Advertisement

बेतवा नदी

बेतवा प्राचीन नदियों में से एक मानी गयी है। बेतवा नदी घाटी की नागर सभ्यता लगभग पाँच हजार वर्ष पुरानी है। एक समय निश्चित ही बंगला की तरह इधर भी जरूर बेंत (संस्कृत में वेत्र) पैदा होता होगा, तभी तो नदी का नाम वेत्रवती पड़ा होगा। बेतवा तथा धसान बुन्देलखण्ड के पठार की प्रमुख नदियाँ हैं जिसमें बेतवा उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सीमा रेखा बनाती है।

इसे बुन्देलखण्ड की गंगा भी कहा जाता है। इसका जन्म रायसेन जिले के कुमरा गाँव के समीप विन्ध्याचल पर्वत से होता है। यह अपने उद्गम से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर बहती है। इतना ही नहीं बेतवा नदी पूर्वी मालवा के बहुत से हिस्सों का पानी लेकर अपने पथ पर प्रवाहित होती है।

Betwa Nadi River Indian Rivers
Advertisement

इसकी सहायक नदियाँ बीना और धसान दाहिनी ओर से और बायीं ओर से सिंध इसमें मिलती हैं। सिन्ध गुना जिले को दो समान भागों में बाँटती हुई बहती है। बेतवा की सहायक बीना नदी सागर जिले की पश्चिमी सीमा के पास राहतगढ़ कस्बे के समीप भालकुण्ड नामक 38 मीटर गहरा जलप्रपात बनाती है।

गुना के बाद बेतवा की दिशा उत्तर से उत्तर-पूर्व हो जाती है। यह नदी मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश की सीमा बनाती हुई माताटीला बाँध के नीचे झरर घाट तक बहती है। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर झाँसी में बेतवा 17 किलोमीटर तक प्रवाहमान रहती है। जालौन जिले के दक्षिणी सीमा पर सलाघाट स्थान पर बेतवा नदी का विहंगम दृश्य दर्शनीय है।

बेतवा भारत के मध्य प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है। यह यमुना की सहायक नदी है। यह मध्य-प्रदेश में भोपाल से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, ललितपुर आदि जिलों में होकर बहती है। इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती है। इसकी सम्पूर्ण लम्बाई 480 किलोमीटर है।

यह बुंदेलखण्ड पठार की सबसे लम्बी नदी है। यह हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है। इसके किनारे सांची और विदिशा के प्रसिद्ध व सांस्कृतिक नगर स्थित हैं।

Advertisement
Advertisement

Related Post

Categories