (Pooja Ghar) के ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए।
- घर में शौचालय, पूजा घर से सटा हुआ या बगल में नहीं होना चाहिए।
- सीढ़ी के नीचे पूजा घर (Pooja Ghar) नहीं बनाना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार छोटी मूर्तियाँ और चित्र हीं पूजा घर में लगाने चाहिए।
- फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए।
- वास्तु के अनुसार नटराज की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इसमें भगवान शिव विकराल रूप में है।
- पूजा घर (Pooja Ghar), रसोई या बेडरूम एक ही कमरे मे नहीं होना चाहिए।
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(यहाँ दी गई जानकारियाँ विभिन्न स्रोतों से ली गई हैं, हम यह दावा नहीं करते कि इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)