दिवाली हिंदी कविता, Diwali Hindi Poems Nursery Rhymes, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा हिंदी में बच्चों की कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं, छोटे बच्चों की छोटी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।
वह मंगल दीप दिवाली थी,
दीपो से जगमग थाली थी।
कोई दिये जला कर तोड़ गया,
आशा की किरण को रोक गया।
इस बार ना ये हो पाएगा,
अंधियारा ना टिक पाएगा।
कर ले कोशिश कोई लाख मगर,
कोई दिया ना बूझने पाएगा।
जब रात में बारह बजते हैं,
सब लक्ष्मी पूजा करते हैं।
रात की काली मया के लिये,
दीपूं से उजाला करते हैं।
दिवाली खूब मनाएंगे,
लद्दो और पेड़ा खाएंगे।
अंतर्मन के अंधेरा को..
दीपो से दूर भगाएँगे।
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