लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Mata Aarti In Hindi) लक्ष्मी माता हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वो भगवान विष्णु की पत्नी हैं और धन, सम्पदा, शान्ति तथा समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश सहित पूजा की जाती है। गायत्री की कृपा से मिलने वाले वरदानों में एक लक्ष्मी भी है। जिस पर यह अनुग्रह उतरता है, वह दरिद्र, दुर्बल, कृपण, असंतुष्ट एवं पिछड़ेपन से ग्रसित नहीं रहता। स्वच्छता एवं सुव्यवस्था के स्वभाव को भी 'श्री' कहा गया है। यह सद्गुण जहाँ होंगे, वहाँ दरिद्रता, कुरुपता टिक नहीं सकेगी।
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम जग की माता।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता।
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद् गुण आता।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरनिधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।
उँर आंनद समाा, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
स्थिर चर जगत बचावै, कर्म प्रेर ल्याता।
रामप्रताप मैया जी की शुभ दृष्टि पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...