देश के मध्य भाग में स्थित भारतीय राज्य मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), उत्तर पश्चिम में राजस्थान से, उत्तर में उत्तर प्रदेश से, पूर्व में छत्तीसगढ़ से, दक्षिण में महाराष्ट्र से और पश्चिम में गुजरात से घिरा है। नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने से पहले तक मध्य प्रदेश को देश के सबसे बड़े राज्य होने का गौरव प्राप्त था। मध्य प्रदेश की टोपोग्राफी मिश्रित है और इसमें मैदानी इलाके और पहाड़ दोनों शामिल हैं।
इस राज्य में तीन प्रमुख मौसम होते हैं नवंबर से फरवरी तक सर्दी, मार्च से मई तक गर्मी और जून से सितंबर तक मानसून। सर्दियों के दौरान औसत तापमान 10 डिग्री से 27 डिग्री सेल्सियस रहता है। गर्मियों में तापमान बहुत ज्यादा रहता है, जिसमें औसत 29 डिग्री और अधिकतम 48 डिग्री तक पहुंच जाता है। मानसून के मौसम में औसतन तापमान 19 से 30 डिग्री सेल्सियस रहता है। मध्य प्रदेश में बारिश का सालाना औसत 1200 मिमी. है, जिसमें से 90 प्रतिशत वर्षा मानसून में होती है। राज्य की राजधानी भोपाल है।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का इतिहास महान मौर्य राजा अशोक के समय तक का है। मध्य भारत का ज्यादातर हिस्सा 300-500 ईस्वी तक गुप्त साम्राज्य का हिस्सा था। सातवीं सदी के पहले भाग में यह राज्य प्रसिद्ध शासक हर्ष की रियासत का भाग था। दसवीं सदी का दौर असमंजस का था। 11वीं सदी की शुरुआत में मुसलमानों का मध्य भारत में आगमन हुआ, इसमें महमूद गजनी पहला था और मोहम्मद गोरी दूसरा था, जिसके पास दिल्ली की सल्तनत का इलाका था। मराठाओं के उद्भव के साथ यह मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया। सन् 1794 में माधोजी सिंधिया की मौत तक मराठाओं ने मध्य भारत पर वर्चस्व स्थापित रखा लेकिन उसके बाद स्वतंत्र और छोटे राज्य अस्तित्व में आए। बंटे हुए छोटे राज्यों की वजह से अंग्रेजों को अपना राज कायम करने मेें आसानी हुई। इस क्षेत्र की कुछ महान महिला शासकों, जैसे इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर, गोंड की रानी कमला देवी और रानी दुर्गावती ने इतिहास में अपने लिए एक जगह बनाई है।
जब सन् 1947 में भारत आजाद हुआ ब्रिटिश भारत का मध्य प्रांत और बरार से मध्य प्रदेश का गठन हुआ। सीमा परिवर्तन होते रहे और आखिरकार मध्य प्रदेश से निकलकर छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भारत के दिल में स्थित है। ‘एमपी’ के नाम से पहचाने जाने वाले इस राज्य का क्षेत्र 3,08,244 वर्ग किमी. में फैला है, जिससे यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बनता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है। इंदौर यहां का सबसे बड़ा शहर है, जबकि जबलपुर राज्य का सबसे महत्वपूर्ण व्यवसायिक केंद्र है। आबादी के मान से मध्य प्रदेश भारत का छठा सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य अपनी सीमाएं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों से साझा करता है।
