Advertisement

तमिलनाडु

देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित तमिलनाडु (Tamil Nadu) भारत के प्रसिद्ध राज्यों में से एक और एक प्रमुख राज्य है। आंध्र प्रदेश प्रांत इसकी उत्तरी सीमा बनाता है जबकि कर्नाटक और केरल क्रमशः उत्तर-पश्चिम और पश्चिम में स्थित हैं। जो दो जल संरचनाएं इस राज्य के पास हैं वे दक्षिण की ओर हिंद महासागर और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी हैं। वैसे ज्यामितीय तौर से तमिलनाडु भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी चरम को छूता है। राज्य का कुल इलाका 1,30,058 वर्ग किलोमीटर का है।

Tamil Nadu Indian States
Advertisement

चैन्नई जिसे पहले मद्रास कहा जाता था, तमिलनाडु की राजधानी और भारत का चैथा सबसे बड़ा शहर है। चैन्नई का कुल क्षेत्र 175 वर्ग किलोमीटर का है। सुंदर तटीय किनारा, सैकड़ों नारियल के पेड़, राजसी मंदिर, सांस्कृतिक विरासत और वन्य अभयारण्य तमिलनाडु को सैलानियों की पसंदीदा जगह बनाते हैं।

तमिलनाडु का इतिहास (History of Tamil Nadu):-

मूल रुप से 'तमिलहम' के नाम से जाने जाने वाले तमिलनाडु (Tamil Nadu) का प्राचीन इतिहास लगभग 6,000 साल पुराना है और इसे द्रविड़ों की उत्पत्ति का स्थान माना जाता है। इतिहासकार तमिलनाडु के इतिहास को तीन विशेष भागों में बांटते हैं- प्राचीन, मध्य और आधुनिक। सबसे पुरानी सभ्यता होने के नाते कुछ लोग कहते हैं कि द्रविड़ों को उत्तर में आर्यों के कारण दक्षिण की ओर आना पड़ा। इस राज्य में चोल, पल्लव और पांडवों से लेकर कई राजवंशों ने शासन किया है। इसका गौरवशाली इतिहास प्राचीन और मध्य युग में बंटा है। चैथी सदी में कई सालों तक राज करने और उस समय के राजाओं से कई मर्तबा युद्ध और लड़ाई करने के बाद चोल राजाओं ने अपना शौर्य नौवीं सदी में वापस हासिल किया। आखिरकार 14वीं सदी में मुस्लिम शासकों ने कई हमलों के बाद दक्षिण भारत के प्रमुख हिस्सों पर कब्जा कर लिया।

तमिलनाडु में सरकार और राजनीति (Tamil Nadu Government and Politics) :-

राजनीति के मामले में तमिलनाडु (Tamil Nadu) बहुत सक्रिय है और यह राज्य मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल और अन्य मंत्रियों के साथ मिलकर चलाया जाता है। इस राज्य के मामलों में लगभग सभी राष्ट्रीय दलों की मजबूत पकड़ है। इसके अलावा राज्य के अंदर राजनीतिक मामलों को सुचारु रुप से चलाने में कई क्षेत्रीय पार्टियों की भी भूमिका है। हालांकि इससे इस प्रांत का पूरा राजनीतिक परिदृश्य बहुत मुश्किल और चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यह राज्य कई मामलों में जीवंत और विविध है और देश की केंद्रीय राजनीति पर भी असर डालता है। तमिलनाडु में 234 विधान सभा क्षेत्र और 40 लोकसभा क्षेत्र हैं। राष्ट्रीय पार्टियों जैसे कांग्रेस और भाजपा के असर के कारण राजनीतिक शक्ति केंद्र सरकार में ही केंद्रीयकृत है।

