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लक्षद्वीप

अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप (Lakshadweep) भारतीय उपमहाद्वीप का हिस्सा है और भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जाना जाता है। लक्षद्वीप का मलयालम और संस्कृत में मतलब होता है ‘लाखों द्वीप’। अपने नाम के अनुसार ही यह द्वीप बहुत खूबसूरत है और उन लोगों को छुट्टियों का सही आनंद देता है जो लोग समुद्र तटों, पानी के खेल और सी फूड के शौकीन हैं। पूरा लक्षद्वीप कुछ और नहीं बल्कि कई छोटे छोटे द्वीपों का समूह है जो एक दूसरे के पास स्थित हैं। इसमें कुल 12 कोरल एटोल, पांच किनारे, तीन कोरल रीफ और कई छोटे टापू हैं। यह केरल तट के पास स्थित है और केरल राज्य और केरल उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसकी राजधानी कावारत्ती है और यह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक माना जाता है।

Lakshadweep Indian States
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यह केंद्र शासित प्रदेश 1 नवंबर 1956 को गठित किया गया था। यहां का राज्य पक्षी सूटी टर्न और राज्य पशु बटरफ्लाई फिश है। लक्षद्वीप का राज्य वृक्ष ब्रेड फ्रूट है। यहां मलयालम, हिंदी, माही और तमिल भाषाएं बोली जाती हैं। यह 36 द्वीपों का एक समूह है और इसका कुल इलाका 32 वर्ग किलोमीटर का है जो कि अरब सागर में 30,000 वर्ग मील तक बिखरा हुआ है। 36 द्वीपों में से सिर्फ 10 द्वीप बसे हुए हैं और ये दस द्वीप अनद्रोत, अमिनी, अगाती, बितरा, चेतलेत, कदमत, कलपेनी, कावारत्ती, किलतन और मिनिकाॅय हैं। लक्षद्वीप में जैव विविधता की समृद्धता है और इन द्वीपों के विभिन्न तथ्य लक्षद्वीप के बारे में जानकारी की विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं। बेजोड़ प्राकृतिक सुंदरता से संपन्न इस केंद्र शासित प्रदेश का आकर्षक कोरल रीफ द्वीप सुंदर नज़ारों और आधुनिक बुनियादी सुविधाओं का दिलचस्प मेल है जो दुनिया भर के सैलानियों को अपनी ओर खींचता है।

लक्षद्वीप का इतिहास (History of Lakshadweep):-

स्थानीय परंपरा के अनुसार लक्षद्वीप (Lakshadweep) के इतिहास को केरल के अंतिम चेरा राजा चेरामन पेरुमल से जुड़ा बताया जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि उसने अरब व्यापारियों के कहने पर इस्लाम धर्म अपना लिया था और अपनी राजधानी क्रेगानोर को छोड़ दिया था जिसे आज मक्का में कोडंगलौर कहा जाता है। राजा को ढंूढने के लिए कई खोजी दल भेजे गए थे। हालांकि तेज तूफान के चलते उनका जहाज बंगरमा नाम के एक द्वीप पर टूट गया। जैसे तूफान का असर कम हुआ यह दल अगाती द्वीप पर पहंुचा और वापस घर लौटने के दौरान लक्षद्वीप के विभिन्न द्वीपों से उनका सामना हुआ। कुछ सैनिक इनमें से एक अमिनी द्वीप पर रहने लगे।

लक्षद्वीप में इस्लाम का इतिहास सातवीं सदी तक पुराना है जब सेंट उबेदुल्लाह इस्लाम का प्रचार करने कई जगह जाते थे। उनका जहाज टूटने पर उन्होंने खुद को इस द्वीप पर पाया और इस तरह वह यहां पहुंचे। उन्होंने यहां शादी की और सफलतापूर्वक लोगों को इस्लाम में परिवर्तित किया। आज भी उनकी कब्र यहां अनद्रौत में मौजूद है और एक पवित्र जगह मानी जाती है। पुर्तगालियों के आने के साथ लक्षद्वीप में लूट शुरु हो गई। उनकी रुचि सिर्फ काॅयर में थी। हालांकि पुर्तगाली भी यहां ज्यादा साल नहीं टिक पाए और माना जाता है कि स्थानीय लोगों द्वारा जहर दिए जाने से उनकी मौत हो गई।

