भारतीय राज्य तेलंगाना (Telangana) 2 जून 2014 को भारत का 29 वां राज्य बना। यह राज्य पहले आंध्र प्रदेश का हिस्सा था। भारत की आजादी से पहले यह हैदराबाद राज्य में शामिल था, जिसमें दो संभाग वारंगल और मेडक थे। उस समय इस क्षेत्र में निज़ामों का शासन था।
आंध्र प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच हुए टकराव के कारण पिछले कुछ दिनों में यह क्षेत्र काफी सुर्खियों में रहा था, क्योंकि केन्द्र सरकार इसे एक नया राज्य बनाने पर सहमत थी पर आंध्र प्रदेश ने क्षेत्र की अखंडता के आधार पर इसका विरोध किया था। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की आबादी 3,52,86,757 है जो कि आंध्र प्रदेश की जनसंख्या का 41.6 प्रतिशत है।
तेलंगाना (Telangana) के समर्थकों ने नए राज्य के समर्थन में कई क्षेत्रों जैसे जल संसाधनों का वितरण, नौकरी और बजट के आवंटन में भेदभाव का हवाला दिया। यह क्षेत्र आंध्र प्रदेश के राजस्व में 62 प्रतिशत का योगदान देता था। यह भी कहा गया है कि यहां कृष्णा और गोदावरी का लगभग 69 प्रतिशत जलग्रहण क्षेत्र होने के बाद भी इसे विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं से सिर्फ 19 प्रतिशत का ही फायदा मिला। एक आरोप यह भी लगाया गया कि तेलंगाना के विकास के लिए मिले धन को राज्य सरकार ने कई सालों तक खर्च नहीं किया।
प्रोफेसर जयशंकर के अनुमान के मुताबिक सिर्फ 20 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को इस क्षेत्र से भर्ती किया गया। जहां तक सचिवालय का सवाल है तो इसमें यह आंकड़ा मात्र 10 प्रतिशत है और तेलंगाना के सिर्फ 5 प्रतिशत अधिकारी ही विभिन्न विभागों का नेतृत्व करते हैं। आंध्र के पिछले 50 सालों के इतिहास में तेलंगाना से किसी भी मुख्यमंत्री ने सिर्फ साढ़े छह साल ही पद संभाला।
तेलंगाना (Telangana) के समर्थक यह भी कहते हैं कि विधानसभा और यहां के लोकसभा सदस्यों ने कई समझौते तोड़े, वादे और योजनाएं पूरी नहीं की और राज्य को शोषित, अनदेखा करके पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया। तेलंगाना और राज्य में बोली जाने वाली प्रचलित भाषा दोनों ही नाम त्रिलिंगा या त्रिलिंगा देसा शब्द से आए हैं, जिसका अर्थ होता है तीन लिंग वाला देश। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिवलिंग के रुप में तीन पहाड़ों पर आए जो कि कलेश्वरम, द्रकक्षरशम और श्रीशैलम थे। माना जाता है कि कृष्णा और गोदावरी नदी के बीच कहीं स्थित इन पहाड़ों ने इस क्षेत्र की सीमा के रुप में काम किया। यह शब्द तेलगु बोले जाने वाले क्षेत्र को मराठी प्रभुत्व वाले इलाके से अलग करते हुए इसे हैदराबाद राज्य का भाग भी बनाता है।
आंध्र प्रदेश से तेलंगाना को अलग राज्य बनाने का आंदोलन बहुत पहले शुरु हुआ था। यूं तो इसे लेकर कई आंदोलन हुए पर जो महत्वपूर्ण थे वह सन् 1969, 1972 और 2009 के थे। वक्त के साथ इन आंदोलनों ने बहुत ज़ोर पकड़ा। भारत सरकार की आधिकारिक घोषणा के साथ 9 दिसंबर 2009 को तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की प्रक्रिया शुरु हुई। इस फैसले पर विरोध जताने के लिए रायलसीमा और तटीय आंध्र क्षेत्र के विधायकों और सांसदों ने अपने इस्तीफे दे दिये।
इस घोषणा के बाद इन क्षेत्रों में कई हिंसक प्रदर्शन भी हुए। नतीजतन भारत सरकार ने 23 दिसंबर 2009 को अलग राज्य बनाने की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया। हालांकि हैदराबाद और क्षेत्र के अन्य जिलों में तेलंगाना को लेकर आंदोलन निरंतर जारी रहा। कांग्रेस के आग्रह पर भारत सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया 30 जुलाई 2013 को दोबारा शुरु कर दी। अगले एक दशक के लिए हैदराबाद को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी घोषित किया गया। परन्तु प्रस्तवित राजधानी अमरावती है। 3 अक्टूबर 2013 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह प्रक्रिया पूरी हुई।