तमिलनाडु का भूगोल और मौसम (Tamil Nadu geography and weather) :-

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के उत्तर दिशा में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश तथा पश्चिम में केरल से घिरा होने के कारण यह राज्य जमीन से घिरा है। इसके दक्षिण में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। इसके उत्तरी छोर पर पुलीकट झील और दक्षिण छोर पर कन्याकुमारी या केप कोमोरिन है। मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य इसके पश्चिमी अंत पर और पाॅईंट केलेमर तमिलनाडु के पूर्वी छोर पर है। पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखलाएं सीमाओं के साथ साथ चलती हुई नीलगिरी की पहाडि़यों में मिलती हैं। तीन खास क्षेत्र हैं जो राज्य का भूगोल बनाते हैं- पहाड़ी क्षेत्र या कुरिंजी, शुष्क क्षेत्र या पलाइ और वन क्षेत्र या मुलाइ, तटीय क्षेत्र या नैधाल और उपजाउ मैदान या मुरुधम। कर्नाटक राज्य से निकलती कावेरी नदी तमिलनाडु में आकर यहां की जीवनरेखा बन जाती है। कोरोमंडल मैदानों को उपजाउ और हरा बनाने और तंजावुर और नागापट्टियम में डेल्टा के निर्माण का श्रेय भी इस नदी को ही जाता है।

तमिलनाडु का मौसम (Tamil Nadu Weather) :-

तमिलनाडु काफी हद तक मानसून की बारिश पर निर्भर है और बारिश ना होने या मानसून फेल होने पर सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है। इसका मौसम शुष्क से लेकर नम और अर्ध शुष्क जितना भिन्न है। तमिलनाडु में बरसात के तीन समय होते हैं। जून से सितंबर माह तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के साथ तेज दक्षिण-पश्चिम हवाओं का, अक्टूबर से दिसंबर तक उत्तर-पूर्वी मानसून का जिसमें उत्तर-पूर्वी हवाएं चलती हैं और जनवरी से मई तक शुष्क मौसम का। राज्य में बारिश का सालाना औसत 945 मिमी. है, जिसमें से 32 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम मानसून से और 48 प्रतिशत उत्तर-पूर्वी मानसून से आता है। तमिलनाडु को सात कृषि-मौसमी भागों में बांटा जा सकता है। उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, पहाड़ की उंचाई, भारी वर्षा और कावेरी डेल्टा।

तमिलनाडु की जनसांख्यिकी (Demographics of Tamil Nadu) :-

सन् 2011 की जनगणना के अनुसार तमिलनाडु की आबादी 7,21,47,030 है जिसमें पुरुषों और महिलाओं का अनुपात ठीकठाक है। यहां दोनों की वृद्धि दर भी राष्ट्रीय स्तर की 15.6 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर के अंदर ही है। तमिल समाज में हिंदुओं की संख्या ज्यादा है और उनमें से ज्यादातर कट्टर ब्राम्हण हैं जिनकी अपनी धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं हैं। यहां के हिंदुओं में आधुनिक और मध्य युग के हिंदू धर्म का

एक अच्छा मिश्रण देखा जा सकता है। अगली श्रेणी मुस्लिम और ईसाई आबादी की है और दोनों का अनुपात ठीकठाक लेकिन हिंदुओं के मुकाबले बहुत कम है। चैन्नई में कई मस्जिदों और चर्चों की मौजूदगी से पता चलता है कि राज्य में इन दोनों धर्मों का कितना ज्यादा प्रभाव है। यहां कुछ बौद्ध, सिख और अन्य धर्म के लोग भी हैं जो तमिल समाज का हिस्सा हैं। तमिल जैनों या समानारों ने राज्य के साहित्य और वास्तुकला में बहुत योगदान दिया है। राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग भी रहते हैं जो खुद को हिंदू मानते हैं। हालांकि जनगणना के अनुसार उन्हें हिंदू आबादी में शामिल नहीं किया गया है।

तमिलनाडु का समाज और संस्कृति (Society and culture of Tamil Nadu) :-

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के लोग एक बड़ी, आरामदायक जीवनशैली जीते हैं। तमिल लोगों की संगीत, नृत्य और साहित्य में बहुत रुचि होती है। यहां सदियों से भरतनाट्यम और कई प्रकार के संगीत जिसमें कर्नाटक संगीत भी शामिल है, समृद्ध हुआ है। त्यौहार यहां की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं। यहां के लोकप्रिय त्यौहारों में सितंबर-अक्टूबर में आने वाला नवरात्र या दशहरा, अक्टूबर-नवंबर में आने वाली दीपावली, नवंबर-दिसंबर में आने वाली कार्थिका और जनवरी में आने वाला पोंगल सबसे अहम है। गायक और कवि त्यागराज के जन्म स्थान थिरुवरियर में हर साल जनवरी में कर्नाटक संगीत का एक अनूठा उत्सव भी आयोजित होता है। यहां कई ताल और लयबद्ध समूह प्रदर्शनों का गवाह बना जा सकता है। यहां के हस्तशिप में लकड़ी, पत्थर और धातु की नक्काशी शामिल है। बेहतरीन नक्काशीदार कांस्य और तंजोर की थाली भी उल्लेखनीय है।

