मुख्य द्वार का वास्तु
Main Gate Ka Vastu Shastra In Hindi, यहाँ हम मुख्य द्वार के कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स के बारे में जानेगें। वास्तुशास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है, जिससे हमें पता चलता है कि घर, ऑफिस, व्यवसाय इत्यादि में कौन सी चीज के लिए कौन सी दिशा सही होगी और कौन सी नहीं, साथ ही हमें बताता है कि वास्तु दोषों का निवारण कैसे किया जा सकता है। यह मिथक या अन्धविश्वास पर आधारित बातें नहीं बताता है। घर के अन्दर कौन-सा कमरा किस दिशा में ज्यादा अच्छा रहेगा, कौन से पौधे आपको घर में लगाने चाहिए और कौन से नहीं इत्यादि।
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मुख्य द्वार के कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स (Main Gate Ka Vastu) :-
- घर का मुख्य द्वार (Main Gate) बेहद खास होता है क्योंकि यहीं से घर में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं।
- पूर्व दिशा घर के मुख्य द्वार के लिए सबसे शुभ दिशा माना जाता है।
- पूर्व दिशा के अलावा घर के मुख्य द्वार का मुख उत्तर-पूर्व की ओर भी शुभ माना जाता है।
- मकान का मुख्य द्वार दक्षिण मुखी नहीं होना चाहिए।
- यदि आपका मकान दक्षिण मुखी है, तो द्वार के ठीक सामने बड़ा सा दर्पण लगाएं, जिससे की नकारात्मक ऊर्जा द्वार से ही वापस लौट जाएं।
- कभी भी मुख्य द्वार (Main Gate) के आगे कीचड़ या गंदगी को ना रहने दें ,ऐसा होना परिवार में किसी सदस्य को किसी रोग से ग्रस्त होने का संकेतक है।
- घर के मुख्य द्वार पर क्रिस्टल बॉल लटकाएं , इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती।
- पूजा स्थल को काफी पवित्र माना गया है लेकिन घर के सामने किसी धार्मिक स्थल का होना अशुभ माना जाता है।
- घर के मुख्य द्वार (Main Gate) पर लाल रंग का फीता बांधने से भी घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती।
- घर के बाहर या मुख्य द्वार पर सजावट के तोर पर किसी तरह का बेल या पोधा लगाना वास्तु के अनुसार सही नहीं होता।
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(यहाँ दी गई जानकारियाँ विभिन्न स्रोतों से ली गई हैं, हम यह दावा नहीं करते कि इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)