श्री अहोई माता की आरती, Ahoi Mata Ji Ki Aarti in Hindi, करवा चौथ के ठीक चार दिन बाद अष्टमी तिथि को देवी अहोई माता का व्रत किया जाता है। यह व्रत पुत्र की लम्बी आयु और सुखमय जीवन की कामना से पुत्रवती महिलाएं करती हैं। कृर्तिक मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण पक्ष में यह व्रत रखा जाता है इसलिए इसे अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत हरी विष्णु धाता॥
ॐ जय अहोई माता॥
ब्रम्हाणी रुद्राणी कमला तू ही है जग दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥
ॐ जय अहोई माता॥
तू ही है पाताल बसंती तू ही है सुख दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता॥
ॐ जय अहोई माता॥
जिस घर थारो वास वही में गुण आता।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं घबराता॥
ॐ जय अहोई माता॥
तुम बिन सुख न होवे पुत्र न कोई पता।
खान पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥
ॐ जय अहोई माता॥
शुभ गुण सुन्दर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोंकू कोई नहीं पाता॥
ॐ जय अहोई माता॥
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता॥
ॐ जय अहोई माता॥
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