हम हैं भारत की बेटी, अब हम है तैयार। पढ़-लिखकर होशियार बनी हैं, सभी कामों में समझदार बनी हैं। साहस हममें है अपार, देश का बड़ा करेंगी पार। हम हैं भारत की बेटी, अब हम है तैयार। . . . Read More . . .
सुबह की किरणें आती हैं, सारी कलियाँ खिल जाती हैं। अंधकार सब खो जाता है, सब जग सुंदर हो जाता है। चिड़ियाँ गाती हैं मिल-जुलकर, बहते हैं उनके मीठे स्वर। ठंडी-ठंडी हवा सुहानी, चलती है जैसे मस्तानी। यह प्रातः की सुख-बेला है, धरती का सुख अलबेला है। नई ताजगी, नई कहानी, नया जोश पाते हैं प्राणी। खो देते हैं आलस सारा, और काम लगता है प्यारा। सुबह भली लगती है उनको, मेहनत प्यारी लगती जिनको। . . . Read More . . .
देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली। इसने ही तो कूक-कूक कर आमों में मिसरी घोली। कोयल! कोयल! सच बतलाओ क्या संदेशा लाई हो? बहुत दिनों के बाद आज फिर इस डाली पर आई हो। . . . Read More . . .
गुब्बारों का लेकर ढेर, देखो आया है शमशेर। हरे, बैंगनी, लाल, सफ़ेद, रंगो के हैं कितने भेद। कोई लंबा, कोई गोल लाओ पैसा, ले लो मोल। . . . Read More . . .
माँ, जब सूरज ढल जाता है, अँधियारा छा जाता है। आसमान में जगमग-जगमग, दीप कौन जलाता है? . . . Read More . . .