गौतम बुद्ध के अनमोल सुविचार, Gautam Buddha Quotes in Hindi, आप यहाँ प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुविचार, अनमोल वचन, फेमस कोट्स, ग्रेट कोटेसन, बेस्ट कोट्स, स्लोगन, एस एम एस तथा महापुरुषों के अनमोल विचार के बारे में पढ़ सकते हैं।
एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है।
खुशियों का कोई रास्ता नहीं, खुश रहना ही रास्ता है।
खुशी के लिए कोई मार्ग नहीं है बल्कि खुशी ही मार्ग है।
अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें, दूसरों पर निर्भर नहीं रहें।
इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें।
असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है, हमारा असत्यवादी होना।
नफरत, नफरत से नहीं बल्कि प्यार से खत्म होती है। यह शाश्वत नियम है।
अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है, परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो।
ज्ञानी व्यक्ति कभी नहीं मरते और जो नासमझ हैं वे तो पहले से ही मरे हुए हैं।
किसी और के लिए दिया जलाकर आप अपने रास्ते का अंधेरा भी दूर करते हैं।
दूसरों के दु:ख पर अपनी खुशी का निर्माण करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
बिना सेहत के जीवन, जीवन नहीं है, बस पीड़ा की एक स्थिति है-मौत की छवि है।
स्वस्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।
मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया जा चुका है, मैं देखता हुँ कि क्या किया जाना बाकी है।
आपको क्रोधित होने के लिए दंड नहीं दिया जायेगा, बल्कि आपका क्रोध खुद आपको दंड देगा।
अगर आप वाकई में अपने आप से प्रेम करते है,तो आप कभी भी दूसरों को दुःख नहीं पहुंचा सकते।
सभी गलत कार्य मन से ही उपजते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाय तो क्या गलत कार्य रह सकता है।
सभी बुराईयों से दूर रहने के लिए, अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन में अच्छे विचार रखिये।
अतीत पर ध्यान केन्द्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान क्षण पर ध्यान केन्द्रित करो।
शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है, नहीं तो हम अपने दिमाग को मजबूत एवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे।
अच्छी चीजों के बारे में सोचें-हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं, इसलिए सकारात्मक बातें सोचें और खुश रहें।
जैसे एक सांप अपनी चमड़ी उतारता है, वैसे ही हमें भी समय-समय पर अपने अतीत को उतार फेंकना चाहिए।
किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।
किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं,और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।
जीवन में एक दिन को समझदारी से जीना कहीं अच्छा है बजाय एक हजार साल तक बिना ध्यान के साधना करने के।
क्रोधित होना किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्ही को जलाता है।
जैसे एक मोमबत्ती आग के बिना नहीं जल सकती है, उसी तरह मनुष्य एक अध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता है।
अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ़ नहीं रख पाएंगे।
आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें,लेकिन जब तक उनपर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है।
जिस तरह से एक तीर बेचने वाला अपने तीर को सीधा करता है, उसी तरह से एक समझदार व्यक्ति खुद को साध लेता है।
एक शुद्ध निःस्वार्थ जीवन जीने के लिए, एक व्यक्ति को प्रचुरता में भी कुछ भी अपना नहीं है ऐसा भरोसा करना चाहिए।
वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट है, वह जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है।
सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है। पूर्ण रास्ता ना तय करना और इनकी शुरूआत ही ना करना।
आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है,लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करते हैं।
अपने बराबर या फिर अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफ़र कीजिए, मूर्खों के साथ सफ़र करने से अच्छा है अकेले सफ़र करना।
मौत-एक विचलित मन वाले व्यक्ति को उसी तरह से बहा कर ले जाती है, जिस तरह से बाढ़ में एक गांव के (नींद में डूबे हुए) लोग बह जाते हैं।
क्रोधित रहना, जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से पकड़े रहने के समान है यह सबसे पहले आप को ही जलाता है।
खुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि आप क्या हो या आप कौन हो, खुशी पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि आप क्या सोचते हो।
आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा-चढ़ाकर मत बताईये और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए, जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
आपके पास जो कुछ भी है, उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
अपना रास्ता स्वंय बनाएं-हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले मृत्यु को प्राप्त होते हैं, इसलिए हमारे अलावा कोई और हमारी किस्मत का फैसला नहीं कर सकता।
