भारतीय राज्य गोवा (Goa) अपने आकर्षक समुद्री तट, महान वास्तुकला की विरासत और पूजास्थलों के लिए मशहूर, पयर्टकों का पसंदीदा स्थान है। गोवा देश के पश्चिमी भाग में स्थित है और आबादी और क्षेत्रफल के मान से भारत का सबसे छोटा राज्य है। इसके उत्तर में महाराष्ट्र, पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण और पूर्व में कर्नाटक से घिरा गोवा, भारत के कोंकण क्षेत्र के बड़े हिस्से में फैला है। पणजी गोवा की राजधानी है और देश में अपनी सबसे ज्यादा जीडीपी के कारण इसे भारत का सबसे अमीर राज्य माना जाता है।
हर साल पूरी दुनिया से हजारों लोग इस राज्य के खूबसूरत समुद्री तट, मंत्रमुग्ध करने वाली पहाडि़याँ और आकर्षक और लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता देखने आते हैं। इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 3702 वर्ग किमी से अधिक नहीं है और इसका समुद्री किनारा अनुमानित तौर पर लगभग 100 किमी लंबा है। कभी पुर्तगाल का प्रांत रहने के कारण गोवा में पुर्तगाली संस्कृति का प्रभाव आज भी साफ दिखता है। उत्तर गोवा इलाके में छह तालुका हैं और दक्षिण गोवा क्षेत्र में पांच तालुका हैं। राज्य की आबादी लगभग 14,57,723 है और जनसंख्या के आधार पर यह देश में चैथा सबसे छोटा राज्य है। ट्राॅपीकल मानसून जलवायु के कारण गोवा गर्म और नम है और इसलिए विदेशी पयर्टकों के लिए छुट्टी बिताने की पसंदीदा जगह है।
गोवा (Goa) का इतिहास बहुत समृद्ध और विविध है। ईसा पूर्व की तीसरी शताब्दी में गोवा में मौर्य राजवंश का राज था और उनके बाद सत्यहनस, चालुक्य, श्रीहरस और कदंब के राजवंश ने राज किया। चैदहवीं सदी में मुसलमानों ने गोवा पर हमला किया और उस समय के विजयनगर सामा्रज्य के हिंदू राजा हरिहर को वह क्षेत्र खाली करना पड़ा। लगभग 200 साल राज करने के बाद सन् 1510 में मुसलमानों को पुर्तगालियों ने हराया जो कि उस क्षेत्र में व्यापारी बन कर आए थे और पुर्तगाली पूरे तटीय इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब रहे। सन् 1947 में जब भारत को आजादी मिली तब पुर्तगालियों को गोवा भारत सरकार को सौंपने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन पुर्तगाली इसके लिए तैयार नहीं थे। सन् 1954 में गोवा के राष्ट्रवादियों ने पुर्तगाल से दादरा और नगर क्षेत्रों पर कब्जा कर भारत समर्थक वर्चस्व स्थापित किया। अगले साल सत्याग्रही एक विशाल सेना के साथ गोवा में आए और भारत और पुर्तगाल के बीच लंबी समझौता बातचीतों के बाद आखिरकार पुर्तगाल ने हार स्वीकार की। सन् 1961 में भारतीय वायु सेना और नौसेना ने गोवा को कब्जे में ले लिया और इसके एक साल के बाद गोवा को भारत सरकार के अधीन केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। इसके बाद गोवा को राज्य का दर्जा पाने में 26 साल लग गए और आखिरकार सन् 1987 में गोवा को आधिकारिक तौर पर राज्य घोषित किया गया।
भारतीय प्रायःदीप के पश्चिमी तट पर कोंकण के तटीय इलाके की प्रमुख जगह होने के नाते तेरेखोल नदी गोवा की प्राकृतिक सीमा है, जो उसे उत्तर स्थित महाराष्ट्र से अलग करती है। पश्चिमी घाट राज्य के पूर्व में और विशाल अरब सागर इसके पश्चिम में है। गोवा को चार क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है। तटीय मैदानी इलाके जैसे मोरमुगाओ, तीसवाड़ी, साल्सेट और बरदेज़ और पूर्वी पहाड़ी इलाके जिनमें पश्चिमी घाट जैसे सत्तारी, कैनाकोना, सेंगुएम और पौंडा और मैदानी इलाके जिनमें तटीय इलाके और रोलींग अपलैंड के साथ-साथ सेंट्रल वैली के इलाके भी शामिल हैं, जैसे पूर्वी सेंगुएम, बिचोलिम, पेरनेम और क्यूपेम। गोवा की मुख्य नदियाँ मांडोवी, जुआरी, तिराकोल, साल, चपोरा और तलपोना है यह राज्य से बहती हुई अरब सागर में मिलती है। इनसे बनती खाड़ी इस तटीय इलाके की खूबसूरती और बढ़ा देती है। टापीकल मानसून जलवायु के कारण गोवा (Goa) का गर्मियों का मौसम बहुत गर्म और सर्दियों का मौसम बहुत ठंडा होता है। शेष साल भर में मौसम बहुत सुहाना होता है। मानसून राज्य का सबसे खास मौसम है, जिसमें जुलाई में सबसे ज्यादा बारिश होती है। राज्य का काफी हिस्सा जंगलों से ढंका है जिससे राज्य में काफी जैव विविधता है।
