यह यमुनोत्री नामक जगह से निकलती है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना का उद्गम स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ ऊँचाई 6200 मीटर से 7 से 8 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी कहा जाता है। अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत (२०,७३१ फीट ऊँचाई) से प्रकट . . . Read More . . .
केन यमुना की एक उपनदी या सहायक नदी है जो बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरती है। दरअसल मंदाकिनी तथा केन यमुना की अंतिम उपनदियाँ हैं क्योंकि इस के बाद यमुना गंगा से जा मिलती है। केन नदी जबलपुर, मध्यप्रदेश से प्रारंभ होती है, पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर बाँदा, उत्तरप्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है। इस नदी का "शजर" पत्थर मशहूर है। . . . Read More . . .
रोहिणी अथवा रोहिणी नदी का उद्गम नेपाल के लुम्बिनी क्षेत्र के रूपनदेई और कपिलवस्तु जिलों में शिवालिक पर्वत की चौरिया पहाड़ियों से होता है और यह दक्षिण की ओर बहते हुए भातरीय राज्य उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। गोरखपुर के पास यह राप्ती नदी में बायीं ओर से मिलती है जो इसके बाद गौरा बरहज में घाघरामें मिल जाती है तथा घाघरा बाद में गंगा में मिलती है। . . . Read More . . .
राप्ती नदी उत्तर-प्रदेश में बहने वाली एक छोटी नदी है। जिसका उद्गम नेपाल में फैली हिमालय की धौलागिरी पर्वतश्रेणी के समीप से होता है। राप्ती नदी को ‘इरावती’ नदी के नाम से भी जानते हैं। यह घाघरा की सहायक नदी व गंगा की उप सहायक नदी है, जो कि उत्तर-प्रदेश के गोरखपुर जिले से कुछ दूरी पर घाघरा नदी से मिल जाती है। रोहिणी नदी राप्ती की प्रमुख सहायक नदी है। इसके अलावा इसकी एक धारा को बूढ़ी गंडक . . . Read More . . .
घाघरा नदी या करनाली नदी गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी है। यह दक्षिणी तिब्बत के ऊँचे पर्वत शिखर हिमालय से निकलती है। इसके बाद यह नेपाल से होकर भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है। इस नदी का उदगम तिब्बत के पठार पर स्थित मापचांचुगों हिमनद से होता है। जो कि तालाकोट से लगभग 37 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की ओर स्थित है। यह नदी पर्वतीय प्रदेश में करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है। . . . Read More . . .