लो, फिर आ गया जाड़ों का मौसम, पहाड़ों ने ओढ़ ली चादर धूप की, किरणें करने लगी अठखेली झरनों से, चुपके से फिर देख ले उसमें अपना रूप। . . . Read More . . .
आ टमाटर, ऊ टमाटर, आ टमाटर बड़ा मज़ेदार, आ टमाटर, ऊ टमाटर, आ टमाटर बड़ा मज़ेदार, एक दिन इसको चूहे ने खाया, बिल्ली को भी मार भगाया आ टमाटर, ऊ टमाटर, आ टमाटर बड़ा मज़ेदार, एक दिन इसको पतलू ने खाया, मोटू को भी मार भगाया, . . . Read More . . .
होली का हंगामा है, सबको रंग लगाना है। कहाँ बाल्टी बढ़िया है, कहाँ रंग की पुड़िया है। कहाँ रखे हैं गुलाल अबीर, आया है या नहीं कबीर? पिचकारी भर लाना है, होली संग मनाना है। ऋतुओं पर ठहरा गुलाल है, रंग रंगा हर नौनिहाल है। कोयल कूहू बोली है, होली है भई होली है। नया घाघरा नई कुर्तियाँ, नये पजामे नई जूतियाँ। चूड़ी चुनरी चोली है, होली है भई होली है। रंग-रंगीली मस्ती वाला, आया . . . Read More . . .
चले जा रहे थे हाथी दादा, चलते चाल अपनी मतवाली। हँसा ज़ोर से बंदर चाल पर, दिखाई कूद अपनी उछलक। देख चाल हाथी की मतवाली, भालू राम भी मंद मुस्काये। अपनी चाल दिखा हाथी को, वो भी कूदे झूमे गाये। . . . Read More . . .
फोन की घण्टी ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन बज गई घण्टी सुन कर दौड़ के आया बन्टी फोन उठा कर बोला हैलो आओ मेरे सन्ग मे खेलो आगे था पापा का बॉस करनी थी कुछ बातें खास बॉस तो पूरे गुस्से मे था . . . Read More . . .