भारतीय राज्य पंजाब (Panjab) भारत का एक जाना माना राज्य है जो देश के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित है। यह राज्य 'पांच नदियों के राज्य' के तौर पर पहचाना जाता है। ये पांच नदियां सतलज, रावी, ब्यास, चिनाब और झेलम हैं। पंजाब भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान के बीच स्पष्ट सीमा के रुप में काम करता है। इस राज्य के कुछ खास शहर लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, नवांशहर, बठिंडा और आनंदपुर साहिब हैं। इन बताए गए शहरों के अलावा कपूरथला, तरनतारन साहिब और पटियाला भी पंजाब राज्य में स्थित हैं। अपने भरपूर जल स्रोतों और उपजाउ मिट्टी के कारण यह राज्य मुख्य तौर पर कृषि पर आधारित है।
यह उत्तर में भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य, पूर्व में हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, दक्षिण में हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम में पाकिस्तान से घिरा है। चंडीगढ़ शहर पंजाब और हरियाणा की संयुक्त प्रशासनिक राजधानी है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में यह दावा किया जा सकता है कि इस राज्य में ही वो जगह है जहां सिंधु घाटी सभ्यता का गठन हुआ था। ऐतिहासिक समय में की गई पुरातत्व खुदाई में यह साफ हुआ है कि इस राज्य के शहर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो का प्रमुख हिस्सा थे। हालांकि अब यह हिस्सा पाकिस्तान में है। महाभारत में भी इस राज्य और यहां के लोगों के बारे में काफी अच्छी जानकारी है। इस राज्य की स्थिति कुछ ऐसी है कि यह लगातार हमले और प्रभावों में आया है। पंजाब (Panjab) राज्य को यह हमले पूर्वी और पश्चिमी दोनों तरफ से झेलने पड़े। कई समुदाय जैसे अफगानी, फारसियों, स्किथियों, यूनानी और तुर्क ने इस राज्य पर आक्रमण किया और खूब खून बहाया। इसकी संस्कृति में कई समुदायों के प्रभाव हैं जैसे बौद्ध, ब्रिटिश, सिख, हिंदू, अफगान और इस्लामी। भारत के विभाजन के समय पंजाब पर सबसे ज्यादा असर हुआ। सबसे ज्यादा विनाश और नुकसान उत्तर भारत के इस राज्य को ही हुआ।
जहां तक भौगोलिक पहलू का सवाल है, पंजाब भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में है और इसका कुल इलाका 50,362 वर्ग किलोमीटर का है। राज्य के अक्षांशीय और लंबवत विस्तार क्रमशः 29.30 डिग्री उत्तर से 32.32 डिग्री उत्तर, और 73.55 डिग्री पूर्व से 76.50 डिग्री पूर्व है। राज्य का ज्यादातर इलाका जलोढ़ और उपजाउ मैदानी इलाका है। यहां कई नदियों और व्यापक सिंचाई प्रणाली के होने से कृषि के लिए अच्छे संकेत हैं। हालांकि यह बताना जरुरी है कि इस प्रांत का दक्षिण-पश्चिम भाग अर्द्ध शुष्क है और अंत मंे जाकर थार रेगिस्तान में मिलता है। आप देख सकते हैं कि शिवालिक पहाडि़यां भी राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में अच्छी तरह से मिल जाती हंै। शिवालिक पर्वत भी हिमालय पर्वत की तलहटी तक फैले हैं।
राज्य की शासन अधिकारी पंजाब की सरकार है। भारत के दूसरे राज्यों की तरह पंजाब सरकार की भी तीन शाखाएं हैं - कार्यकारी, न्यायपालिका और विधायी। पंजाब की सरकार भी संसदीय प्रणाली का पालन करती है और मुख्यमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। विधान सभा में 117 सदस्य हैं, जो पांच साल की अवधि के लिए निर्वाचित होते हैं। पंजाब से लोक सभा में 13 सदस्य और राज्य सभा में 7 सदस्य जाते हैं।
पंजाब (Panjab) कुछ उन राज्यों में से है जिन्होंने शिक्षा प्रणाली में आगे होने का सम्मान पाया है। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह प्रकाश में आया है कि पंजाब ने निरक्षरता को खत्म करने के राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘सर्व शिक्षा अभियान’ में बहुत सक्रिय प्रतिक्रिया दी है। यह वाकई एक उत्साहजनक पहलू है कि भारत सरकार के लगातार जारी प्रयासों से वर्तमान साक्षरता दर 77 प्रतिशत है। इस बारे में कोई दो मत नहीं है कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारों के निरंतर प्रयासों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को उत्तम शिक्षा दी गई है। यहां की शिक्षा प्रणाली श्रेणीबद्ध रुप में है। इसके तीन शिक्षा स्तरों में प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और काॅलेज शिक्षा शामिल हैं।
