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काला कौआ - कविता

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Kala Kauwa Hindi Rhymes
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"कविता"

काँव काँव करता ही जाये,
काला कौआ खूब सताये।

झूठ बोलो तो ये आ जाये,
आके चोंच मार भी जाये।

काला रंग इसको सुहाये,
लालच इसके मन में समाये।

दाना दो तो ये ले जाये,
अंडा हो तो ये आ जाये।

चलाकी इसकी रग रग समाये,
कोयल से फिर भी मार खाये।

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