मंत्रियों के समूह ;जीओएमद्ध द्वारा तेलंगाना विधेयक पर तैयार किये मसौदे को भारत सरकार ने 5 दिसंबर 2013 को मंजूर किया और फिर उसे संसद के दोनों सदनों में मतदान के लिए पेश किया। 15 वीं लोक सभा ने 18 फ़रवरी 2014 को नए राज्य के गठन के पक्ष में वोट दिया और फिर 20 फ़रवरी 2014 को राज्य सभा ने भी यही किया।
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 1 मार्च 2014 को इस फैसले को मंजूरी दी और इसके लिए उसी दिन गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। भारत सरकार ने 4 मार्च 2014 को तेलंगाना को नया राज्य बनाने का एलान किया और 2 जून 2014 को इसका गठन हुआ। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक तेलंगाना के गठन के कई प्रभाव हो सकते हैं। इसके समर्थन में जो सबसे अहम तर्क दिया जाता है वह यह है कि तेलंगाना जैसे एक छोटे राज्य का प्रशासन संभालना आसान होगा। हालांकि झारखंड के अनुभव को देखते हुए यह तर्क कमजोर ही लगता है। यह भी माना जाता है कि तेलंगाना के गठन से देश में और अस्थिरता आएगी क्योंकि इससे अन्य आंदोलनों जैसे गोरखालैंड, विदर्भ और बोडोलैंड के लिए जारी आंदोलनों को बल मिलेगा।
सीमाएँ : तेलंगाना (Telangana) राज्य उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा में महाराष्ट्र से घिरा है। कर्नाटक ने इसे पश्चिम की ओर से घेरा है और छत्तीसगढ़ इसके उत्तर पूर्व में है। तेलंगाना के पूर्व में उड़ीसा है। फैलाव : कुल मिलाकर यह क्षेत्र 1,14,840 किमी तक फैला है जो कि 44,34. वर्ग मील के बराबर है। नदियां : इस प्रांत की सबसे महत्वपूर्ण नदियां मूसी, कृष्णा, मंजीरा और गोदावरी हैं। शहर : तेलंगाना के सबसे बड़े शहर हैदराबाद, निजामाबाद, वारंगल और करीमनगर हैं।
जब से तेलंगाना (Telangana) के गठन की घोषणा हुई आंध्र प्रदेश के विभिन्न नेताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया। हालांकि एक बड़ी घटना 13 फ़रवरी 2014 को घटी जब लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने 12 बजे इस बिल को पेश करने की अनुमति दी। विजयवाड़ा के तत्कालीन कांग्रेस सांसद लगड़ापति राजगोपाल ने जोरदार नारों के बीच संसद में पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया। राजगोपाल ने बाद में कहा कि उन्होंने यह कदम दूसरे सांसदों के हमले से खुद को बचाने के लिए आत्मरक्षा में उठाया। उनके इस कदम से लोक सभा की कार्यवाही में अड़चनें आईं और निचली संसद के कुछ सदस्यों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
तेलंगाना में 10 जिले हैं और सन् 2011 की जनगणना के अनुसार उनकी आबादी निम्न तालिका अनुसार है। सन् 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना की जनसंख्या 4,93,86,799 है। यहां पुरुषों और महिलाओं की आबादी क्रमशः 1,77,04,078 और 2,46,48,731 है। इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 1,33,103 वर्ग किमी है और यहां का जनसंख्या घनत्व 296 प्रति वर्ग किमी है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के जिलों की कुल साक्षरता दर 66 प्रतिशत है।
कृषि तेलंगाना का एक सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। स्थानीय तौर पर यहां कपास, आम और तंबाकू की फसलें उगाई जाती हैं। तेलंगाना की दो प्रमुख नदियों कृष्णा और गोदावरी की वजह से राज्य में सिंचाई की अच्छी सुविधा है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में तेलांगना का सकल राज्य घरेलु उत्पाद ;जीएसडीपीद्ध 1,96,182 करोड़ रुपये था। नागार्जुन सागर बांध और गोदावरी नदी घाटी सिंचाई परियोजना राज्य की बहु-राज्य सिंचाई परियोजनाएं हैं। सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के मामले में तेलंगाना देश के शीर्ष निर्यातक राज्यों में से है। सिंगरेनी काॅयलेरीज़ में मौजूद कोयला भंडार के कारण तेलंगाना को एक खनिज समृद्ध राज्य माना जाता है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की जीएसडीपी 27,450 करोड़ रुपये और औद्योगिक क्षेत्र के लिए 54,687 करोड़ रुपये थी।