क्षेत्र के हिसाब से गोवा (Goa) एक छोटा राज्य है और कम आबादी वाले राज्यों की सूची में में इसका स्थान चौथा है। राज्य की विकास दर लगभग 15 प्रतिशत है। गोवा अपनी शहरी आबादी के लिए जाना जाता है जो कि कुल आबादी का 50 प्रतिशत है और ग्रामीण क्षेत्र से दूर है। राज्य में 1000 पुरुषों के मुकाबले 960 महिलाएँ है जो कि वहां की अनुसूचित जनजाति के हिसाब से बहुम कम है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कुल रहवासियों में लगभग 65 प्रतिशत हिंदू हैं । जिनमें मराठी, तेलगु, तमिल और गुजराती हैं । इसका कारण आसपास के राज्यों में इनकी आबादी ज्यादा होना है। दूसरे स्थान पर ईसाई जनसंख्या है, जो कि कुल आबादी का 7 प्रतिशत है। 450 सालों तक गोवा में राज करने के कारण माना जाता है कि कुछ पुर्तगाली काॅलोनियां राज्य में अब भी हैं । जहां वह आज भी अपनी परंपरा और रीति रिवाजों़ का पालन करते हंै। राज्य में इस्लाम, सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं ।
गोवा (Goa) को भारत का सबसे अमीर राज्य माना जाता है और इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी दर भारत की जीडीपी के मुकाबले तीन गुना है। पयर्टन गोवा का मुख्य उद्योग है और इसका श्रेय यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षक समुद्री तटों को जाता है। लगभग 12 प्रतिशत विदेशी हर साल गर्मियों और सर्दियों में गोवा आते हैं। पीक सीज़न में देश भर से आए घरेलू पर्यटर्कों से भी राज्य के लोगों को अच्छी खासी आय हो जाती है। गोवा की जमीन खनिज और कच्ची धातु से समृद्ध है, इसलिए खनन राज्य की अर्थव्यवस्था का दूसरा सबसे बड़ा सा्रेत है। गोवा के कई क्षेत्रों में लोहे, चूना पत्थर, बाॅक्साइट, मैंगनीज़, सिलिका और चिकनी मिट्टी का खनन होता है। देश के 40 प्रतिशत आइरन ओर का निर्यात गोवा के मर्मागाओ बंदरगाह से होता है। सेसा गोवा, डेम्पो और रेम्पेन्ट राज्य के कुछ इलाके हैं, जो लौह अयस्क से समृद्ध हैं। कृषि भी राज्य में बहुत विकसित है और चावल यहां की मुख्य फसल है। अन्य फसलों में काजू, सुपारी और नारियल शामिल है। एक और उद्योग जो गोवा में बहुत समृद्ध हुआ है वह मछली पकड़ने का है और यह हजारों लोगों की आय का स्रोत है। अन्य उद्योग जैसे कीटनाशक, टायर, उर्वरक, जूते, रसायन, स्टील रोलिंग, फार्मास्यूटिकल्स और फिश कैनिंग भी राज्य की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है।
गोवा (Goa) विश्वभर के पयर्टकों का पसंदीदा स्थान है और यह पूरी दुनिया से बहुत वेल कनेक्टेड है और किसी भी कोने से यहां पहुंचा जा सकता है। घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए कई एयरवेज़ डबोलीम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास ही उपलब्ध हैं। मुंबई जो कि गोवा से बहुत पास है, वहां से भी गोवा पहुंचा जा सकता है। कोंकण रेलवे राज्य में कई ट्रेनंे चलाता है जो कि उत्तर में मुंबई और दक्षिण में मेंगलौर को गोवा से जोड़ती है। यही नहीं गोवा से देश के हर भाग के लिए रेल गाडि़याँ उपलब्ध है। गोवा से मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, मेंगलोर और अन्य राज्यों के लिए नियमित बस सेवाएँ भी उपलब्ध है। बसें महंगा विकल्प ज़रुर हैं लेकिन तेज़ और आरामदायक होने के कारण रेल के मुकाबले लोगों में यह ज्यादा लोकप्रिय हैं। राज्य में पाउलो ट्रेवल्स नाम की मशहूर बस सेवा है जो गोवा के कई भागों में उपलब्ध है। यात्रियों की सुविधा के लिए हर दिन कई बसें मुंबई से मडगाव और पुणे के लिए चलती हैं। स्थानीय लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बस, टेक्सी और आॅटो रिक्शा का इस्तेमाल करते हैं। जो लोग समर्थ हैं वो लोग निजी कारों का भी इस्तेमाल करते हैं। मोटरसायकल टैक्सियाँ भी एक जगह से दूसरी जगह जाने का लोकप्रिय साधन हैं।
