बेटियाँ हिंदी कविता, Betiyan Hindi Poems Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई हिंदी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
जब-जब भी बेटियाँ, जवान हो जाती हैं,
शांत घरों के लिए, तूफ़ान हो जाती हैं।
मिटटी का घड़ा या नाजुक काँच का महल
संभालने के लिए, जहान हो जाती हैं।
बेटी क्या हुई, कि इज्जत ज्यों दहलीज,
सिर झुकाए बाबुल की, थकान हो जाती हैं।
बड़ी बेटी, घर से, ज्यों सड़क पर गई,
नींद में भी माताएं हैरान हो जाती हैं।
कन्या भोज के लिए, लोग कतार में खड़े,
बेटी को जन्म देते ही, जुबान खो जाती है।
विचित्र प्रतिक्ष है, विदाई की घडी तक,
माँ के चहरे की, मुस्कान को जाती है।