आधुनिक इतिहास के हिसाब से 16 वीं सदी में लक्षद्वीप में चिराक्कल के राजा का राज था। कुछ समय बाद कुछ द्वीप टीपू सुल्तान के शासन में आ गए। सन् 1799 में यहां ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन हुआ। बाद में सन् 1854 में पूरा लक्षद्वीप ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन में आ गया। आजादी के बाद ये द्वीप भारत गणराज्य का हिस्सा हो गए और सन् 1956 में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए।

लक्षद्वीप का भूगोल और मौसम (Lakshadweep geography and weather) :-

लक्षद्वीप (Lakshadweep) का भूगोल बहुत दिलचस्प और खूबसूरत है। यह जगह वनस्पतियों और जीव जंतुओं की किस्मों से समृद्ध है। यहां सारे द्वीपों के साथ कोरल रीफ, अविश्वसनीय लगून और खूबसूरत नीला पानी है, और हां साथ में चमकदार रेतीले समुद्र तट हैं। यहां 36 द्वीप हैं और इनमें काफी द्वीप अलग-थलग हैं। यह द्वीप अरब सागर में केरल के कोच्चि से लगभग 220 से 440 किलोमीटर दूर स्थित हैं। लगून का इलाका करीब 4200 वर्ग किलोमीटर, जल क्षेत्र लगभग 20,000 वर्ग किलोमीटर और आर्थिक क्षेत्र लगभग चार लाख वर्ग किलोमीटर है। पूरा केंद्र शासित प्रदेश

लगभग 32 वर्ग किलोमीटर का है। इसकी स्थिति की वजह से इसकी जलवायु ट्राॅपिकल है और पूरे साल यहां का मौसम सुहावना बना रहता है। यहां की मौसमी परिस्थितियां केरल से बहुत मिलती जुलती हैं। यहां का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इस इलाके में आर्द्रता 70 से 76 प्रतिशत रहती है। लक्षद्वीप में बारिश का सालाना औसत 1600 मिमी. है, जिसमें सबसे ज्यादा बरसात दक्षिण-पश्चिम मानसून में होती है। इस केंद्र शासित प्रदेश में सभी द्वीपों में अटूट समुद्र तट हैं और सभी तट घने कोकोनट पाॅम पेड़ों से ढंके हैं।

लक्षद्वीप की वैश्विक स्थिति 71 डिग्री-74 डिग्री पूर्व देशांतर और 8 डिग्री-12 डिग्री 13’’ उत्तर अक्षांश है। इन द्वीपों में पांच अंडरवाॅटर तट, तीन रीफ और 12 एटाॅल हैं।

लक्षद्वीप की जनसांख्यिकी (Demographics of Lakshadweep) :-

लक्षद्वीप बहुत से द्वीपों वाली एक छोटी सी जगह है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की आबादी 65,000 है। सन् 2011 में लक्षद्वीप का जनसंख्या घनत्व सिर्फ 2013 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था। यहां की आबादी में महिलाओं की संख्या करीब 31,000 और पुरुषों की जनसंख्या 34,000 है। यहां का लिंग अनुपात 1000 परुषों पर 946 महिलाओं का है। लक्षद्वीप की साक्षरता दर 92.28 प्रतिशत है जो कि मुख्य भूमि की तुलना में बहुत अच्छी है। यहां का मुख्य धर्म मुस्लिम है। यहां के लोग दरअसल दक्षिण पश्चिम एशिया से आए प्रवासियों के वंशज हैं। यहां की ज्यादातर आबादी स्वदेशी है। ज्यादातर जनसंख्या को आदिवासी भी कहा जा सकता है। यह अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आते हैं। लक्षद्वीप के ज्यादातर लोग सुन्नी संप्रदाय के हैं।

लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था (Lakshadweep's economy) :-

अपने बेहतरीन आर्थिक क्षेत्र के चलते यह द्वीप अविश्वसनीय आर्थिक संभावनाएं मुहैया कराते हैं। वैसे तो यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य भाग कृषि है लेकिन मछली पकड़ना भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहां के लोग नारियल की खेती भी बहुत करते हैं जो कि यहां की मुख्य फसल है और साथ ही यहां के लोगों की कमाई का प्रमुख ज़रिया भी है। यहां के उद्योग नारियल के फायबर और उससे संबंधित उत्पाद बनाने पर आधारित हैं। यहां कई काॅयर फाइबर कारखाने हंै। बड़ी संख्या में लोग इन कारखानों में काम करते हैं। मछली पकड़ना इस द्वीप को मछली की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में पहले रैंक पर रखता है। यहां के विभिन्न उद्योगों के अलावा पर्यटन उद्योग भी बहुत बड़ा है जो यहां राजस्व कमाने में बहुत मदद करता है।