अपनी वानिकी, पर्यटन, उद्योगों और खनिजों की मौजूदगी के कारण पंजाब ने बहुत सम्मान पाया है। यहां का पशुधन भी राज्य की एक अन्य विशिष्टता है, हालांकि पंजाब में बुनियादी खनिज और ईंधन की काफी कमी है। राज्य में औद्योगिक विकास की खराब दर के पीछे भी यह एक मुख्य कारण है। जहां तक राज्य की अर्थव्यवस्था का सवाल है, कृषि हमेशा से ही इसका मुख्य बिंदु रहा है। गेंहू के उत्पादन के मामले में राज्य ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है। इस राज्य से संबद्ध कुछ कृषि आधारित उद्योगों में कागज, लकड़ी, पेय और खाद्य उत्पाद आदि शामिल हैं।
राज्य में सिख आबादी कुल जनसंख्या के 60 प्रतिशत से भी ज्यादा है। राज्य की आबादी में शामिल कुछ अन्य समुदायों में हिंदू, जैन, मुस्लिम, ईसाई और अन्य हैं। राज्य के सिख समुदाय का अभिन्न अंग जाट सिख हैं। सन् 2011 में पंजाब की जनसंख्या 2,77,43,338 थी। राज्य की कुल आबादी का करीब 20 प्रतिशत भारत के दूसरे राज्यों से पलायन करके आया है। यहां के लिंग अनुपात में लगातार गिरावट हो रही है। एक सर्वे से पता चला है कि पिछले 20 सालों में लिंग अनुपात में अत्यधिक गिरावट आई है।
पंजाब (Panjab) प्रांत की संस्कृति विविध है। राज्य की संस्कृति में पुरातन सभ्यता की बहुआयामी विरासत साफ झलकती है। यहां आने वाले ज्यादातर सैलानी भी इस राज्य के त्यौहारों के अनोखे आकर्षण से मोहित हो जाते हैं। यहां के त्यौहारों की कुछ खास बातों में इनके मशहूर नृत्य रुप, मजेदार लोककथाएं और भड़कीले कपड़े आदि शामिल हैं। इन त्यौहारों का भी अपना अनोखा करिश्मा है और इनमें कई मनोरंजक गतिविधियां शामिल हैं, जैसे बैसाखी, भांगड़ा और गिद्दा। पंजाब राज्य से जुड़े ज्यादातर त्यौहारों में अपार उर्जा झलकती है। यहां के त्यौहार और संस्कृति इस खूबसूरत धरती पर आने वाले सभी सैलानियों को खुशी देते हैं। इस राज्य से संबंधित कुछ आधुनिक आनंद उन अन्य कारणों में से एक हैं जो पंजाब को ज्यादातर सैलानियों के लिए परम स्वर्ग बना देते हैं।
इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि जहां तक पर्यटन का सवाल है, पंजाब इस मामले में तो बिलकुल भी पीछे नहीं है। भारत के इस राज्य में इतिहास, भोजन और संस्कृति कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जिससे सैलानी इस प्रांत में आने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। कुछ शहर जहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं उनमें पटियाला, जालंधर, अमृतसर और लुधियाना शामिल हैं। राज्य की बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी पंजाब के हर शहर में सैलानियों के बड़ी संख्या में आने का कारण है। सैलानी यहां पर आकर कई प्रकार के रोमांच प्राप्त कर सकते हैं जिनमें इतिहास, आध्यात्म, संस्कृति और प्राचीन सभ्यता शामिल हैं। यहां आने वाले हर पर्यटक को जो अन्य आकर्षण लुभाते हंै उनमें धार्मिक स्थल, मंदिर, ऐतिहासिक युद्ध स्थल और सिख वास्तुकला के नमूने शामिल हैं।
पंजाबी भाषा का मूल प्राचीन भाषा संस्कृत में है। यह उन सभी इंडो-आर्यन भाषाओं से मिलती जुलती है जिनका मूल भी संस्कृत है। पंजाबी भाषा से कई बोलियां जुड़ी हैं। हालांकि इस भाषा से जुड़ी सभी बोलियों में एक हद तक समानता है। कोई एक बोली बोलने वाला आसानी से दूसरी बोली समझ सकता है। पंजाबी में बोली जाने वाली कुछ खास बोलियों में माझी, पुआधी, मालवी और दोआबी शामिल हैं। राज्य की सबसे प्रमुख बोली माझी है। अपनी पहली भाषा के तौर पर पंजाबी बोलने वाले लोगों में 93 प्रतिशत से ज्यादा भारत और पाकिस्तान में रहते हैं। इसमें काई दो राय नहीं है कि पंजाबी पाकिस्तान में बोली जाने वाली व्यापक देशी भाषा है। पश्चिमी पंजाबी बोलियों में शाह पुरी, मुल्तानी, डेरावाली, पोठोहारी, पहाड़ी और रिअस्ती शामिल हैं।
राज्य में रहने वालों के लिए आवागमन के अलग अलग साधन जैसे साइकिल रिक्शा, बस, टैक्सी और आॅटो रिक्शा बहुत बड़ी मदद साबित हुए हैं। राज्य में कहीं भी आने जाने की इस सुविधा से सैलानियों को भी बहुत फायदा होता है। सब लोगों के लिए परिवहन का मुख्य साधन रेलवे और रोडवेज ही है। यदि आप एक शहर से दूसरे शहर में जाना चाहते हैं तो रेलवे से अच्छा साधन कोई और नहीं है। पंजाब का हर बड़ा और छोटा शहर रेलवे से जुड़ा है। अमृतसर का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अन्य घरेलू हवाई अड्डे राज्य को अलग अलग शहरों से जोड़ने का काम करते हैं।
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