बन्दर दादा कविता, Bandar Dada Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
बन्दर दादा ओढ़ लबादा,
चलें देखने मेला।
एक जगह देखा ठेले पर,
लदा हुआ था केला।
देखे जब पके केले तो,
मुंह में पानी आया।
किन्तु पके केले पाने का,
ढंग समझ न आया।
कूद पड़े झट से केले पर,
सोचा नहीं नतीजा।
उस ठेले के पास खड़े थे,
चाचा और भतीजा।
देखा जब बन्दर दादा को,
दोनों सरपट भागे।
कभी वह आगे, कभी यह आगे,
कभी यह आगे, कभी वह आगे।
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