लक्षद्वीप में सरकार और राजनीति (Lakshadweep Government and Politics) :-

लक्षद्वीप (Lakshadweep) भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है और यहां सरकार में कामकाज के लिए कई निकाय हैं। केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन राज्यपाल देखता है जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं। यह द्वीप केरल उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है जो केरल के कोच्चि में स्थित है। इसका जिला मुख्यालय कावारत्ती में स्थित है। सरकार ने यहां के विकास के लिए कई विभाग बनाए हैं। ये विभाग लोगों की बेहतरी के लिए काम करते हैं और बहुत कुशल हैं। इस द्वीप के दस उपविभाजन हैं। मिनिकाॅय और अगाती उपविभाजन उपायुक्त के अधिकार में और अन्य आठ द्वीप सब-डिवीजनल अधिकारियों के अधिकार में आते हैं। कलेक्टर यहां विकास आयुक्त और जिलाधिकारी भी है जो भूमि, कानून-व्यवस्था और राजस्व के मामले देखता है। इसके अलावा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और दस कार्यकारी मजिस्ट्रेट भी हैं।

लक्षद्वीप का समाज और संस्कृति (Society and culture of Lakshadweep) :-

लक्षद्वीप (Lakshadweep) की एक गहरी परंपरा और संस्कृति है जो कि पुराने समय से चली आ रही है। यहां विभिन्न परंपराएं और रिवाज़ हैं। यह मुख्यतः एक मुस्लिम इलाका है और यहां कई लोक त्यौहार, नृत्य और विभिन्न परंपराएं हैं जो कि बहुत गरहाई तक जुड़ी हैं। केरल से नजदीकी के कारण यहां के कई धार्मिक रिवाज़ और परंपराएं केरल से प्रभावित हैं। यहां मनाए जाने वाले त्यौहारों में मुहर्रम, बकरीद और मिलाद-उन-नबी और ईद-उल-फितर हैं। सभी त्यौहार अखंडता की एक मजबूत भावना के साथ मनाए जाते हैं। यहां का भोजन यहां के लोगों और उनके स्वाद को प्रदर्शित करता है। यहां के स्थानीय भोजन में समुद्री मछली और नारियल शामिल है। नारियल पानी की यहां बहुत खपत है। यहां के लोग अपने खाने में नारियल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि बहुत स्वादिष्ट होता है। यहां आप मसालेदार व्यंजनों के साथ लज्ज़तदार मांसाहारी भोजन का भी मज़ा ले सकते हैं। भारत के बेहतरीन व्यंजन आपको यहां मिल जाएंगे। इन सबके अलावा मुंह में पानी लाने वाले इडली, डोसा और चांवल आदि का भी मज़ा आप यहां ले सकते हैं।

यहां के लोग बहुत साधारण होते हैं और सादा जीवन जीते हैं। यहां चार मुख्य समुदाय हैं जिन्हें मल्मी, अमिनीदीवी, मेलाचेरी और कोयस कहा जाता है। अमिनीदीवी स्थानीय लोग हैं और माना जाता है कि वे यहां सबसे पहले आए थे। कोयस को भूमि मालिकों के रुप में जाना जाता है और मल्मी एक मजदूर वर्ग है। मेलाचारी श्रम समुदाय है जिनका पेशा नारियल इकट्ठा करना है। यह सब मिलकर सदभावना से रहते हैं और द्वीप के विकास के लिए काम करते हैं।

लक्षद्वीप की भाषाएं (Languages of Lakshadweep) :-

मलयालम यहां बड़े पैमाने पर बोली जाती है और स्थानीय भाषा के तौर पर इसका इस्तेमाल होता है। मिनिकाॅय लोग माही भाषा का उपयोग करते हैं, लेकिन आजकल लोग थोड़ी हिंदी और अंग्रेजी बोलते हैं। ग्रंधा मलयालम की आधुनिक लिपि है। माही स्क्रिप्ट दाई से बाई ओर लिखी जाती है।