गोवा (Goa) राज्य में कई संस्कृतियाँ हैं और इसकी सांस्कृतिक विरासत बहुत ही समृद्ध है, जिसमें लोक गीत, लोक नृत्य, संगीत, दृश्य कला और लोक कथाओं का समावेश है। सभी भारतीय त्यौहार जैसे होली, दीपावली और दशहरा यहां जोश और उत्साह से मनाए जाते हैं। इनके अलावा गोवा का इंडो-लैटिन कार्निवाल भी बहुत मशहूर है। यहां शिग्मों भी मनाया जाता है जो कि रोम के सतुरनलिया त्यौहार से काफी मिलता जुलता है। शिवरात्रि भी यहां बहुत उत्साह और श्रद्धा से मनाई जाती है। राज्य के सभी मंदिरों में ज़तरा भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। माना जाता है कि हर गोवन, संगीत की समझ के साथ ही पैदा होता है। डुलपोड और मंडो गोवा के संगीत के दो पारंपरिक रुप है। गोवन लोग पाश्चात्य संगीत के साथ भजन, कीर्तन और नाटक को भी खासा पसंद करते हैं। गोवन लोगों में पारंपरिक नृत्य जैसे फुगड़ी, देखन्नी, दशावतारा और कोरिदिन्हो भी बहुत पसंद किये जाते हैं। गोवन थियेटर दुनिया भर में मशहूर है। गोवा में आपको तरह-तरह के सामान से बना हस्तशिल्प मिल सकता है। जैसे बांस का, मिट्टी का, सीप और पीतल का। स्थानीय लोग नारियल, जूट, लकड़ी, पत्थर और कपड़े आदि से भी हस्तशिल्प तैयार करते हैं।
सन् 1987 के राजभाषा अधिनियम के अनुसार गोवा राज्य की एक ही आधिकारिक भाषा है जो कि कोंकणी है और आधिकारिक लिपि देवनागरी है। अन्य भारतीय भाषाओं की तरह कोंकणी भी इंडो-आर्यन परिवार से है और धर्म, क्षेत्र, जाति और इलाके के आधार पर कई प्रकार से बोली जाती है। कुछ लोगों द्वारा कोंकणी की लिपि रोमन करने की भी मांग की जा रही है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस पर अभी कोई घोषणा नहीं की गई है। जब गोवा पुर्तगालियों के राज में था तब यहां की आधिकारिक भाषा पुर्तगाली ही थी। पुरानी पीढ़ी के कुछ लोग अब भी आपस में पुर्तगाली में ही बात करते हैं। पुर्तगाली प्रभाव वाली काॅलोनियों में रहने वाले लोग आज भी पुर्तगाली भाषा में ही संवाद करते हैं। यहां की दूसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा मराठी है जो कि स्कूलों में भी पढ़ाई जाती है। इसे कोंकणी के बाद दूसरी आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। विदेशी पर्यटकों के बड़ी तादाद में यहां आने से स्थानीय लोगों ने भी अंग्रेजी में बातचीत करना सीख लिया है। कुछ स्थानीय गाइड ने तो विभिन्न जगहों से आने वाले पयर्टकों से बात करने के लिए फ्रेंच, डच और इटेलीयन भाषा भी सीखी है। सभी गोवन लोग बहुत अच्छी तरह हिंदी बोलते और समझते हैं । इसके अलावा कन्नड़, उर्दू और गुजराती भी विभिन्न समुदायों के लोग बोलते हैं।
गोवा (Goa) को पर्ल आॅफ ईस्ट भी कहा जाता है और विदेशी पर्यटकों की यह पसंदीदा जगह है और दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं। अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, शानदार और भव्य वास्तुकला वाले चर्च, मंदिर और पुराने मकान गोवा में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करते हैं। उत्तर गोवा में अंजुना, बंबोलिम, केंडोलिम, डोना पाउला समुद्री तट और दक्षिण गोवा में कोलवा, बेनोलीम, मजोर्दा, पालोलेम या मोरजिम तट घूमे जा सकते हैं। यहां कई वन्यजीव अभयारण्य हैं, जैसे बोंडला वन्यजीव अभयारण्य और कोटिगाव वन्यजीव अभयारण्य, और कुछ संग्रहालय जैसे गोवा राज्य संग्रहालय, नैवेल एविएशन संग्रहालय, पुरातत्व संग्रहालय और पौट्रेट गैलेरी आदि जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कई किले जैसे अगुआड़ा दुर्ग, तिरकोल किला और प्रसिद्ध चर्चों जैसे बैसिलिका आॅफ बोम जीसस, सेंट आॅगस्टिन चर्च आदि कई स्थान हैं जो कि पर्यटक गोवा से जाने से पहले देखना चाहते हैं। गोवा अपनी लंबी पार्टियों और कार्निवल के लिए भी जाना जाता है जो कि खास तौर पर अक्टूबर और दिसंबर महीने में होती हैं । आकर्षक बीच रिसाॅर्ट और बजट होटल सैलानियों के लिए छुट्टियों का अनुभव मजेदार बना देते हैं।
