निकोलस कोपरनिकस का जीवन परिचय, Nicolaus Copernicus Biography in Hindi, पोलैंड में जन्में निकोलस कोपरनिकस (19 फ़रवरी 1473 – 24 मई 1543) युरोपिय खगोलशास्त्री व गणितज्ञ थे। उन्होंने यह क्रांतिकारी सूत्र दिया था कि पृथ्वी अंतरिक्ष के केन्द्र में नहीं है। निकोलस पहले युरोपिय खगोलशास्त्री थे जिन्होंने पृथ्वी को ब्रह्माण्ड के केन्द्र से बाहर माना, यानी हीलियोसेंट्रिज्म मॉडल को लागू किया। इसके पहले पूरा युरोप अरस्तू की अवधारणा पर विश्वास करता था, जिसमें पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केन्द्र थी . . . Read More . . .
माइकल फैराडे का जीवन परिचय, Michael Faraday Biography in Hindi, माइकल फैराडे का जन्म 22 सितंबर 1791 ई. को हुआ। इनके पिता बहुत गरीब थे और लुहारी का कार्य करते थे। इन्होंने अपना जीवन लंदन में जिल्दसाज की नौकरी से प्रारंभ किया। समय मिलने पर रसायन एव विद्युत् भौतिकी पर पुस्तकें पढ़ते रहते थे। सन् 1813 ई. में प्रसिद्ध रसायनज्ञ, सर हंफ्री डेबी, के व्याख्यान सुनने का इन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन व्याख्यानों पर फैराडे ने टिप्पणियाँ लिखीं और . . . Read More . . .
योहान वुल्फगांग फान गेटे का जीवन परिचय, Johann Wolfgang von Goethe Biography in Hindi, योहान वुल्फगांग फान गेटे (Johann Wolfgang von Goethe) (२८ अगस्त १७४९ - २२ मार्च १८३२) जर्मनी के लेखक, दार्शनिक और विचारक थे। उन्होने कविता, नाटक, धर्म, मानवता और विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में कार्य किया। उनका लिखा नाटक फ़ाउस्ट (Faust) विश्व साहित्य में उच्च स्थान रखता है। गोथे की दूसरी रचनाओं में "सोरॉ ऑफ यंग वर्टर" शामिल है। गोथे जर्मनी के महानतम साहित्यिक हस्तियों में . . . Read More . . .
आइजक न्यूटन का जीवन परिचय, Isaac Newton Biography in Hindi, आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को पुरानी शैली और नई शैली की तिथियां 25 दिसम्बर 1642 लिनकोलनशायर के काउंटी में एक हेमलेट, वूल्स्थोर्पे-बाय-कोल्स्तेर्वोर्थ में वूलस्थ्रोप मेनर में हुआ। न्यूटन के जन्म के समय, इंग्लैंड ने ग्रिगोरियन केलेंडर को नहीं अपनाया था और इसलिए उनके जन्म की तिथि को क्रिसमस दिवस 25 दिसंबर1642 के रूप में दर्ज किया गया। न्यूटन का जन्म उनके पिता की मृत्यु के . . . Read More . . .
मार्को पोलो का जीवन परिचय, Marco Polo Biography in Hindi, मार्को पोलो का जन्म वेनिस गणराज्य में एक समृद्ध व्यापारी परिवार में 1224 के आसपास हुआ था। 1271 में, मार्को पोलो एशिया के दौरे पर अपने पिता और चाचा से जुड़ गए। उन्होंने उनके साथ दो पुजारियों को लिया। उन्होंने मध्य पूर्व और गोबी रेगिस्तान को पार किया, बाद में अपनी पुस्तक द वर्ल्ड ऑफ द वर्ल्ड, में वर्णित कई जगहों को देखा। वे 17 वर्षों तक चीन में . . . Read More . . .