तेलंगाना (Telangana) राज्य में आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन द्वारा बस सेवा संचालित की जाती है और प्रदेशभर में इसकी हजारों बसें चलती हैं। यह बसें गांवों सहित राज्य के कई भागों में चलती हैं और सड़कों के विशाल नेटवर्क के चलते राज्य के विभिन्न हिस्सों से जुड़ना आसान है। यह राज्य दक्षिण मध्य रेलवे के तहत आता है। दक्षिण मध्य रेलवे के दो प्रमुख मंडल हैं, हैदराबाद और सिकंदराबाद जो इस राज्य में ही आते हैं। राज्य का सबसे बड़ा हवाई अड्डा राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है और यह देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। सरकार करीमनगर और कोथगुडेम में हवाई अड्डे बनाने और रामागंम हवाई अड्डा, निजामाबाद एयरपोर्ट और वारंगल एयरपोर्ट को अपग्रेड करने की योजना पर काम रही है।
तेलंगाना की ज्यादातर आबादी तेलगु बोलती है। राज्य के कुछ हिस्सों में उर्दू भी काफी बोली जाती है। राज्य की संस्कृति पर फारसी रीति रिवाजों का प्रभाव है जो कि निज़ामों और मुगलकाल से आया है। कई हिंदू त्यौहार जैसे दीपावली, श्री रामनवमी, गणेश चतुर्थी और महाशिवरात्री और मुस्लिम त्यौहार जैसे बकरीद, ईद-उल-फितर यहां मनाए जाते हैं। बताउकम्मा त्यौहार और लश्कर बोनालु तेलंगाना राज्य के त्यौहार हैं।
तेलगु तेलंगाना की आधिकारिक भाषा है, हालांकि कुछ लोग यह दावा भी करते हंै कि तेलंगाना में बोलीे जाने वाली तेलगु, आंध्र प्रदेश में बोली जाने वाली तेलगु से अलग है। तेलगु भाषा में संस्कृत, उर्दू और अंग्रेजी के शब्द शामिल हैं। सन् 1948 से पहले उर्दू हैदराबाद की आधिकारिक भाषा थी लेकिन बाद में हैदराबाद के भारत गणराज्य में शामिल होने पर यह सरकारी भाषा बन गई। राज्य में स्कूलों और काॅलेजों में पढ़ाई का माध्यम भी तेलगु ही है।
भारत के अन्य राज्यों की तरह तेलंगाना (Telangana) में भी संसदीय प्रणाली है। यह प्रणाली तीन विभिन्न शाखाओं में बँटी है। राज्य के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्री परिषद् के पास कार्यकारी अधिकार होते हैं। राज्य की विधानसभा में 119 सदस्य और विधान परिषद् में 40 सदस्य हैं। निचली अदालतों और हैदराबाद हाई कोर्ट के पास तेलंगाना की न्यायिक व्यवस्था की जिम्मदारी है। राज्य के प्रमुख राजनीतिक पार्टियां तेलंगाना राष्ट्र समिति ;टीआरएसद्ध, तेलगु देशम पार्टी ;तेदेपाद्ध और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हैं। संसद द्वारा फरवरी 2014 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 बिल पास करने पर तेलंगाना का गठन हुआ जिसमें उत्तर-पश्चिमी आंध्र प्रदेश से 10 जिले तेलंगाना में चले गए। तेलंगाना राज्य का गठन आधिकारिक तौर पर 2 जून 2014 को हुआ।
कई सरकारी और निजी स्कूलों के अलावा राज्य में बहुत सारे उच्च शिक्षा संस्थान और विश्वविद्यालय हैं। राज्य के स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, आईसीएसई या राज्य बोर्ड से संबद्ध हैं। यहां कई शोध संस्थान, काॅलेज और विश्वविद्यालय हैं, जो मानविकी, लाॅ और मेडिसिन आदि में व्यवसायिक शिक्षा देते हैं। हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद स्थित आईआईआईटी और वारंगल का राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान राज्य के कुछ प्रमुख शिक्षा संस्थान हैं। हैदराबाद के इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन आॅफ इंडिया और टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ फंडामेंटल रिसर्च राज्य के कुछ प्रसिद्ध शोध संस्थानों में से एक हैं।
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