भारतीय राज्य असम (Assam) काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है। सबसे अहम बात यह है कि असम एक सींग वाले लुप्तप्रायः गैंडे के संरक्षण में कामयाब रहा है। राज्य को अपने आप में अनोखे असमीया सुनहरा सिल्क, जिसे मूगा सिल्क कहते हैं, के लिए जाना जाता है जिसका उत्पादन सिर्फ असम में होता है। एक और पहलू जो असम को भारत का चहेता बनाता है वह है यहां स्थित सबसे पहला और पुराना पेट्रोल संसाधन।
क्या आपने किसी ऐसी मज़ेदार जगह छुटटियाँ बिताने का सपना देखा है, जहां अपने होटल के कमरे में आप भारत की सबसे बेहतरीन चाय का लुत्फ ले रहे हों तो असम ही एक ऐसी जगह है जो आप कभी मिस नहीं करना चाहेंगे। गुवाहाटी स्थित दिसपुर, असम राज्य की राजधानी है। असम (Assam) भारत के सेवन-सिस्टर्स कहे जाने वाले राज्यों में से एक है और बाकी सिस्टर राज्यों से घिरा है जो कि त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश है इसके अलावा पश्चिम बंगाल राज्य से भी असम की सीमा जुड़ी है। इनके अलावा भूटान और बांग्लादेश भी असम से अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं | यह राज्य चारों ओर से जमीन से घिरा है।
असम (Assam) के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने 18 नवंबर 2013 को “ओ मोर अपनोर देश“ गीत को राज्य का आधिकारिक गान घोषित किया, इसका मतलब उन्होंने इसे असम राज्यिक जातियों संगीत की मान्यता दी। इस गाने की रचना साहित्यकार साहित्यार्थी लक्ष्मीनाथ बेज़बरोबा ने की है और इसे सरकारी और स्कूली समारोहों में राष्ट्रीय गान के साथ गाया जाता है।
मध्यकालीन समय में असम में दो राजवंशों ने राज किया, कोच और अहोम। कोच तिब्बती-बर्मी मूल के थे, वहीं अहोम ताई थे और उत्तर असम (Assam) पर राज करते थे। मध्यकाल में भारत ने कई हमलों का सामना किया लेकिन असम पर अंग्रेजों से पहले कभी किसी विदेशी ताकत का राज नहीं रहा। मुगलों ने सत्रह बार असम पर हमला किया लेकिन हर बार असफल रहे। पहले एंग्लो-बर्मी यु़द्ध के बाद सन् 1826 में पश्चिमी असम पर ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया। आखिरकार सन् 1833 में पुरंदर सिंघा के रुप में ऊपरी असम को अपना राजा मिला। पांच साल बाद उस क्षेत्र पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया।
विभिन्न जिओमोर्फोलोजी अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ब्रह्मपुत्र नदी असम की सबसे पुरानी नदी और राज्य की जीवन रेखा है। यह अरूणाचल प्रदेश से राज्य में प्रवेश करती है। राज्य में प्रवेश के बाद यह नदी बहुत चैड़ी हो जाती है और इसकी कई उपनदियाँ बन जाती हैं। राज्य में कई संसाधनों की बहुतायत है, जैसे कोयला, चूना, पेट्रोल और प्राकृतिक गैस। इसके अलावा राज्य में कई खनिज मिलते हैं, जैसे मिट्टी, चुंबकीय क्वार्टज़ाइट, फेल्ड्स्पार, सिलिमेनाइट, चीनी-मिट्टी आदि। राज्य के उत्तर में यहां के सभी मशहूर गैस और पेट्रोल के भंडार हैं जिनकी खोज सन् 1889 में हुई थी।
असम (Assam) राज्य में 27 प्रशासनिक जिले हैं, जिनके 49 उपमंडल हैं, जिन्हें असमीया भाषा में मोहकमा भी कहा जाता है। इन जिलों की देखरेख और प्रशासन जिला मजिस्ट्रेट, जिला पंचायत कार्यालय, उपायुक्त और जिला न्यायालय अपने-अपने मुख्यालय के जरिये करते हैं। पहाड़ों, नदियों और जंगलों के आधार पर इन जिलों का सीमांकन किया जाता है। जिला पंचायत जिले के ग्रामीण और स्थानीय प्रशासन का जिम्मा संभालते हैं। हालांकि शहरों और कस्बों की देखरेख स्थानीय शहरी निकाय करते हैं। वर्तमान में राज्य में लगभग 26,247 गांव है। स्थानीय शहरी निकायों को नगर समिति, पोरो सोभा और पोरो निगम कहा जाता है। असम के कुछ महत्वपूर्ण शहर हैं गुवाहाटी, जोरहाट, नागांव, डिबरुगढ़ और सिलचर। राज्य के राजस्व पर नज़र रखने के लिए 27 जिलों को उन क्षेत्रों की विकास योजनाओं के आधार पर बाँटा गया है।