राज्य का दर्जा पाने के बाद से गोवा (Goa) में सरकार का ढांचा वैसा ही है जो कि भारत के बाकी राज्यों का है। गोवा की एक सदनीय विधायिका है, जिसमें 40 विधानसभा सदस्य है । सन् 1962 से सन् 1990 तक राज्य का राजनीतिक माहौल बहुत शांतिपूर्ण था लेकिन उसके बाद के 15 सालों में गोवा में 14 सरकारों के शासन रहे। सन् 2005 में तत्कालीन राज्यपाल ने गोवा में विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन घोषित किया। सन् 2005 के जून में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पांच में से तीन विधानसभा सीटें जीतीं। सन् 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन ने मतदाताओं के ज्यादा से ज्यादा मत पाकर बहुमत हासिल किया और राज्य में अपनी सरकार बनाई। राज्य में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा एक मजबूत राजनीतिक पार्टी है। राज्य में जो अन्य राजनीतिक पार्टियाँ सक्रिय है वह है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, यूनाइटेड गोवा डेमोक्रेटिक पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी आदि। सन् 2012 में भाजपा ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ गठबंधन में गोवा में बहुमत हासिल कर सरकार बनाई। गोवा के मौजूदा मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर और राज्यपाल श्री एच ई भरत वीर वांचू है।
गोवा (Goa) सरकार सभी व्यक्तियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करती है और राज्य की साक्षरता दर 87 प्रतिशत है। हर तालुका के हर गांव में कम से कम एक सरकारी स्कूल और एक निजी स्कूल है। राज्य के स्कूल गोवा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या आईसीएसई या एनआईओएस बोर्ड के तहत आते हैंै। राज्य में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा है। गोवा में उच्च शिक्षा के भी बहुत अच्छे संस्थान है, जैसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और गोवा इंजीनियरिंग काॅलेज और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त काॅलेज और निजी संस्थान जैसे डाॅन बोस्को इंजीनियरिंग काॅलेज और पाद्री कोन्सिआवो इंजीनियरिंग काॅलेज। कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों की शाखाएँ भी गोवा में हैं, जैसे बीआईटीएस पीआईएलएएनआई और एनआईटी संस्थान। गोवा यूनिवर्सिटी टेलिएगो स्थित राज्य की एकमात्र यूनिवर्सिटी है जिससे कई काॅलेज संबद्ध है जिनमें गोवा और अन्य राज्यों के हजारों छात्र पढ़ते हैं। सरकार की देखरेख में राज्य में कई काॅलेजों में विज्ञान, काॅमर्स, लाॅ और कला जैसे विषयों के साथ-साथ सफलतापूर्वक आर्किटेक्चर, फार्मेसी और दंत चिकित्सा के विषय भी पढ़ाए जाते है। समुद्र विज्ञान विषय से जुड़े दो सेंटर भी राज्य में हैं, एक एनसीएओआर जो कि वास्को में है और दूसरा पंजिम का एनआईओ है। राज्य में देश के कुछ प्रतिष्ठित बी-स्कूल भी हैं ।
गोवा (Goa) में बजट से लेकर महंगी आरामदायक और शानदार होटल उपलब्ध हंै। स्थानीय लोगों के कई बगलें हैं, जो कि किराए पर लिए जा सकते हैं। गोवा में रहने की जगह बहुत आसानी से उपलब्ध होती है। गोवा में कुछ अच्छे और लोकप्रिय होटल भी ह, जैसे पौसादा टोमा, बुगेनविएला गेस्ट हाउस, ताज एक्सॅाटिका गोवा, आॅश्निकद होटल, अमारया शामियाना, द लीला गोवा, कासा केंडोलिम, सुर ला मेर, पणजी स्थित ताज विवांता, किग्सटोर्क बीच रिसाॅर्ट और सेंटाना बीच रिसाॅर्ट आदि।