श्री जगदीश जी की आरती, Jagdesh Ji Ki Aarti in Hindi, ओम् जय जगदीश हरे, आरती आज हर हिन्दू घर में गाई जाती है। इस आरती की तर्ज पर अन्य देवी देवताओं की आरतियाँ बन चुकी है और गाई जाती है, इस आरती के रचयिता पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम_फल्लौरी है।
ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनन के संकट क्षण में दूर करें।।
जो ध्यावै फल पावै दुःख विनसै मन का।
सुख सम्पति घर आवै कष्ट मिटे तन का।।
मात पिता तुम मेरे शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा आस करूँ जिसकी।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अन्तर्यामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सब के स्वामी।।
तुम करुणा के सागर तुम पालन कर्ता।
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता।।
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति।
किस विधि मिलूँ दयामय तुमको मै कुमति।।
दीनबन्धु दुःखहर्ता तुम रक्षक मेरे।
करुणा हस्त उठाओ द्वार पड़ा तेरे।।
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा।
श्रद्धा भक्ति बढाओ संतन की सेवा।।
श्री जगदीश जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी सुख संपत्ति पावे।।
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