सन् 2011 में असम (Assam) की साक्षरता दर 73.18 प्रतिशत के आसपास रही, जिसमें महिला साक्षरता 67.27 प्रतिशत और पुरुष साक्षरता 78.81 प्रतिशत थी। ज्यादातर स्कूलों और यूनीर्वसिटी में छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाया जाता है। हालांकि कुछ स्कूलों में असमी भाषा के माध्यम से भी शिक्षा दी जाती है। किसी भी और राज्य की तरह असम में भी प्री-प्रायमरी, प्रायमरी, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी शिक्षा प्रणाली है। असम सरकार राज्य के 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराती हैं। असम में सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल संचालित होते हैं। राज्य के प्रायमरी स्कूल का पाठ्यक्रम असम का प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय तैयार करता है। हालांकि असम में राज्य बोर्ड यानी एएचएसईसी और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई दोनों से संबद्ध स्कूल हंै।
देश की 25 प्रतिशत पेट्रोलियम की जरुरतों को पूरा करने के बाद भी राज्य की विकास दर भारत की विकास दर के बराबर नहीं है। राजस्व उत्पन्न करने के मामले में डिबरुगढ़, महाराष्ट्र के मुंबई के बाद देश का सबसे अमीर जिला है। देश के दूसरे राज्यों की तरह असम (Assam) में भी खेती ही लोगों का मुख्य व्यवसाय है। आमदनी के मामले में असम में खेती का स्थान तीसरा है और राज्य के 69 प्रतिशत लोग यह व्यवसाय करते हैं। हालांकि, चाय के उत्पादन के माध्यम से विश्व में इसका बहुत योगदान है। असम टी जिसे कमेलिया असमका भी कहते हैं अपनी महंगी पत्तियों और बेहतरीन स्वाद के लिए मशहूर है और कृषि उत्पादों में असम में आलू, शकरकंद, हल्दी, खट्टे फल, मसाले, सफेद सरसों, चावल, हर्ब, जूट, सरसों के बीज, गन्ना, पपीता, सुपारी, पत्तेदार सब्जियों की पैदावार होती है।
भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक असम (Assam) देश के सम्मोहक पूर्वोत्तर हिस्से का प्रवेश द्वार है। विशाल ब्रह्मपुत्र नदी, शानदार पहाड़ों, वनस्पति और जीव-जंतु से समृद्ध यह राज्य पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। जोशपूर्ण जीवनशैली, चेहरे पर मुस्कान लिए लोग, विभिन्न जनजातियाँ और संस्कृति असम के समाज की विशेषताएँ हैं। असम का इतिहास आर्यों के समय तक का प्राचीन इतिहास है और इसका जि़क्र कई महाकाव्यों, तांत्रिक, वैदिक और बौद्ध साहित्य में मिलता है। इस भूमि पर कई राजवंशों के महान राजाओं ने राज किया है। इस राज्य में विविध समुदायों और जनजातियों के लोग रहते हैं और सब बहुत मिलनसार है।
असम (Assam) के वन्यजीव अभयारण्यों में अलग-अलग प्रकार के लैंडस्केप, पौधों, पक्षियों और जानवरों का मिश्रण है। अनुकूल जलवायु परिस्थिति, भूगोलीय स्थिति और बड़े-बड़े जंगलों की वजह से असम पक्षियों, जानवरों और प्राकृतिक वनस्पतियों ठिकाना है। असम में कई वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो कि दुनिया की कई लुप्त होती प्रजातियों के प्रजनन का स्थान है। असम के कई वन्यजीव अभयारण्य कई जानवरों जैसे सुनहरे लंगूर और सींग वाले गैंडे का आसरा है।
2011 की जनगणना के अनुसार असम की आबादी 31169272 थी। राज्य मंे पिछले दस सालों में अनुमानित तौर पर 16.93 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि देखी गई। माना जा रहा है कि साल 2021 और 2026 में राज्य की आबादी क्रमशः 34180000 और 35.60 करोड़ तक पहुंच जाएगी। 2011 में राज्य की साक्षरता दर 73.18 प्रतिशत और शहरीकरण की दर 12.9 प्रतिशत थी।
पीपल आॅफ इंडिया परियोजना के अनुसार राज्य में करीब 115 जातीय समूह है। इन समूहों में 69 प्रतिशत खुद को क्षेत्रीय, 19 प्रतिशत स्थानीय और 3 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय बताते हैं। असम में अनुसूचित जनजाति के लोग बहुत बड़ी संख्या में हंै। राज्य में वर्तमान में 23 अधिसूचित जनजातियाँ हंै, जिनमें से बोडो लोग जनजाति आबादी में 40.9 प्रतिशत और राज्य की आबादी में 13 प्रतिशत है।