तमिलनाडु की भाषाएं (Languages of Tamil Nadu) :-

तमिल यहां की आधिकारिक और सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह देश में शास्त्रीय भाषा के रुप में मान्य होने वाली पहली भाषा है। हालांकि यहां रहने वाले लोग कुछ अन्य दक्षिण भारतीय भाषाएं भी बोलते हैं जिसमें तेलगु, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं। इस राज्य में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां ये भाषाएं स्थानीय भाषाओं को पछाड़ देती हैं। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक से करीब और राज्य के उत्तर-पश्चिम इलाके में रहने वाले लोग तमिल के मुकाबले कन्नड़ बोलना पसंद करते हैं। सलेम जिले में सबसे ज्यादा लोग कन्नड़ बोलते हैं। इसी प्रकार केरल की सीमा पर रहने वाले लोग मलयालम में ही बात करना पसंद करते हैं। राज्य के बड़े हिस्से पर दबदबा रखने वाले तमिल मुस्लिम उर्दू ही बोलना पसंद करते हैं। देशी ईसाई वैश्विक रुप से स्वीकृत अंग्रेजी ही बोलना पसंद करते हैं। तमिलनाडु की विविधता, बढ़ते औद्योगीकरण और तरक्की के कारण देश के कई हिस्सों से लोग यहां आकर बसे हैं। इसलिए गैर दक्षिण भारतीय भाषाएं जैसे हिंदी, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी और मराठी भाषा भी विभिन्न जातीय भाषा के लोगों द्वारा बोली जाती हैं। आश्चर्यजनक बात है कि पढ़े लिखे तमिलों में बातचीत के लिए अंग्रेजी को प्राथमिकता दी जाती है।

तमिलनाडु में त्यौहार (Festival in Tamil Nadu) :-

तमिलनाडु राज्य में द्रविड़ संस्कृति का आरंभ हुआ था। राज्य के मंदिर और स्मारक द्रविड़ वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण हैं। इसने भारत के संगीत, कला और साहित्य में अमूल्य योगदान दिया है। भारत के सबसे मशहूर नृत्य रुपों में से एक भारतनाट्यम की उत्पत्ति यहां हुई है। तमिलनाडु में पूरे साल होने वाले मेले और त्यौहार बहुत मायने रखते हैं और दुनिया भर से लाखों लोग इन्हें देखने आते हैं। राज्य में सभी मेले और त्यौहार बहुत धूमधाम और उत्साह से मनाए जाते हैं।

तमिलनाडु में शिक्षा (Education in Tamil Nadu) :-

तमिलनाडु देश के उन राज्यों में से एक है जिसकी साक्षरता दर सबसे अधिक है। इसकी प्राथमिक या उच्च प्राथमिक शिक्षा में जीईआर 100 प्रतिशत है। राज्य में ऐसे हजारों स्कूल हैं जो सीबीएसई, आईसीएसई या तमिलनाडु राज्य बोर्ड से संबंद्ध हैं। सरकार और निजी संस्थाएं इन स्कूलों की लगातार निगरानी करते हैं जिससे हर बच्चे को सर्वोत्तम बुनियादी शिक्षा मिल सके। ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माध्यम तमिल भाषा है, जबकि सभी निजी स्कूलों में अंग्रेजी में पढ़ाया जाता है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों को स्कूल में लाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं जैसे मध्यान्ह भोजन, कम्प्यूटर शिक्षा, बालिका शिक्षा, मुफ्त यात्रा, छात्रों के लिए मुफ्त किताबें और युनिफाॅर्म जैसी अभिनव योजनाएं शुरु की हंै। उच्च शिक्षा के मामले में राज्य में 40 विश्वविद्यालय हैं जिसमें सरकारी और निजी दोनों शामिल हैं। इसके अलावा 480 इंजीनियरिंग काॅलेज, 5,000 मेडिकल काॅलेज, 1100 आर्ट काॅलेज भी हैं। टीएनडीटीई छात्रों के लिए कई प्रकार के डिप्लोमा, डिग्री, पीजी और रिसर्च कोर्स भी मुहैया कराता है।

तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था (Tamil Nadu's economy) :-

तमिलनाडु प्रगतिशील, सिलसिलेवार और भरोसेमंद अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करता है। यहां विकासशील उद्योगों, अच्छा संरचित कृषि क्षेत्र, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का अच्छा साथ सब मिलकर राज्य की आर्थिक वृद्धि में सहायक हैं। पूरे देश से अच्छी तरह से जुड़े होने और परिवहन संबंधी कोई परेशानी ना होने के कारण उद्योगों को विकास करने का अच्छा मौका मिलता है। यह भारत का एक ही ऐसा राज्य है जहां पावर और उर्जा के आरक्षण के कारण बिजली उत्पादन सरप्लस है। यहां संचार भी बहुत विकसित है और यह तमिलनाडु के सबसे बड़े औद्योगिक राज्य होने का प्राथमिक कारण है।

तमिलनाडु में पर्यटन (Tamil Nadu Tourism) :-

प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार के कारण तमिलनाडु सैलानियों के लिए पसंदीदा जगह है। खूबसूरत समुद्र तट, राजसी मंदिर, कई ऐतिहासिक स्मारक, लुभावने झरने और मनोरम नज़ारे हैं और ये सब मिलकर तमिलनाडु को पर्यटन के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं। राजधानी चैन्नई प्राचीन और आधुनिक संस्कृति का सही मेल दिखाती है। 1000 मंदिरों वाला कांचीपुरम तीर्थयात्रियों के लिए उपयुक्त स्थान है। यह अपनी सिल्क साडि़यों के लिए भी मशहूर है। सैलानियों के बीच येलागिरी, कोडाइकनाल और उटी बहुत लोकप्रिय हिल स्टेशन हैं। लोगों को भारतीय प्रायद्वीप के छोर में स्थित कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिंद महासागर का संगम देखना भी खासा पसंद है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त देखना भी लोगों को लुभाता है। रामेश्वरम, मदुरई का मीनाक्षी मंदिर, तिरुचिरापल्ली, रामनाथास्वामी आदि कुछ ऐसी जगहें हैं जो धार्मिक यात्रियों द्वारा बहुत देखी जाती हैं। सुंदर मरीना बीच जो कि 12 किलोमीटर लंबा होने के कारण विश्व का सबसे लंबा बीच है के साथ ही कोवलोग बीच भी मशहूर है।

तमिलनाडु में परिवहन (Tamil Nadu transport) :-

अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण तमिलनाडु पब्लिक और निजी वाहनों के लिए उपयुक्त और आधुनिक बुनियादी सुविधाएं विकसित करने में कामयाब रहा है। राष्ट्रीय, राज्य और ग्रामीण सड़कों के सघन और व्यापक नेटवर्क को व्यवस्थित करने का काम सरकार द्वारा किया जाता है। दक्षिण रेलवे राज्य को बाकी देश से जोड़ने का काम करती है। चैन्नई का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश और विदेश की प्रमुख एयरलाइंस के लिए हब है। पूरी दुनिया से राज्य को जोड़ने के लिए तमिलनाडु में पांच घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। तमिलनाडु में जलमार्ग भी है, जिससे बिना किसी परेशानी के माल को एक जगह से दूसरी जगह पंहुचाया जा सकता है। शहर के अंदर यात्री तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम की कई रुटों पर चलने वाली बसों के ज़रिए एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। चैन्नई मंें मेट्रो रेलवे ने भी दैनिक यात्रियों के लिए स्थितियां बेहतर की हैं। स्थानीय लोगों के लिए टैक्सी, आॅटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा और निजी कारें एक जगह से दूसरी जगह जाने का साधन हैं।

नोट :- आपको ये पोस्ट कैसी लगी, कमेंट्स बॉक्स में जरूर लिखे और शेयर करें, धन्यवाद।

Advertisement
Advertisement

Related Post

Categories