श्रीकृष्ण जी की आरती, Shri Kirshan Ji Ki Aarti in Hindi, कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं। श्री कृष्ण का जन्म क्षत्रिय कुल में राजा यदु के वंश में हुआ था।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे,
प्रभु जय श्री कृष्ण हरे.....
भक्तन के दुख टारे पल में दूर करे.
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी.
जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी.
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
कर कंचन कटि कंचन श्रुति कुंड़ल माला
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला,
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
दीन सुदामा तारे, दरिद्र दुख टारे.
जग के फ़ंद छुड़ाए, भव सागर तारे
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
हिरण्यकश्यप संहारे नरहरि रुप धरे.
पाहन से प्रभु प्रगटे जन के बीच पड़े.
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
केशी कंस विदारे नर कूबेर तारे.
दामोदर छवि सुन्दर भगतन रखवारे.
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे.
फ़न फ़न चढ़त ही नागन, नागन मन मोहे.
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
राज्य विभिषण थापे सीता शोक हरे.
द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे.
जय जय श्री कृष्ण हरे.....
ॐ जय श्री कृष्ण हरे.....
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