बंटी बंदर कविता, Banti Bandar Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
बंटी बंदर गया बाजार,
पतंग वो लाया सुंदर चार।
इक थी नीली, इक दुरंगी,
लाल इक थी, इक बिरंगी।
लपका-लपका गया छत पे,
पतंग तान दी आसमान पे।
बड़े जोर की हुई लडाई,
वो काटा-वो मारा।।
इक इक कर लड़ी पतंग,
बंटी की हर कटी पतंग।
बंटी रोया फुट-फुटकर,
फिर सोचा, कुछ समझा।
सूखी झाड़ी का इक डंडा,
पतंग लुटने को लाया।
रंग-रंग की पतंग लूटकर,
उसने ढेर लगाया।
अंग-अंग मुस्काया उसका,
सब पर अपना रौब जमाया।।
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