सबका पालन करने वाली, सबको भोजन देने वाली। मेघा सब बरसाने वाली, धूप को दर्शाने वाली। चाँद सूरज दिखाने वाली, धरती को घुमाने वाली। . . . Read More . . .
समय से सोता राजू भैया, समय से सोती मिनी बहिना। समय से ही दोनों उठ जाते, झट-पट हो तैयार हैं जाते। . . . Read More . . .
सूरज निकला फूल खिले, पत्तों के संग गले मिले, खिल खिल हँसते, मिल मिल हँसते, हँसते हँसते पूछा करते, "पीली पीली धूप उड़ाते, सूरज दादा कहां चले?" . . . Read More . . .
सर्दी का आया मौसम, चुहिया ने पी चाय गरम। पीकर तन में गरमी आई, घंटा घर तक दौड़ लगाई। . . . Read More . . .
बन्दर मामा बना रहे थे आम के नीचे खाना, लदा हुआ था पेड़ आम से, उसको मिला बहाना, खूब गिराए आम पेड़ से अब मैं बदला लूँगा, आम के नीचे खाना इसको नहीं बनाने दूंगा, बंदर मामा ने जैसे ही दाल में छौंक लगाया, आम ने ऊपर से बर्तन में बड़ा सा आम गिराया, बर्तन टूटा, मामा रूठा, रो-रो कर दिखलाया, फ़ैल गई सब दाल, आम पर मामा को गुस्सा आया, . . . Read More . . .