योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय

योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय, Yogi Adityanath Biography In Hindi, महंत योगी आदित्यनाथ का जन्म का नाम अजय सिंह नेगी था। इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में हुआ था। ये गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त भी हैं। ये 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। वह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। इनकी छवि कथित तौर पर एक कट्टर हिन्दू नेता की है।

Yogi Adityanath Biography
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योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का वास्तविक नाम अजय सिंह नेगी है। उन्होंने हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित से बी.एस.सी. किया है। योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे। आदित्यनाथ बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। वे गोरखपुर से लगातार 5 बार से सांसद हैं।

अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता की मांग पर आपने वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा और मात्र 26 वर्ष की आयु में भारतीय संसद के सबसे युवा सांसद बने। जनता के बीच दैनिक उपस्थिति, संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले लगभग 1500 ग्रामसभाओं में प्रतिवर्ष भ्रमण तथा हिन्दुत्व और विकास के कार्यक्रमों के कारण गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने योगी आदित्यनाथ को वर्ष 1999, 2004 और 2009 के चुनाव में निरन्तर बढ़ते हुए मतों के अन्तर से विजयी बनाकर चार बार लोकसभा का सदस्य बनाया।

आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 व 2014 में सांसद चुने गए। योगी जी ने अप्रैल 2002 मे हिन्दू युवा वाहिनी बनायी जिसके कार्यकर्ता पूरे देश मे हिन्दु धर्म विरोधी कार्यो को रोकने का काम कर रहे है।

संसद में सक्रिय उपस्थिति एवं संसदीय कार्य में रुचि लेने के कारण योगी आदित्यनाथ को केन्द्र सरकार ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग और वितरण मंत्रालय, चीनी और खाद्य तेल वितरण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सड़क परिवहन, पोत, नागरिक विमानन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालयों के स्थायी समिति के सदस्य तथा गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय की समितियों में सदस्य के रूप में समय-समय पर नामित किया।

व्यवहार कुशलता, दृढ़ता और कर्मठता से उपजी प्रबन्धकीय शैली के कारण योगी आदित्यनाथ लगभग 36 शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, प्रबन्धक या संयुक्त सचिव हैं।

7 सितम्बर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बच गये। यह हमला इतना बड़ा था की सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया। आदित्यनाथ गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धान्जली सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को जेल भेज दिया गया। उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा।

यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फ़ैल गए।  उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी।

1998 में उनके राजनीति गुरु महंत अवैद्यनाथ ने से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई। 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, उस वक्त उनकी उम्र महज 26 साल की थी।

योगी महंत हैं, उनके पास न खुद की जमीन है और न कोई घर, इसके बावजूद उन्हें कार रखने का शौक है। 2004 में योगी के पास एक क्वालिस, एक टाटा सफारी और एक मारुति एस्टीम कार थी। 2009 में उन्होंने अपनी कारें बदलीं। उन्होंने एस्टीम और क्वालिस को हटाकर अपने गैरेज में एक नई सफारी और एक फोर्ड आइकॉन को शुमार किया।

भगवाधारी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं। बीजेपी सासंद योगी आदित्यनाथ को यूपी के सीएम बनाए जाने का एलान हो गया है।

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