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धार्मिक आरती - Religious Aarti


श्री स्कंदमाता जी की आरती

Skandmata Aarti Religious Aarti

श्री स्कंदमाता जी की आरती, Skandmata Ji Ki Aarti in Hindi, नवरात्रि का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर . . . Read More . . .

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ब्रह्मचारिणी माता की आरती

Brahmcharini Mata Aarti Religious Aarti

ब्रह्मचारिणी माता की आरती, Brahmacharini Mata Ki Aarti in Hindi, नवरात्र पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। . . . Read More . . .


कात्यायनी माता की आरती

Katyayani Mata Aarti Religious Aarti

कात्यायनी माता की आरती, Katyayani Mata Ki Aarti in Hindi, नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना का दिन होता है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में छठे दिन इसका जाप करना चाहिए। . . . Read More . . .

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कुष्मांडा माता की आरती

Kushmanda Mata Aarti Religious Aarti

कुष्मांडा माता की आरती, Kushmanda Mata Aarti in Hindi, नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन 'अदाहत' चक्र में अवस्थित होता है। अतः इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए। माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की . . . Read More . . .

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श्री अहोई माता की आरती

Ahoi Mata Aarti Religious Aarti

श्री अहोई माता की आरती, Ahoi Mata Ji Ki Aarti in Hindi, करवा चौथ के ठीक चार दिन बाद अष्टमी तिथि को देवी अहोई माता का व्रत किया जाता है। यह व्रत पुत्र की लम्बी आयु और सुखमय जीवन की कामना से पुत्रवती महिलाएं करती हैं। कृर्तिक मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण पक्ष में यह व्रत रखा जाता है इसलिए इसे अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। . . . Read More . . .


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