6000 रुपये की सहायता योजना गर्भवती महिलाओं के लिए

6000 रुपये की सहायता योजना, Pregnant Lady Help Scheme, 6000 रुपये की सहायता योजना : 31 दिसंबर 2016 को नरेंद्र मोदी द्वारा गरीब, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई, जिसमे 6000 रुपये गर्भावस्था सहायता योजना भी थी। इस योजना की घोषणा प्रसूता मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा की गई है। इस योजना के तहत 6000 रुपये की वित्तीय सहायता गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के बाद महिला के बैंक खाते में प्रदान की जायेगी।

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6000 रुपये गर्भावस्था सहायता योजना का उद्देश्य:-

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर में संस्थागत प्रसव की संख्या में वृद्धि और प्रसूता मृत्यु दर में कमी लाना है। प्रसूता मृत्यु दर को कम करना और संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना को देश के सभी 650 जिलों में लागू किया जाएगा।

6000 रुपये की वित्तीय सहायता राशि सीधे लाभ ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के बचत बैंक खाते में जमा की जायेंगे।

दुनिया भर में होने वाली प्रसूता मौतों में से 17% केवल भारत में होती हैं। इसके साथ ही प्रसूता मृत्यु दर 167 प्रति 100,000 जीवित जन्मों का अनुमान लगाया है, जबकि शिशु मृत्यु दर 43 प्रति 1000 जीवित जन्मों का अनुमान है। हालांकि, इन नंबरों को बहुत अधिक नहीं माना जा सकता है, लेकिन दूसरे देशों की तुलना में यह दर काफी ज्यादा है। उच्च मातृ एवं शिशु मृत्यु दर का प्राथमिक कारण कुपोषण और गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के दौरान अपर्याप्त चिकित्सा है।

गर्भावस्था सहायता योजना प्रायोगिक परियोजना के तौर पर 53 जिलों में लागू किया जा रहा है, जहां वित्तीय सहायता 4000 रुपये है। 2010 में पहली योजना इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) शुरू की गयी थी जिसके तहत 18 वर्ष की आयु से ऊपर की गर्भवती महिलाओं को सशर्त वित्तीय सहायता केवल 2 जीवित जन्मे बच्चों के जन्म के लिए प्रदान की गई थी।

नई योजना में नकद लाभ को बढाकर 6000 रुपये कर दिया गया है जो सीधे लाभार्थी गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा।

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