मनोहर पर्रीकर का जीवन परिचय

Manohar Parrikar Biography In Hindi, मनोहर पार्रीकर का जन्म 13 दिसम्बर, 1955 को हुआ था। वर्तमान मेँ भारत के रक्षा मंत्री है तथा उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के सांसद है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके है। उन्होंने सन १९७८ मे आई.आई.टी. मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। उन्हेँ सन 2001 मेँ आई.आई.टी. मुम्बई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी।

Manohar Parrikar Biography
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भारतीय जनता पार्टी से गोआ के मुख्यमंत्री बनने वाले मनोहर पार्रीकर (Manohar Parrikar) पहले नेता हैं। 1994 में उन्हें गोआ की द्वितीय व्यवस्थापिका के लिये चयनित किया गया था। जून 1999 से नवम्बर 1999 तक वह विरोधी पार्टी के नेता रहे। मनोहर पार्रीकर (Manohar Parrikar) 24 अक्टूबर् 2000 को गोआ के मुख्यमन्त्री बने किंतु उनकी सरकार 27 फ़रवरी 2002 तक ही चल पाई। जून 2002 में वह पुनः सभा के सदस्य बने तथा जून 5, 2002 को पुनः गोआ के मुख्यमन्त्री पद के लिये चयनित हुए।

बी.जे.पी. को गोआ की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को अकेले गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय मे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी मनोहर पार्रीकर (Manohar Parrikar) को जाता है। कई समाज सुधार योजनाओं जैसे दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना जो कि वृद्ध नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, साइबरएज योजना, सी.एम. रोजगार योजना इत्यादि में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है।

उन्हें कई प्रतिष्ठित प्रतिभाओं जैसे डॉ॰ अनुपम सराफ तथा आर. सी. सिन्हा इत्यादि को सरकार में सलाहकार के तौर पर शामिल करने का श्रेय भी जाता है। प्लानिंग कमीशन ऑफ इन्डिया तथा इंडिया टुडे के द्वारा किय गए सर्वे़क्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोआ लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी श्री मनोहर पार्रीकर (Manohar Parrikar) को गोआ में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है।

जनवरी 29, 2005 को 4 बी.जे.पी. नेताओं के इस्तीफा देने के कारण उनकी सरकार अल्पमत में आ गयी। श्री मनोहर पार्रीकर (Manohar Parrikar) ने दावा किया कि वह अपना बहुमत साबित करेंगे तथा फरवरी 2005 में ऐसा हुआ भी, किंतु बाद मे किसी कारणवश उन्हें अपना पद खोना पड़ा। लगातार विवादों के पश्चात मार्च 2005 में गोआ में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया किंतु जून 2005 में विरोधी नेता प्रताप सिंह राणे गोआ के मुख्यमंत्री बना दिये गये।

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