लक्षद्वीप में शिक्षा (Education in Lakshadweep) :-

यहां की साक्षरता दर बहुत ज्यादा है और यह 92.28 प्रतिशत मानी जाती है। यहां केरल का ही पाठ्यक्रम लागू किया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जैव विविधता, पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं और जलवायु परिवर्तन के बारे में अनौपचारिक समुदाय द्वारा सिखाया जाता है। यहां के बच्चों को मछली पकड़ने, वन्य जीवन और समुद्री जीवन के बारे में अपने माता पिता से शिक्षा मिलती है। मिनीकाॅय और कावारत्ती में बहुत सारे स्कूल हैं। यहां कक्षा दसवीं के बाद जूनियर काॅलेज होता है। यहां शिक्षा सिर्फ कक्षा 12वीं तक उपलब्ध है और इसके आगे पढ़ने के लिए मुख्यभूमि जाना पड़ता है।

लक्षद्वीप में पर्यटन (Lakshadweep Tourism) :-

पर्यटन उद्योग यहां का सबसे सफल और नव विकसित उद्योग है। यहां के पर्यटन का अनुभव बाकी सभी पर्यटन स्थलों से अलग है। यह बहुत स्वाभाविक और सुंदर है और पूरी तरह शानदार जगह है। लंबे सफेद समुद्र तटों की सीमा पर लगे कोकोनट पाॅम के पेड़ देखने में बहुत अच्छे लगते हैं। एमराल्ड हरा पानी और आसपास शांत प्राकृतिक नज़ारा आपको यह जगह छोड़ कर जाना मुश्किल कर देगा। लक्षद्वीप में कई जगह घूमने के लिए दिलचस्प सुविधाएं है। आप कावारत्ती के खूबसूरत द्वीप को देख सकते हैं, इसके अलावा आप अजारा और जामनाथ मस्जिद भी देखने जा सकते हैं। आप चाहे तो किसी तट पर सिर्फ आराम भी कर सकते हैं और तैराकी भी कर सकते हैं। कलपेनी एक अन्य आकर्षक जगह है जहां खूबसूरत नज़ारों के अलावा कोरल तट भी है। यहां रीफ वाॅक या पानी के खेल जैसे नौकायन, पेडल नाव और कायाक का मज़ा ले सकते हैं। अगाती में भी आप कई पानी के खेलों का आनंद ले सकते हैं जैसे स्कूबा डायविंग, स्नार्कलिंग, मछली पकड़ने की यात्राएं और अन्य। अन्य मशहूर जगहों में कदम बंगाराम और मिनीकाॅय हैं। कावारत्ती सबसे विकसित द्वीप है और उजरा मस्जिद और अन्य 52 मस्जिदों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप मरीन संग्रहालय भी देख सकते हैं। यहां कांच के तले वाली नावों से अंडर वाॅटर रोमांच का मजा ले सकते हैं। लक्षद्वीप का पर्यटन पारिवारिक छुट्टियों, हनीमून और एडवेंचर के लिए बेहतरीन है। यहां सैलानियों के लिए कई रिसाॅर्ट और होटल हैं। आप यहां स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के भोजन का मज़ा ले सकते हैं।

लक्षद्वीप में परिवहन (Lakshadweep transport) :-

लक्षद्वीप (Lakshadweep) मुख्यभूमि से थोड़ा दूर स्थित एक द्वीप है। इसे एक पर्यावरण के प्रति संवेदनशील जगह माना जाता है। इसलिए आप पाएंगे कि लक्षद्वीप में परिवहन बहुत कम है। चूंकि यहां द्वीप बहुत छोटे हैं इसलिए यहां के लोग पैदल चलना ही पसंद करते हैं। साइकिल यहां के लोगों का पसंदीदा परिवहन साधन है। एक द्वीप से दूसरे द्वीप जाने के लिए आप बोट, फेरी और हेलीकाप्टर का भी प्रयोग कर सकते हैं। एकमात्र हवाई अड्डा अगाती में है। यहां से मेनलैंड के लिए आप उड़ानें भी ले सकते हैं। कोच्चि और गोवा से आपको लक्षद्वीप के लिए जहाज भी मिल जाएंगे।

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