हम अपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं, हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं। जब मन पवित्र होता है तो खुशी परछाई की तरह हमेंशा हमारे साथ चलती है।
एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक रौशन किए जा सकते हैं, फिर भी उस दीपक की रौशनी कम नहीं होती। उसी तरह खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है, कम नहीं होती।
कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलते रहने से कुछ नहीं सीख पाता। समझदार व्यक्ति वही कहलाता है जोकि धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है।
अगर व्यक्ति से कोई गलती हो जाती है तो कोशिश करें कि उसे दोहराऐं नही, उसमें आनन्द ढूँढने की कोशिश न करें, क्योंकि बुराई में डूबे रहना दु:ख को न्योता देता है।
एक जलते हुए दीपक (मोमबत्ती) से हजारों दीपक रौशन किए जा सकते है, फिर भी उस दीपक की रौशनी कम नहीं होती। उसी तरह खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है,कम नहीं होती।
अगर थोड़े से आराम को छोड़ने से व्यक्ति एक बड़ी खुशी को देख पाता है, तो एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह थोड़े से आराम को छोड़कर बड़ी खुशी को हासिल करे।
सभी व्यक्तियों को सजा से डर लगता है, सभी मौत से डरते हैं। बाकी लोगों को भी अपने जैसा ही समझिए, खुद किसी जीव को ना मारें और दूसरों को भी ऐसा करने से मना करें।
आप पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी ऐसे व्यक्ति को खोज लें जो आपको आपसे ज्यादा प्यार करता हो, आप पाएंगे कि जितना प्यार आप खुद से कर सकते हैं उतना कोई आपसे नहीं कर सकता।
कोई भी व्यक्ति सिर मुंडवाने से, या फिर उसके परिवार से, या फिर एक जाति में जनम लेने से संत नहीं बन जाता; जिस व्यक्ति में सच्चाई और विवेक होता है, वही धन्य है। वही संत है।
एक समझदार व्यक्ति के साथ रहकर भी एक मूर्ख व्यक्ति, अपने पूरे जीवन में भी, सच को उसी तरह से नहीं देख पाता, जिस तरह से एक चम्मच, सूप के स्वाद का आनंद नहीं ले पाती।
एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है। एक थके हुए व्यक्ति मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन-मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है।
किसी परिवार को खुश, सुखी और स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरुरी है - अनुशासन और मन पर नियंत्रण। अगर कोई व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर ले तो उसे आत्मज्ञान का रास्ता मिल जाता है।
जिस व्यक्ति का मन शांत होता है। जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है। वह वहीं व्यक्ति होता है जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दु:ख-तकलीफों से मुक्त हो चुका है।
जिस तरह से लापरवाह रहने पर, घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर सकती है, उसी तरह से धर्म के असली स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको नरक के दरवाजे पर पहुंचा सकती है।
एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए, क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है,लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा।
किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो केवल आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन बुरा मित्र तो आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है।
व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है, और कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका खुद पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।
शक्ति की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है। शक लोगों को अलग करता है। यह एक ऐसा जहर है जो मित्रता खत्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है। यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है।
उसने मेरा अपमान किया, मुझे कष्ट दिया, मुझे लूट लिया- जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं, वे कभी भी चैन से नहीं रह पाते, सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते है।
खुद पर विजय प्राप्त करें- दूसरो के सामने कुछ भी साबित करने से पहले यह जरूरी है कि हम खुद को साबित करें हर इंसान की प्रतिस्पर्धा पहले खुद से होती है इसलिए दूसरों पर जीत हासिल करने से पहले यह जरुरी है कि हम खुद पर जीत हासिल करें।
गुजरे हुए कल को जाने दीजिये, भविष्य को जाने दीजिये, वर्तमान को भी जाने दीजिये, और अपने अस्तित्व की सीमाओं से बाहर झाँक कर देखिये। जब आपका मन पूरी तरह आजाद होता है तो आप जीवन-मृत्यु को उसके सही स्वरूप में देख पाते हैं।
जो व्यक्ति, क्रोधित होने पर अपने गुस्से को संभाल सकता है वह उस कुशल ड्राईवर की तरह है जो कि तेजी से भागती हुई गाडी को संभाल लेता है और जो ऐसा नहीं कर पाते, वे केवल अपनी सीट पर बैठे हुए एक्सीडेंट होने का इन्तजार करते रहते हैं।
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