प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना – ब्याज-मुक्त ऋण योजना को ग्रामीण वाणिज्यिक वाहनों की खरीद पर, ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को सार्वजनिक परिवहन पर खरीद, को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए केंद्र सरकार शुरू करने जा रही है।
इस नई योजना का नाम "प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना" है। यह योजना ‘प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना‘ की तर्ज पर शुरू की गयी है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीटीआई को प्रधान मंत्री ग्राम परिवाहन योजना के बारे में बताया की, "यह योजना एक क्रांतिकारी कदम साबित होगी"। क्योंकि यह न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार लाएगी। बल्कि विशेष रूप से महिलाओं के लिए पर्याप्त रोजगार के विकल्प भी पैदा करेगी।
तोमर ने कहा की इन इलाकों में पहले से ही सड़कों का निर्माण हो चुका है। इसलिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक आसानी से उपलब्ध कराकर, सरकार प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना को शुरू करके, गाँवों और शहरों के बीच की असमानता को कम करना चाहती है।
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना देश के 250 ब्लॉकों में शुरू होगी। केंद्र 10 लोगों के बैठने की क्षमता वाले कम से कम 1500 वाणिज्यिक वाहनों पर ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान करेगा। ऋण की सीमा राशि 6 लाख रुपये होगी और पुनर्भुगतान अवधि लगभग छह महीने होगी।
प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना के ऋण की किश्त के भुगतान के बाद। एक व्यक्ति प्रति माह 6,000-9,000 रुपये तक कमा सकता है।
प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना का व्यवहारिक अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के ग्रामीण इलाकों में एक सर्वेक्षण किया गया।
प्रधानमंत्री ग्राम परिवाहन योजना में 10-22 सीटों वाले वाणिज्यिक वाहनों को 20-22 किलोमीटर के एक क्षेत्र में सब्सिडी वाली दरों पर उपलब्ध कराने के लिए फायदेमंद होगी। जो कम से कम 10-14 छोटे गांवों को एक-दुसरे से जोडती हो।
2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 33 प्रतिशत भारतीय अभी भी पैदल यात्रा करते हैं। मोटर परिवहन का उपयोग नहीं करते हैं । बाकी के अधिकांश लोग या तो दोपहिया वाहन या परिवहन के किसी अन्य असुरक्षित साधन का उपयोग करते हैं।