राज्य के भूगोल में मुख्य रुप से धरती पर इसकी स्थिति, क्षेत्र एवं क्षेत्र वार भाग, नदियां, मौसम, मिट्टी, फसलें, टोपोग्राफी और जीव, वनस्पति शामिल हैं। 22.42 डिग्री उत्तर और 72.54 डिग्री पूर्व की भौगोलिक स्थिति के साथ मध्य प्रदेश मध्य भारत में आता है। मध्य प्रदेश उत्तरपश्चिम में राजस्थान से, उत्तर में उत्तर प्रदेश से, पूर्व में छत्तीसगढ़ से, दक्षिण में महाराष्ट्र से और पश्चिम में गुजरात से अपनी सीमाएं बांटता है।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिक्षा प्रणाली बहुत विकसित है। मध्य प्रदेश की पूरी स्कूली शिक्षा तीन स्तरों पर बंटी है- प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर। मध्य प्रदेश में पाॅलिटेक्निक, औद्योगिक, कला और शिल्प, संगीत आदि के भी स्कूल हैं। इसके अलावा 12 स्टेट यूनिवर्सिटी हैं। इस लिए ही राज्य की एक-तिहाई आबादी शिक्षित है। उज्जैन और सागर में स्थित स्कूल सबसे पुराने हैं और शिक्षा की गुणवत्ता के कारण पूरे पश्चिमी क्षेत्र में सबसे अच्छे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में विभिन्न कार्यशाला और प्रशिक्षण सत्र शुरु किए गए ताकि स्कूल छोड़ चुके लोगों को फिर से शिक्षा की ओर लाया जा सके।
मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है, यह स्वाभाविक है कि मध्य प्रदेश की सभी प्रचलित बोलियां हिंदी में होंगी। उत्तर भारत और मध्य भारत में रहने वाले ज्यादातर लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। हिंदी को भारत सरकार द्वारा आधिकारिक भाषा का भी दर्जा मिला हुआ है। हिंदी में फारसी-अरबी लिपी के साथ देवनागरी लिपी का मिश्रण है। भारत के अलावा हिंदी पाकिस्तान, नेपाल और फिजी में बोली जाती है।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। आधे से ज्यादा भूमि क्षेत्र कृषि क्षेत्र हैं, हालांकि इसका वितरण टोपोग्राफी, वर्षा और मिट्टी के कारण काफी असमान है। मुख्य कृषि योग्य क्षेत्र चंबल घाटी, रीवा पठार और छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्र में पाया जाता है। नदी जनित जलोड़ मिट्टी वाली नर्मदा घाटी एक और उपजाउ क्षेत्र है। यहां की सबसे खास फसलें चावल, गेंहू, ज्वार, मक्का, दालें और मूंगफली हैं। चावल मुख्यतः पूर्व में उगाया जाता है जबकि पश्चिम में गेंहू और ज्वार प्रमुख हैं। यह राज्य भारत का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक है। अन्य फसलों मेेें अलसी, तिल, गन्ना और कपास और पहाड़ी क्षेत्र में उगने वाले अवर, बाजरा शामिल हैं। राज्य सबसे बड़ा अफीम उत्पादक भी है जो पश्चिम के मंदसौर जिले और ‘मारिजुआना’ खंडवा के दक्षिण पश्चिम जिले में उगती है।
मध्य प्रदेश में चार कृषि जलवायु क्षेत्र हैं, इसलिए लोगों और उनकी जीवन शैली का दिलचस्प मिश्रण है। यहां भारत की 40 प्रतिशत आदिवासी आबादी रहती है। राज्य में तीन अलग अलग आदिवासी समूह हैं। सबसे बड़ा हिस्सा गोंड का है जो एक समय में राज्य के बड़े हिस्से पर राज करते थे, जिनके नाम पर ही राज्य के मध्य क्षेत्र का नाम गोंडवाना पड़ा। पश्चिमी मध्य प्रदेश योद्धा, शिकारी और रंगीन भीलों से बसा है। पूर्वी मध्य प्रदेश में ओराओं का दबदबा है, जिनमें से ज्यादातर ने ईसाई धर्म अपना लिया है। हिंदी यहां सबसे अधिक बोली जाती है और मराठी भी अच्छी खासी संख्या में लोग बोलते हैं। उर्दू, उड़ीया, गुजराती और पंजाबी बोलने वाले लोग भी ठीकठाक संख्या में हैं। भील लोग भीली और गोंड लोग गोंड बोलते हैं।
