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हिंदी कविता - Hindi Rhymes


झाला का बलिदान - हिन्दी कविता

Jhala Ka Balidan Hindi Kavita Hindi Rhymes

दानव समाज में अरुण पड़ा, जल जन्तु बीच हो वरुण पड़ा, इस तरह भभकता था राणा, मानो सर्पो में गरुड पड़ा। हय रुण्ड कतर, गज मुण्ड पाछ, अरि व्यूह गले पर फिरती थी, तलवार वीर की तडप तडप, क्षण-क्षण बिजली गिरती थी। राणा कर ने सिर काट-काट, दे दिए कपाल कपाली की, शोणित की मदिरा पिला पिला, कर दिया तुष्ट रण काली को। पर दिन भर लड़ने से तन में, चल रहा पसीना था तर-तर, अविरल . . . Read More . . .

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मैं तो वहीँ खिलौना लूँगा - हिंदी कविता

Mai To Wahi Khilauna Lunga Hindi Poem Hindi Rhymes

मैं तो वहीँ खिलौना लूँगा, मचल गया दीना का लाल। खेल रहा था जिसको लेकर, राजकुमार उछल उछल। व्यथित हो उठी माँ बेचारी, या स्वर्ण-निर्मित वह तो खेल इसी से लाल नहीं है, राजा के घर भी यह तो। राजा के घर, नहीं नहीं माँ, तू मुझको बहकती है, इस मिट्टी से खेलेगा क्या, राजपुत्र तो ही कह तो? . . . Read More . . .


पुष्प की अभिलाषा - हिंदी कविता

Pushp Ki Abhilasha Poem Hindi Rhymes

चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ, चाह नहीं प्रेमी-माला में बंध प्यारी को इठलाऊँ, चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि, डाला जाऊँ, . . . Read More . . .

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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा

Vijayi Vishv Tiranga Pyaara Hindi Rhymes

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा। वीरों को हरषाने वाला, प्रेम-सुधा बरसाने वाला। मातृभूमि का तन-मन सारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा। . . . Read More . . .

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बंदूक नहीं पिचकारी - हिंदी कविता

Bandook Nahi Pichkari Poem Hindi Rhymes

अगर कहीं मिलती बंदूक उसको मै करता दो टूक, नली निकाल, बना पिचकारी रंग देता यह दुनिया सारी। कौआ बगुला जैसा होता बगुला होता मोर, लाल-लाल हो जाते तोते होते हरे चकोर। . . . Read More . . .


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