श्री शैलपुत्री माता जी की आरती, Shailputri Mata Aarti in Hindi, शैलपुत्री माता वृषभ पर विराजमान रहती हैं। शैलपुत्री माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है। नवरात्रि के प्रथम दिन देवी उपासना के अंतर्गत शैलपुत्री का पूजन करना चाहिए और आरती का गानी चाहिए जिसके प्रभाव से माँ शैलपुत्री प्रसन्न होती है और अपने भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं।
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जय कार।।
शिव-शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने न जानी।।
पार्वती तूं उमा कहलावे। जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें।।
रिद्धि सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी।।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो।।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।।
श्रद्धा भाव से मंत्र जपायें। प्रेम सहित फिर शीश झुकायें।।
जय गिरराज किशोरी अम्बे। शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे।।
मनोकामना पूर्ण कर दो। चमन सदा सुख संम्पति भर दो।।