गोंड, भील और बंजारों के विभिन्न जीवंत आदिवासी नृत्य जैसे फग, लोटा आदि लट्ठा नृत्य हंै। टेक्सटाईल तो महत्वपूर्ण है ही पर मध्य प्रदेश में एक मजबूत पारंपरिक हस्तकला उद्योग भी है। हेंडलूम चंदेरी और महेश्वर सिल्क की मांग अक्सर रहती है। आदिवासी लोग आकर्षक हस्तशिल्प बनाते हैं। राज्य के उत्तर में छतरपुर जिले में खजुराहो दुनिया भर में कामुक कला के लिए जाना जाता है। चंदेला राजाओं ने इन्हें लगभग 1,000 ई में बनवाया था। ग्वालियर और उसके आसपास के मंदिर भी उल्लेखनीय हैं।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य 51 जिलों से मिलकर बना है। क्षेत्र के हिसाब से यह राजस्थान के बाद सबसे बड़ा राज्य है। मध्य प्रदेश की सरकार कार्यकारी, विधायी और न्यायपालिका से मिलकर बनी है। राज्य की कार्यकारी शाखा का प्रमुख राज्यपाल है। अन्य राज्यों की तरह राज्य का प्रमुख राज्यपाल है। राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा केंद्र सरकार से परामर्श के बाद नामित किया जाता है। राज्यपाल का पद ज्यादातर औपचारिक ही होता है।
मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाके में बस और रेल सेवा उपलब्ध है। सड़क नेटवर्क कई राजमार्गों से जुड़ा है जो इसे भारत के अन्य राज्यों से जोड़ते हैं। भारतीय रेलवे के पश्चिमी मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय जबलपुर है। यहां चार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल हैं जो कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में हंै। इन शहरों में रोज लगभग 2000 बसें चलती हैं। मध्य प्रदेश का व्यस्ततम हवाईअड्डा इंदौर में है। राज्य के अन्य हवाईअड्डों में जबलपुर एयरपोर्ट, ग्वालियर एयरपोर्ट, भोपाल का राजाभोज एयरपोर्ट और खजुराहो हवाईअड्डा शामिल हैं।
मध्य प्रदेश राज्य सचमुच भारत का दिल है। राज्य का पर्यटन भारत के इस जादुई और रहस्यमय केंद्र की यात्रा है। मध्य प्रदेश पर्यटन कई स्मारकों, शानदार नक्काशीदार मंदिरों, किलों और महलों पर प्रकाश डालता है जो मध्य प्रदेश का बिंदु हैं। पर्यटन आपके सामने राज्य की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता को सामने लाता है। इस राज्य की टोपोग्राफी मुख्य तौर पर पठार हैं और पठार खूबसूरत पहाड़ों, झरनों, नदियों और मीलों तक फैले जंगलों के बीच स्थित हैं।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के वन्यजीव पर्यटन में जानवरों के लिए आरक्षित वन, वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, जो कि मध्य प्रदेश में बहुत पाए जाते हैं। पर्यटकों के लिए वन्यजीव पर्यटन वास्तव में खुश करने वाली गतिविधि है क्योंकि यह राज्य के वन्यजीव संसाधन से परिचित कराता है। मध्य प्रदेश के वन्यजीव पर्यटन में राष्ट्रीय पार्कों की छोटी सैर शामिल है जिससे जानवरों के प्राकृतिक निवास की जानकारी मिल सके। प्राकृतिक जंगलों से भिन्न ये आरक्षित जंगल मानव द्वारा बनाए गए हैं। लेकिन ये पर्यटकों को असली जंगल का अहसास कराते हैं।
मध्य प्रदेश भारत का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है। इस राज्य में कई होटल हैं जिनमें हैरिटेज से लेकर बजट होटल शामिल हैं। मध्य प्रदेश के होटलों में दी जाने वाली विश्वस्तरीय सुविधाओं की तुलना आप देश में किसी भी श्रेष्ठ होटल से कर सकते हैं।
भारत की सांस्कृतिक विविधता के चलते यहां के कई राज्यों में कई मेले और त्यौहार मनाए जाते हैं। मध्य प्रदेश भी इससे अलग नहीं है। इसके मेले और त्यौहार बहुत लोकप्रिय हैं और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का सही मायनों में पारंपरिक मूल्य दिखाते हैं। यह मेले और त्यौहार किसी खास समुदाय तक ही सीमित नहीं है बल्कि सभी समुदायों द्वारा मनाए जाते हैं। मध्य प्रदेश के मेले और त्यौहार जो हजारों की संख्या में लोगों को आकर्षित करते हैं, आपको आदिवासी परंपराओं और रस्मों का साक्षी होने का मौका देते हैं।
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