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अम्बे माता की आरती

अम्बे माता की आरती, Ambey Mata Ki Aarti in Hindi, माँ दुर्गा की मुख्य आरती जय अम्बे गोरी मानी जाती है। इस आरती में त्रिदेव के द्वारा माँ दुर्गा की महिमा का गुणगान करते बताया गया है। इसी आरती में माँ के सुहागन रूप और माँ काली के कूर रूप से भी अवगत कराया गया है।

Ambey Mata Aarti Religious Aarti
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"आरती"

जय अम्बे गौरी मैया, जय श्यामा गौरी,
तुमको निसदिन ध्यावत , हरि ब्रह्मा शिवजी॥
जय अम्बे गौरी......

मांग सिंदूर बिराजत, टिको मृगमद को,
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन निको॥
जय अम्बे गौरी.....

कनक सामान कलेवर, रक्ताम्बर राजे ,
रक्तपुष्प गलमाला, कंठन पर साजे॥
जय अम्बे गौरी.......

केहरी वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी
सुर-नर-मुनि-जन सेवत तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी......

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति॥
जय अम्बे गौरी........

शुम्भ निशुम्भ विदारे महिषासुर-धाती
धुम्र विलोचन नैना निसदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी........

चण्ड मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी......

ब्रम्हाणी रूद्राणी, तुम कमलारानी
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी.......

चौसठ योगिनी गावत, नित्य करत भैरू
बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू॥
जय अम्बे गौरी.......

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मनवांछित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी.......

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी......

श्रीअम्बेजी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावै॥
जय अम्बे गौरी......

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