प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, Pradhan Mantri Matritva Vandana Yojana, भारत सरकार ने मातृत्व सहयोग योजना के नाम को बदलकर इसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) का नाम दिया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित जन्म के लिए 6000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। कई अन्य केंद्रीय सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के समान, सरकार ने इस योजना के नाम में भी “प्रधानमंत्री” शब्द शामिल किया है।
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इस योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) का नया नाम दिया है। महिला और बाल कल्याण विभाग के अनुसार पहले की गर्भावस्था सहायता योजना इतनी सफल नहीं थी, यहां तक कि बहुत से लोग इसके बारे में जानते भी नहीं थे।
हालांकि, गर्भावस्था सहायता योजना कई तरीकों से गर्भवती महिलाओं को मदद करेगी, लेकिन इस योजना के दो मुख्य उद्देश्य हैं
UPA के शासनकाल के दौरान प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) को इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के रूप में नामित किया गया था, पर अब फिर से इसको दूसरा नाम दिया गया है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लागू की जाएगी।
इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। योजना की लाभ राशि DBT के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार निम्नलिखित किश्तों में राशि का भुगतान करेगी।
पहली किस्त: 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय
दूसरी किस्त: यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं तो 2,000 रुपए मिलेंगे।
तीसरी किस्त: जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-B सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) निम्न श्रेणी के गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए लागू नहीं होगी।
इस योजना का कार्यान्वयन जनवरी 2017 और मार्च 2020 के बीच होगा और इसका कुल बजट 12,661 करोड़ रुपये होगा। इस योजना के 12,661 करोड़ कुल रुपए में से 7,932 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे जबकि शेष राशि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा वहन की जाएगी।