असम की संस्कृति अहोम और कोच राजवंश का राज आने के बाद बहुत प्रभावित हुई। सांस्कृतिक बदलाव में सबसे अहम भूमिका श्रीमंत शंकरदेवा वैष्णव आंदोलन की रही। इस आंदोलन ने असम की संस्कृति को ललित कला, साहित्य, भाषा और परफॅार्मिंग आर्ट के क्षेत्र में विकसित किया, असम की भाषा में ब्रजावली भाषा के भी अंश हैं, जो कि भारत की विभिन्न भाषाओं से शब्द लेकर बनी है। ब्रिटिश काल और उस काल के बाद के समय ने भी असम की आधुनिक संस्कृति को बहुत प्रभावित किया। राज्य के साहित्य और कला क्षेत्र पर उत्तर भारत और पाश्चात्य के मिश्रण का असर देखा जा सकता है। कुछ मशहूर नृत्य और नाटक हंै, अंकिया नाट, बीहू नृत्य, कुषण नृत्य, बगुरुंबा, बोरडोइसिखला, सत्तरिया, बंजर केकन, मिशिंग बिहू आदि। संगीत भी राज्य की परंपरा का हिस्सा है, जैसे लोक गीत बोरगीत आदि।
राज्य की आधिकारिक भाषा असमिया और बोडो है। बंगाली भाषा को भी आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है और यह असम में काफी बोली जाती है। असम में विभिन्न समुदाय अलग-अलग भाषा बोलते हैं और राज्य में लगभग 45 भाषाएँ बोली जाती हैं। प्राचीन भाषा बोडो पहले बहुत उपेक्षित हुई लेकिन अब धीरे-धीरे इसे अपनी पहचान मिल रही है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली आदिवासी भाषा संथाली है। पश्चिमी असम के लोग राजबोंगशी भाषा बोलते हैं, जिसे गोलपरिया या कमातापुरी भी कहते हैं। बराक घाटी में कुछ लोग बिश्नुप्रिया मणिपुरी भी बोलते हैं। असम के कुछ भागों में लोग नेपाली बोलते भी दिख जाते हैं।
प्रकृति माँ ने असम की धरती को अपना भरपूर आशीर्वाद दिया है। देश के उत्तर पूर्व हिस्से के प्रवेश द्वार इस राज्य में हरे भरे मैदान, उपजाऊ जमीन, विशाल ब्रह्मपुत्र नदी, खूबसूरत और ऊंचे पर्वत, अद्भुत चाय बागान और वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि असम का पयर्टन साल दर साल बढ़ा है और अब भी हर दिन बढ़ रहा है। पूरे साल बने रहने वाला सुहाना मौसम और घने जंगलों में रोमांचक वन्य जीवन, असम के पयर्टन को विशेष लाभ देते हैं। यह प्रसिद्ध एक सींग वाले गैंडे और कुछ अन्य दुर्लभ प्रजातियों का घर है। इसलिए पयर्टकों के साथ-साथ यह वन्य जीव प्रेमियों की भी पसंदीदा जगह है।
असम देश का सबसे महत्वपूर्ण पूर्वोत्तर राज्य है। यह अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए सुविधापूर्ण प्रवेशद्वार है और इसका पयर्टन, कृषि और उद्योग के मामले में खासा महत्व है। यह राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र है। सालभर यहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है जो राज्य के लोगों को व्यस्त रखता है। विभिन्न संस्कृति और समुदाय के लोग असम में रहते हैं। इस राज्य से जुड़ी यही सब बातें इसे मीडिया का पसंदीदा बनाती हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि असम का मीडिया अपने हर रुप में लोगों के लिए सक्रिय है, चाहे सूचना हो, शिक्षा या मनोरंजन।
राज्य में और राज्य के आस पास के क्षेत्रों में असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) बस सेवा देता है। राज्य के लोगों के लिए सरकार ने यह सेवा शुरु की थी। इस सेवा की शुरुआत में चार बसें गुवाहाटी और नागांव के बीच चलती थीं। समय के साथ इसका नेटवर्क बढ़ता गया और एएसटीसी की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। उत्तर पूर्व भाग का एकमात्र हवाई अड्डा गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जिसका पहले नाम बोरझार हवाई अड्डा था। वर्तमान में यहां सात एयरलाईन अपनी सेवा देती हैं। यहां से 12 शहरों के लिए नाॅनस्टाप उड़ानें मिलती हैं। औसतन यहां से हर सप्ताह 14 अंतर्राष्ट्रीय और 315 घरेलू उड़ानें रवाना होती हैं।
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