किचन का वास्तु
Kitchen Ka Vastu Shastra In Hindi, यहाँ हम किचन के कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स के बारे में जानेगें। वास्तुशास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है, जिससे हमें पता चलता है कि घर, ऑफिस, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी और कौन सी नहीं, साथ ही हमें बताता है कि वास्तु दोषों का निवारण कैसे किया जा सकता है। यह मिथक या अन्धविश्वास पर आधारित बातें नहीं बताता है। घर के अन्दर कौन-सा कमरा किस दिशा में ज्यादा अच्छा रहेगा, कौन से पौधे आपको घर में लगाने चाहिए और कौन से नहीं इत्यादि।
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किचन के कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स (Kitchen Ka Vastu Tips) :-
- रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है।
- वास्तु के अनुसार रसोई, घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं होनी चाहिए।
- चूल्हे को रसोई घर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में रखना चाहिए।
- पीने का पानी रसोई घर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में रखना चाहिए।
- घर का उत्तर-पूर्वी दिशा पानी के लिए सबसे सुरक्षित दिशा है।
- रसोईघर में खाना बनाने के चूल्हे और बर्तन धोने की जगह में अंतर बनाये रखे।
- बिजली के सामान के लिए, दक्षिण पूर्व या दक्षिण दिशा उपयुक्त है।
- वास्तु के अनुसार खाना बनाने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- खाना बनाते समय पहली रोटी गाय को और आखरी रोटी कुत्ते को डालनी चाहिए । इससे घर का वास्तु दोष दूर होता है।
- उत्तर दिशा की तरफ बैठकर खाना खाना चाहिए। क्योकि इस दिशा में बैठकर खाना खाने से तनाव और बीमारी से छुटकारा मिलता है।
- रसोई घर में पूजा की अल्मारी या मंदिर नहीं रखना चाहिए।
- अनाज, मसाले, दाल, तेल, आटा और अन्य खाद्य सामग्रियों जैसे बर्तन, क्रॉकरी इत्यादि रखने के लिए पश्चिम या दक्षिण दिशा उपयुक्त माना जाता है।
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(यहाँ दी गई जानकारियाँ विभिन्न स्रोतों से ली गई हैं, हम यह दावा नहीं करते कि इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)