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एक सूरज हूँ - कविता

एक सूरज हूँ हिंदी कविता, Ek Suraj Hun Hindi Poems Kavita, लोकप्रिय कवियों तथा कवित्रियों द्वारा लिखी गई दी में कविताओं का संग्रह, बच्चों के लिए लिखी गई बाल-कविताएं, हिंदी कविता, हास्य के लिए लिखी गयी कविताएं यहाँ पढ़ सकते हैं।

Ek Suraj Hun Hindi Rhymes
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"कविता"

मैं वक्त के हर लम्हे के साथ साथ चलता हूँ,
एक हलचल हूँ, समंदर के गर्भ में पलता हूँ।

आग का शोला, या कि सुलगता हुआ बारूद,
एक रूह हूँ, जिस्म से हवा बनकर निकलता हूँ।

ये आँधी-तूफ़ान क्या रोक पाएगी मुझे,
हिमालय हूँ, वक्त के साथ साथ पिघलता हूँ।

कि चाँदनी में बांध कर रखता है कौन मुझे,
जुगनू हूँ, अंधेरों में, रात भर चलता हूँ।

मुकददर व् नसीब के हवाले करते हैं मुझे,
एक राज हूँ, मौत को जीवन में बदलता हूँ।

इस धुंध और कुहासों में उलझाते हो मुझे,
सूरज हूँ, रोज छिपता, हर रोज निकलता हूँ।

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